अन्तर्वासना सेक्स कहानी डॉट कॉम के सभी पाठको को मेरा यानी विनय कुमार का नमस्कार।
अन्तर्वासना सेक्स कहानी पर ये मेरी पहेली कहानी है। में अन्तर्वासना सेक्स कहानी का नियमित पाठक हु। मेरी बीवी भी मेरे साथ कहानियाँ पढ़ती है। आप लॉगो को में मेरे और मेरी बीवी के बारे में बता दू।
में एक पाँच फुट दो इंच लम्बाई वाला स्लिम बंंदा हु। मेरी कमर तीस की है और गांड छतिस की। मेरी बीवी मीनू थोड़ी भरे बदन की है। अकदम गोरी । उसके बोबे ३८ के और गांड ४४ की है। बहुत बड़ी और गोल गोल गांड है मेरी मीनू की।
मेरी बीवी को चुदाई का भी बहुत शोक है। उसे हट्टे कट्टे पहलवान जैसे मर्द बहुत पसंद है। पहेलवानो के लोडे से भकाभक चुदवाती है। मोटे लोडे देख उसकी लार टपक ने लगती है। योनि भीनी हो जाती है।
अब में आज की कहानी पे आता हु। एक दिन की बात है में और मीनू एक सादी में गए थे। सादी साम को थी। मेरी बीवी ने एक मस्त लाल कलर की ज़ालीदार साड़ी पहनी थी। ब्लाउज एकदम बेकलेस था। पीछे सिर्फ एक डोरी थी।
मेरी बीवी मीनू साडी भी अपनी नाभि के दो इंच नीचे पहनति है। जिसे उसका पेट और नाभि साफ दिखते है। सादी में आए सब महेमान उसे देख रहे थे। क्योंकि उसकी बड़ी गांड का आकार साफ दिख रहा था। सब महेमान मर्द मीनू को नोच खाना चाहते थे ऐसा लग रहा था।
सबने भोजन लिया। फिर दूल्हे और दुल्हन को सुहागरात के लिए बधाई देकर हम निकले। हम बाइक पर थे। रात के नव बज गए थे। हमारा घर अभी दो घँटे की दुरी पर था। मीनू मेरे पीछे चिपक के बैठी थी।
तभी उसने मुझे कहा यार विनी आज सादी वाले उन लॉगो की सुहागरात होगी। पर मेरी भोसड़ी का क्या। वो कब से पानी छोड़ रही है। सादी में बहुत मर्द थे उन्हे देख कर मेरी योनि भीग चुकि है। मेरी योनि का रस मेरी जांघो तक आ रहा है। कुछ न कुछ जुगाड़ करो। मुझे बड़ा लोडा दिलवा दो। मुझे आज चुदना ही है।
मैंने कहा – “ठीक है कुछ जुगाड़ करता हु।”
रास्ता सुमसाम था। मैंने मोटरसाइकिल रोकी और मीनू को नीचे उतरने को कहा। वो नीचे उतरी मैंने उसे बालोंं में लगी पिन देने को कहा।
उसने अपने बालोंं मेसे पिन निकाल कर देते हुए पूछा। – “इसका क्या करना है?”
मैंने कहा, तू बस देखती जा।
पिन से मैंने मोटरसाइकिल के एक व्हिल की हवा निकाल दी। मीनू बहुत समजदार थी। वो तुरंत समज गई और बोली, “रास्ते पे चुदवाने का इरादा है क्या?”
मैंने कहा, “तू जे कोई आपत्ति तो नहीं?”
उसने फाटक से कहा, “में तो कब से मरी जा रही हु चुदाई के लिए। ”
तभी दूरसे एक मोटरसाइकिल आती दीखी। हम दोनों पति पत्नी ने एक दूसरे के सामने देखा। और मुस्कुरा ने लगे। वो मोटरसाइकिल नजिक आई। देखा तो वो एक बुलेट थी। और उसे चलानेवाला बुलेट से भी मजबूत। पहेलवान ऊँचा, तगड़ा हट्टा कट्टा।
उसने अपनी मोटरसाइकिल रोकी और हमें पूछा,”क्या हुआ?”
