फ्रेंड हस्बैंड सेक्स कहानी में पढ़ें कि जब लड़की को उसके पति से सेक्स का सुख ना मिला तो वह अपनी सहेली के पति की ओर आकर्षित हो गयी. उन दोनों ने कैसे सेक्स किया?
कहानी के पहले भाग
यौन पिपासा से व्याकुल लड़की
में आपने पढ़ा कि राजेश अपनी पत्नी की सहेली सविता के घर रात्रि भोज पर गया.
वहां सविता ने उसे अपने घर रहने के लिए मना लिया.
अब आगे Friend Husband Sex Kahani:
अगले दिन सुबह ही सविता ने सुगंधा को बताया- मैंने जीजू को यहीं रुकने को मना लिया है, तू भी बोल देना. कहाँ बाहर खाते फिरेंगे, रात बिरात में बाहर खाना भी तो ठीक नहीं.
सुगंधा बोली- तेरे को परेशानी हो जायेगी, दो चार दिन की बात तो है नहीं … पता नहीं कितने महीने लग जाएँ.
सविता बोली- जब तक वह यहाँ रहेंगे, मेरी जिन्दगी मुस्कुराएगी. वर्ना तू तो जानती ही है.
फिर सविता ने राजेश को फोन किया- मैं आपका लंच लेकर होटल आ रही हूँ. आप सामान पैक का लेना, मैं अपने साथ ले आऊंगी. रात को आप सीधे घर ही आना.
राजेश ने हँसते हुए कहा- आप तो आधी घरवाली क्या पूरी घरवाली की तरह हुक्म दे रही हैं. तो भला मैं कैसे टाल सकता हूँ.
सविता राजेश का सामान ले आई और कोठी के बाहरी हिस्से में बने गेस्ट रूम को बढ़िया करवा दिया.
जब सविता ने कपिल को ये सब बताया तो वह बहुत खुश हुआ.
सविता बोली- जब जीजू यहाँ रहेंगे तो डिनर तुम उनके साथ ही किया करना और जब तक वह यहाँ रहें, तुम चीखना-चिल्लाना नहीं.
कपिल मुस्कुराकर बोला- सुबह का ब्रेकफास्ट साथ करूँगा, रात के खाने का मेरा खुद का पता नहीं. हाँ अब कोई लड़ाई नहीं होगी, तुम भी मुझे टोकना-टाकना नहीं.
रात को राजेश जल्दी ही आ गया.
कपिल नहीं आया था.
सविता ने सुगंधा से पूछकर राजेश की मनपसंद डिश बनायी थीं.
राजेश ने खाने की बार बार तारीफ़ करी.
डिनर करके राजेश अपने रूम में चला गया, उसे कुछ ऑफिस का काम करना था.
रात को जब कपिल आया तो अपनी आदत के मुताबिक़ सविता ने उससे खाने की जिद की तो कपिल ने बस एक रोटी खायी और उठ गया.
सविता अच्छे से तैयार हुई थी तो उसने चाहा कि बेड पर कपिल उसे सेक्स करे!
पर कपिल नशे में था.
पर फिर भी दोनों ने ही कोशिश की.
सविता ने ही पहल की और अपने और कपिल के कपड़े उतार दिए और उसे उत्तेजित करने के लिए उसका लंड अपने मुंह में लेकर चूसने लगी.
पर कपिल की उत्तेजना में कोई ख़ास फर्क नहीं आया.
कपिल उसके भारी मम्मों की बहुत तारीफ़ करता था तो सविता ने अपने मम्मे उसके मुंह में ठूँस दिए और लेट गयी कपिल के ऊपर!
अब कपिल का लंड कुछ तना तो सविता ने अपना भाग्य मानते हुए अपने हाथ से उसका लंड अपनी चूत में करने का प्रयास किया.
लंड बार बार बाहर फिसल जाता.
कपिल भी लाचार-सा हो रहा था.
आखिर उसने सविता को नीचे लिटाया और सविता की मदद से अपना लंड उसकी फांकों के बीच घुसा ही दिया और कोशिश करने लगा धक्कों की!
पर उससे ज्यादा पेलम पाल हो नहीं पा रही थी, वह जल्दी ही निढाल सा होकर सविता के बगल में पड़ गया और सो गया.
हमेशा की तरह सविता फिर प्यासी कसमसाती रही और आखिर में उसने अपने वाईब्रेटर की मदद लेकर अपने को शांत किया.
पर आज वाइब्रेटर करते समय उसके ख्यालों में राजेश का मुस्कुराता चेहरा था.
एक दो दिन ऐसे ही निकल गए.
राजेश भी बहुत खुश था.
सविता सुगंधा से फोन कर करके राजेश की पसंद नापसंद पूछ लेती थी तो उसके पसंद का खाना ही बनाती थी.
अब सविता को खाना बनाना और अच्छे कपड़े पहनना अच्छा लगता था.
कोई तो था जो अब उसकी तारीफ़ करता.
एक दिन रात को अचानक मौसम खराब हो गया. बादल खूब जोर से कड़क रहे थे.