मैंने कहा, “लगता है टायर पन्चर हो गई है। मेरी बीवी मीनू तो उस मर्द को एक नज़र देखी जा रही थी। उसका नाम ताहिर था और वो एक पठान था। उसने कहा , “भाई साहेब आप एक काम कीजिए नजदीक ही मेरा आम का बगिचा है। आप वहाँ तक मोटरसाइकिल ले लीजिए में वहाँ से आपको कुछ जुगाड़ कर दूंगा।” मैंने कहा, “ठीक है।”
उसने मेरी बीवी की और देखा लाल साडी में माल लग रही थी।
ताहिर- “भाभीजी आप मेरे पीछे बैठ जाइये तब तक में आपको मेरे बगिचे में ले चलता हु।”
मैंने भी मीनू को कहा, “हा ए ठीक रहेगा तुम जाओ। में मोटरसाइकिल लेकर आता हु।”
मीनू तो इसी राह में थी। फट से उसके पीछे चिपक के बैठ गई जैसे मेरी नहीं उनकी बीवी हो। उसने बुलेट स्टार्ट किया। मेरी बीवी ने ने मुझे आँख मारी। मैंने भी उसे आँख मारी।
वो आदमी मेरी बीवी को लेकर अपने आम के बगिचे में गया। बगिचे के देख भाल करने के लिए तीन नौकर रखे थे। तीनोंं बिगिचे में एक आम के पेड़ के नीचे बैठे थे और गप्पे लगा रहे थे। तभी ताहिर ने बुलेट रोकी और एक नौकर को बुलाया और कहा, “पीछे मेरा एक दोस्त आ रहा है उसकी बाइक पन्चर हो गई है वो आए तो तुम उसकी बाइक का पन्चर बना देना।”
वो मजदुर बोला, “ठीक है साबजी। ”
ताहिर पठान मेरी बीवी को लेकर बगिचे में बने एक कमरे में घुस गया। कमरे का दरवाजा बन्ध कर दिया। मेरी बीवी सब जानती थी अब क्या होने वाला है फिर भी नाटक करते हुए बोली, “ताहिरजी आपने दरवाजा क्यों बंध किया?”
तब ताहिर ने कहा, “अब रहने भी दे साली छिनाल तू जे देखते ही पता लग गया था की तू पक्की चुदक्कड रंडी है। अनजान रास्ते पर मेरी बाइक के पीछे अनजान आदमी के साथ बैठ गई। तू जे वहीं रास्ते पर ही चोदने का मन हो गया था।”
अब मेरी बीवी भी मुस्कुराने लगी और कहने लगी, “तो वहीं चोद देते मेरे मरद के सामने।”
ताहिर – “उसे मरद मत बोल गांडू दिखता है साला।”
मिनु- “आपने बिलकुल सही पहेचाना ताहिरजी वो गांडू ही है।”
अब ताहिर पठान ने मेरी बीवी मीनू की साडी खिन्च ली और बारी के बाहर फेंक दी।
मीनू – अरे ताहिर जी आपने साडी क्यों फेंक दी। में क्या पहन के घर जाउंगी?
ताहिर – नंगी ही चली जाना वैसे तू रंडी ही है।
मेरी बीवी शर्मा गई। फिर मेरी बीवी ने अपना ब्लाउज खुद निकाल दिया और बाहर फेंक दिया।
फिर ताहिर हंसने लगा और बोला – “ए हुई न बात रंडी।”
ताहिर ने मीनू के पेटीकोट का नाड़ा छोड़ दिया और उसे भी निकाल कर बाहर फेंक दिया। अब मीनू सिर्फ लाल कलर की ब्रा और पेंटी में थी। उसके बडे बड़े मम्मे बाहर निकालने को बेताब हो रहे थे।
ताहिर ने अपने हाथोंं से ब्रा और पेंटी निकाली और बाहर फेंक दी। कमरे के बाहर बगिचे में मेरी बीवी के सारे कपड़े बिखरे पड़े थे। ताहिर भी नंगा हो गया। उसका लोडा देख कर मीनू की आँखे फट गई। बहुत ही बड़ा भिमकाय लोडा था।
पठान का लोडा था ऊपर की चमडी नहीं थी। ऊपर का टोपा बड़े टमाटर जितना बड़ा था। सोया हुआ भी सात इंच का लग रहा था। ताहिर – “कैसा है मेरा ओजार ?”
मीनू का तो जैसे गला ही सुख गया।
मीनू – “ताहिर जी आपका तो बहुत बड़ा है।”
ताहिर- बोला, सच बता अब तक कितनों से चुदि है? मीनू – “मेरे पति के सिवा दो जिम ट्रेनर मुझे हप्ते में तीन बार चोदते है। उन दोनों के औजार भी बहुत बड़े है पर आपसे तो बहुत छोटे दिखते है। आपका तो महाकाय है।”
ताहिर- “अब देखती ही रहेगी या इस से खेलेगी भी।”
मीनू ने जट से उसका लोडा पकड़ लिया और उससे खेलने लगी। अपने गालो पर फिराने लगी। फिर उसके सुपाडे को किस करने लगी।
ताहिर पठान – , “चुस ले साली दोबारा ऐसा लोडा नहीं मिलेगा ।”
मीनू उसके लोडे को चुसने लगी। सिर्फ आधा लन्ड ही मुँह में जा रहा था। देखते देखते लोडा दस इंच का हो गया।
तभी में मोटरसाइकिल लेकर वहाँ आया। आते ही एक नौकर आया और कहने लगा, “आपकी बाइक का पन्चर बनाना है ना?”
मैंने कहा, “तुझे कैसे पता?”
वो बोला, “साबजी कह रहे थे की उसके दोस्त की बाइक का पन्चर हो गया है उसे ठीक कर देना।”
मैंने उसे बाइक दी और कहा जा ठीक करवा के ला। वो मोटरसाइकिल लेकर चला गया। बाकी अभी दो नौकर रूम के बाहर थोड़े दूर बैठे थे में वहाँ जाकर उसके साथ बैठ गया।
तभी मैंने रूम में से मेरी बीवी की चिल्लाने की आवाज़ सूनी। में जनता था की ए मेरी बीवी की ही चिख है। फिर भी अनजान बनते हुए मैंने उन नोकरो को पूछा, “ये क्या हो रहा है?”
उस नोकरोने कहा, “साब आज एक बहुत खुबसुरत रंडी लाए है रूम में। लगता है साहब ने अपना डंडा उस रंडी की भोसड़ी में घुसा दिया। तभी तो वो चिल्ला रही है।”
अब उस नौकर को क्या पता की वो रंडी मेरी ही बीवी है। मैंने भी उसे कुछ नहीं बताया। उधर रूम में ताहिर ने मेरी बीवी की योनि में अपना आधा लन्ड घुसा दिया था। मेरी बीवि चिल्ला रही थी पर उसे मज़ा भी आ रहा था। ताहिर ने एक और जटका मारा और उसका पूरा लन्ड मेरी बीवी मीनू की योनि में घुस गया। मीनू जोर से चिल्लाइ। उसके चिल्लाने पर बाहर वो दोनों नौकर हंस रहे थे। उसके साथ में भी हंस दिया।
अब ताहिर अपना लोडा मीनू की भोसड़ी में आगे पीछे कर रहा था। थोड़ी देर में मीनू का दर्द गायब हो गया। अब चिल्लाने की जगह कामुक सिसकरियो की गूंज सुनाई दे रही थी।
बाहर नौकर बोला, “लगता है आज साहब पूरी रात इस रंडी को पेलेंगे।”
दूसरे ने कहा, “यार रंडी भी बहुत मस्त है। सुन कितनी कामुक आहेंं निकाल रही है।”
रूम में ताहिर पठान अब फुल स्पीड में ज़टके लगा रहा था। मेरी बीवी का तो वासना के चलते हाल बेहाल था। वो स्वर्ग की शैर कर रही थी। तकरिबन्ध बीस मिनिट की चुदाई के बाद ताहिर ने मीनू की योनि मेसे लोडा निकाला और उसे घोड़ी बनाने को कहा।