कपिल नहीं आया था बल्कि उसके एक दोस्त का फोन था कि अगर मौसम ठीक नहीं हुआ तो वह कपिल को अपने घर सुला लेगा.
तो सविता ने भी इस पर हाँ ही कह दी कि वहीं सो जाए तो अच्छा है क्योंकि बारिश में यहाँ गाड़ी चलाना खतरनाक है.
सविता को बादल कड़कने से घबराहट हो रही थी तो वह गेस्ट रूम की ओर चली गयी.
राजेश जग रहा था.
सविता ने शोर्ट नाइटी पहनी हुई थी.
अब राजेश से वह बहुत घुलमिल गयी थी तो कोई पर्दा नहीं था.
राजेश भी बरमूडा और टी शर्ट में था.
सविता को इस वक़्त यहाँ देख कर राजेश चौंका.
तो सविता ने सारी बात बतायी और कहा कि उसे अकेले डर लग रहा था तो वह उसे बुलाने आ गयी कि चलो उधर आ जाओ तो कॉफ़ी पियेंगे.
राजेश उससे बोला कि अब तो वह आधी घरवाली से कुछ ज्यादा ही हो गयी है तो ये ‘आप’ वाली फॉर्मेलिटी क्यों. क्यों न हम दोस्तों की तरह आप से तुम पर आ जाएँ.
सविता ने मुस्कुराते हुए कहा- फिर तो दोस्तों की तरह झप्पी भी ली जा सकती है.
राजेश ने बाहें फैला दीं और सविता उसकी बाँहों में झूल गयी.
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तब राजेश को उसके नुकीले निप्पल और जिस्म की गर्मी का अहसास हुआ और उसके जिस्म में करंट सा दौड़ गया.
उसने आगे बढ़कर सविता को चूम लिया और पूछा- बुरा तो नहीं मानोगी?
सविता ने पलटकर उसके होठों पर चूमते हुए कहा- मेरे को मुस्कुराने का मौक़ा मिला है तुम्हारे आने से … तो मैं तुम्हारी किसी बात का बुरा नहीं मानूंगी.
राजेश का तम्बू टाईट हो गया था.
खैर, वह सविता का हाथ पकड़कर उसके साथ आ गया.
सविता कॉफ़ी बना कर गयी थी, बस गर्म दूध डालना था.
उसने फटाफट कॉफ़ी सर्व की.
दोनों बेड पर ही बैठ कर कॉफ़ी पीने लगे.
राजेश आज एकटक सविता को देख रहा था.
सविता और उसके पैर आपस में छू रहे थे. सविता के गोरे मखमली पैरों पर लाल रंग का नेल पेंट बहुत फब रहा था.
तब सविता ने राजेश की नजरों को भांपते हुए धीरे से पूछा- जीजू क्या सोच रहे हो?
राजेश ने सविता का हाथ धीरे से सहलाते हुए कहा- कुछ नहीं.
सविता और नजदीक खिसकी और राजेश के करीब आकर उसकी आँखों में आँखें डाल कर बोली- सच बताना, क्या तुम भी वही सोच रहे हो जो मैं सोच रही हूँ?
एक बार बादल फिर जोर से गरजा, लाईट चली गयी तो कमरे में अँधेरा हो गया.
राजेश ने सविता को अपनी और खींच लिया और चिपटा लिया अपने से.
फिर तो जो उन दोनों के जिस्म लिपटे, होठ से होठ मिले, सारे बंधन टूट गए और दो दहकते जिस्म एक हो जाने को मचल उठे.
सविता राजेश से बेल की तरह लिपट गयी थी और राजेश जो बेड पर सहारा लिए बैठा था, उसने अपनी टांगें फैला कर सविता को अपने आगोश में जकड़ लिया.
अपने दोनों हाथों से सविता ने राजेश का चेहरा पकड़ा हुआ था और दोनों के होठ आपस में भिड़े हुए थे और जवान एक दूसरे के मुंह में जाने को आपस में टकरा रही थीं.
राजेश का हाथ सविता के मम्मों पर जा पहुंचा.
उसे अब अहसास हुआ कि उसके नुकीले मम्मे बिना ब्रा के थे इसीलिए उसकी छाती पर दवाब बना रहे थे.
राजेश ने मम्मों को पकड़कर मसलते हुए अब सविता को पीछे हटाते हुए नीचे लिटा दिया.
सविता के लेटते ही राजेश ने उसका टॉप ऊपर कर दिया और उसके गोल मांसल मम्मों पर अपना मुंह लगा दिया.
सविता तो कबसे प्यासी थी ऐसे अपने मम्मे चुसवाने के लिए … उसने अपना टॉप उतार फेंका और राजेश की भी टीशर्ट उतार कर चिपक गयी उससे!
राजेश उसके खूबसूरत मखमली जिस्म से चिपटा जा रहा था, उसका लंड बाहर आने को मचल रहा था.
अचानक सविता के हाथ की गिरफ्त में उसका मचलता लंड आ गया.
सविता ने उसे जकड़ लिया और जबरदस्ती ऊपर उठ कर बैठते बैठते राजेश की नेकर नीचे करके लंड को बाहर कर लिया और लपक लिया उसे अपने मुंह में!