मीनू फट से घोड़ी बन गई। ताहिर ने एक ही जटके में उसका भिमकाय महकाय लोडा पिछे से मीनू की योनि में डाल दिया। मीनू फिर से चिख पड़ी। फिर शरू हुई तबदतोड चुदाई।
पठान मीनू की गांड पर जोर से चपात लगा रहा था जिससे मीनू की गांड लाल लाल हो गई थी। ताहिर जब जब गांड में चपात मरता मीनू चिल्ला उठती। पर उसे मज़ा भी बहुत आ रहा था। वो अब जोर जोर से पठान को कह रही थी। “और मार और मार। फाड़ दे मेरी पूसी को।” पठान भी फसाफस चोद रहा था।
फिर पठान ने मेरी बीवी को गोद में उठा लिया और वो खड़ा हो गया और खड़े खड़े ही चोदने लगा। फिर उसने मेरी बीवी को घुटनो के बल बैठाया और कहा मुँह खोल रंडी।
मीनू ने मुँह खोला ही था की पठान ने लोडे की पिचकारी दे मारी सिद्धि मुँह में। उसका गाढ़ा और ताज़ा माल मेरी बीवी के मुँह में था। मीनू का पूरा मुँह भर गया उसके ताजे वीर्य से। जिसे वो पठान के सामने आँख मारते हुए पी गई।
पठान ने पूछा, ” कैसा लगा मेरा माल?”
मीनू ने कहा, “एकदम कड़क,ताज़ा,नमकीन बिल्क़ुल आपकी तरह।”
अब पठान पलंग पर सो गया मीनू उसके माथे सो गई। थोड़ी देर आराम करने के बाद पठान मीनू की गांड सहलाने लगा। मीनू भी फिर से मुड में आने लगी। वो ए रात में फुल मज़ा लेना चाहती थी। पठान का बड़ा ओजार बाद में कब मिले क्या पता। उसने पठान के लोडे को मुँह में भर लिया। लगी चुसने। दस मिनिट चुसने के बाद पठान का फिर खड़ा हो गया।
इस बार पठान ने मेरी बीवी को रूम में कमर से झुका दिया और कहा, “अपने हाथोंं से अपने पैर के अंगूठे को पकड़।” मीनू ने वैसा ही किया। पठान खड़े खड़े पीछे से मीनू को चोदने लगा। साथ में उसने अपनी एक उंगली मीनू की गांड में घुसा दी। मीनू चिहुक उठी। फिर पठान ने बाजु में पड़ी तेल की बोतल उठाई और खूब सारा तेल मीनू की गांड के छेद पर लगाया। उंगली से तेल को अंदर तक घुसाया।
फिर अपना लोडा पिकी से निकाल कर गांड पर लगाया। और टोपा घुसा दिया। मीनू फिरसे चिल्लाइ। फिर आइस्ता आइस्ता ताहिर ने पूरा लोडा अंदर कर दिया। अब वो मेरी प्यारी बीवी मीनू की गांड चोद रहा था। साथ में कह रहा था। मीनू तेरी गांड बहुत मस्त है रे।
मीनू भी अब जोस में थी कहने लगी, “और ठोको मेरी गांड को। फाड़ डालो। अपनी रंडी बना लो। रखेल बना लो।”
फिर ताहिर ने लोडा मीनू की गांड से निकाला और उसे पलंग पर पटक दिया। मीनू के पैर अपने कंधे पर लिए और एक ही ज़टके में पेल दिया लोडा गांड में साथ में बॉब को मसल मसल कर लाल कर दिए। बीस मिनिट की चुदाई के बाद
ताहिर – “माल कहा निकालु?”