राजेश का लंड पूरा तना हुआ था और मचल रहा था सविता के मुंह में.
वह उसके मम्मे मसल रहा था.
अब राजेश ने अपना बरमूडा पैर से नीचे उतार दिया और सविता की नेकर भी उतार दी.
सविता ने पेंटी पहनी थी जो अब आगे से भीग चुकी थी.
राजेश ने अपनी उँगलियों से पेंटी की इलास्टिक को छेड़ा तो सविता ने हिलते डुलते अपनी पेंटी उतार दी.
अब दोनों पूरे नंगे थे और चिपटे हुए थे.
राजेश सविता की चूत चूसना चाहता था तो उसने सविता से कान में फुसफुसा कर पूछा- क्या तुम्हें चुसवाना पसंद है?
सविता ने तुरंत अपनी टांगें चौड़ा दीं और राजेश के बाल पकड़कर उसका सर नीचे कर दिया.
राजेश नीचे खिसका और सविता की फांकों के बीच अपना मुंह कर दिया.
सविता आज पूरी तैयारी से बेड पर आई थी, उसकी चूत बिल्कुल रेशमी चिकनी थी. उसने अपने आशिक के लिए आज ही सफाई की थी शायद.
राजेश ने जितना हो सकता था, उसकी टांगों को चौड़ाया तो सविता ने भी अपने हाथों से अपनी फांकों को और खोल दिया ताकि उसके आशिक की जीभ पूरी गहराई तक अंदर उतर सके.
सविता की कामातुर आहें निकल रही थीं.
पूरा कमरा वासनामय हो गया था.
सविता भी अब लंड का स्वाद लेना चाहती थी तो दोनों 69 हो गए और एक दूसरे को अनोखा आनंद देने लगे.
भले ही सुगंधा भी कैसी ही सेक्सी हो, पर जो मस्ती आज सविता में चढ़ी थी और जो आग सविता के जिस्म से निकल रही थी वह राजेश के लिए एक नैसर्गिक आनंद जैसा था.
यही हाल सविता की अनुभूति का भी था.
कपिल के साथ प्यासा जीवन जीते हुए सविता के लिए तो आज की रात जैसे उसके जीवन में सावन की बौछार पड़ी थीं.
अब दोनों एक दूसरे के भीतर आने को बेचैन थे.
सविता नीचे थी तो राजेश ने उसकी टांगें चौड़ा कर ऊपर कीं और अपना मूसल घुसेड़ दिया एक ही झटके में!
इससे सविता की चीख निकल गयी पर उसने राजेश को कस के भींच लिया.
उसके लम्बे नाख़ून राजेश की पीठ पर खरोंच के लंबे निशान बना गये.
अब राजेश ने अपनी चुदाई को स्पीड दी.
सविता उसका पूरा साथ दे रही थी; वह कसमसा रही थी और बरगला रही थी.
ऐसा लग ही नहीं था कि वे साली जीजा हों. ऐसा लगता था मानों बरसों के बिछड़े आशिक हों या सुहागरात मनाते पति पत्नी!
राजेश के हाथ सविता के मम्मों पर थे और वह पूरे जोर शोर से सविता की चुदाई कर रहा था.
सविता भी पूरे मन से चुदाई में मशगूल थी.
वह राजेश के ऊपर आना चाहती थी.
उसने कोशिश की राजेश को हटाने की तो राजेश ने मिन्नतें करते हुए कहा- नहीं जानू, इस समय निकालना मत, बहुत मजा आ रहा है. मेरा होने वाला है, बताओ कहाँ निकालूं?
सविता बोली- अंदर ही निकाल दो.
पर राजेश को सुगंधा के गर्भवती हो जाने वाला मंजर दिमाग में आ गया तो वह एक झटके से बाहर आ गया और अपना सारा माल सविता के पेट पर निकाल दिया.
सविता भुनभुनाई- मैंने कहा था कि अंदर निकालो, तुम बाहर क्यों आये?
राजेश बोला- नहीं, कहीं कुछ गड़बड़ हो गयी तो?
सविता मुस्कुराई और बोली- इन दिनों मैं सेफ हूँ.
राजेश वहीं बगल में लेट गया.
सविता बहुत खुश थी अनदर मैन सेक्स करके!
उसे आज इतने दिनों बाद पहली बार चुदाई में मज़ा आया था.
तभी उसका मोबाइल बज उठा.
बाहर गेट पर कपिल आ गया था.
राजेश झटके से उठा और अपने रूम में चला गया.
सविता ने अपने को साफ़ किया, नाइटी के ऊपर गाउन पहना और कमरा ठीक करके बाहर गयी गेट पर कपिल को लाने.
कपिल किसी ड्राइवर के साथ आया था.
ड्राइवर ने उनकी गाड़ी अंदर की और चला गया.
कपिल सविता से बोला- बाहर बारिश बहुत तेज थी, इसीलिए लेट हो गया.
सविता ने मुस्कुराते हुए उससे कुछ नहीं कहा.
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