मीनू- “मेरे पति को बुला और उसके मुँह में जड़।”
ताहिर ने मुझे आवाज़ लगाई। नौकर को लगा की साहेब आज इस रंडी को अपने दोस्त से भी चुदवायेगे पर उसे क्या पता था मामला कुछ और ही है। में जट से रूम में आया।
ताहिर ने कहा, “मुँह खोल के बैठ जा।”
में घुटनो के बल पलंग के पास नीचे बैठ गया मुँह खोल के जीभ बाहर निकाल कर। किसी कुत्ते की तरह। ताहिर पठान ने मेरी बीवी की गांड से लोडा निकाला और मेरे मुँह में पिचकारी दे मारी। में उसका ताज़ा ताज़ा गाढ़ा वीर्य पि गया। और उसके लोडे को चाट के साफ कर दिया।
दो बार चुदाई से अब वो दोनों थक गए थे। हम वहीं रूम में सो गए। सुबह नींद खुली तो मीनू नंगी ही पठान की बाहोंमे थी। मैंने मीनू से कहा, “घर चलना है की यही रुकने का इरादा है।”
मेरी बीवी ने पठान के सामने देखा।
पठान बोला, “एफ रात रुक जाओ ना जान।”
मीनू ने मुझसे कहा, “क्या कहते हो रुकना है?”
मैंने कहा, “जैसा तूम चाहो।”
वो मुस्कुरा दी और सुबह सुबह ही पठान का लोडा चुसने लगी। में समज गया की इसका जी नहीं भरा। आज रुकना ही है। सुबह फिर से पठान ने मीनू को चोद दिया। इस बार उसने वीर्य मीनू की योनि में निकाला। उसके वीर्य से मीनू की भोसड़ी पूरी तरबतर हो गई।
फिर पठान ने कहा चलो बाहर चलते है। मीनू ने, ” कहा मेरे कपड़े?”
पठान बोला, “नंगी ही चलो।”
मिनु- “बाहर वो नौकर है।”
ताहिर – “क्या उनको नहीं पता रात में तू यहाँ चुद रही थी। चलो बाहर।”
मीनू नंगी ही बाहर निकली। तीनोंं नौकर देख रहे थे। मीनू भी बेसरम होकर नंगी घुमने लगी। दिन में और दो बार ताहिर ने मीनू को चोदा। और रात में तीन बार।
अगली सुबह हमे जाना था। मीनू ने ताहिर पठान के लोडे को किस किया और उसे बाय बोला। तभी उसे याद आया की वो तो नंगी है। उसने मुझे कहा, “अब कपड़े लाओ।”
में बगिचे में उसके फेंके हुए कपड़ो को ढूंढने लगा। सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट मिला। ब्रा पेंटी और साड़ी तो पवन के साथ उड़ गए थे। मीनू ने पेटीकोट और ब्लाउज पहना और कहा अब ऐसे घर कैसे जाऊ।
तब ताहिर ने कहा, “आगे आधे घंटे की दुरी पर एक छोटा शहर है वहाँ तक जाओ। और वहासे नए कपड़े खरीद लेना।” मैंने कहा, ” पर तब तक?” पठान बोला, “अबे तुम दोनों को यहाँ कोन जानता है?”
मीनू को ताहिर ने कहा, “बाइक पर पीछे से पेटीकोट (घाघरा) उठाके बैठना ताकि सब तेरी गांड देख सके।” मीनू ने वेसा ही किया। पेटीकोट उठा कर बैठ गई मेरे पीछे। हम चल पड़े।
पीछे से नौकर ने ताहिर पठान को कहा, “इस बार मस्त माल लाए थे साबजी।”
पठान ने नौकर को कहा, “जानता है वो आदमी कोन था?” नौकर बोला, “आपका दोस्त।”
पठान ने कहा, “वो मेरा दोस्त नहीं था वो उस रंडी का मरद था।” नौकर के मुँह खुले के खुले रह गए। हमने शहर जाकर कपड़े लिए। और घर आ गए। कैसी लगी आज की मेरी बिवी की चुदाई स्टोरी?
आपको लगा होगा की कमरे में मेरी बीवी के साथ जो हुआ वो मुझे कैसे पता? में तो बाइक लेकर पीछे आया था। दोस्तों मेरी बीवी ने ए सब मुझे विस्तार से बताया था।
जिसका लोडा ताहिर के जैसा हो। और जो मेरी रंडी छिनाल बीवी को चोदना चहता हो वो मुझे मेल जरूर करें।