देसी चूत की हॉट चुदाई कहानी में मैंने शादी से कुछ ही दिन पहले बुटिक वाली आंटी के बेटे से अपनी बुर फ़टवा ली. वह मेरे कपड़े देने मेरे घर आया था. उस समय मैं पोर्न देख कर गर्म हो रही थी.
दोस्तो, यह Desi Chut Ki Hot Chudai Kahani मेरे टेलर और मेरे बीच हुए सेक्स की है.
मेरी उम्र 27 साल है और यह तब की बात है, जब मेरी शादी तय हो गयी थी.
मैं अपनी शादी को लेकर बहुत खुश थी. मैं और मेरे होने वाले पति हमेशा फ़ोन पर सेक्स की बातें करते थे क्योंकि हम दोनों अलग अलग शहर में रहते थे इसलिए मिलना सभव नहीं था.
कुछ रीति रिवाज भी हम दोनों के मिलन में बाधा थे इसलिए बस फोन ही एक सहारा था.
अपनी उत्तेजना को शांत करने के लिए हम दोनों ने कई बार वीडियो कॉल में भी एक दूसरे को नग्न देखा था और अति उत्तेजना की स्थिति में मुठ मारते हुए भी देख लिया करते थे.
इस तरह से हमारे अन्दर सेक्स की आग दिन पर दिन बढ़ती ही चली जा रही थी.
मैं पुणे में जॉब कर रही थी और मेरी फैमिली लखनऊ में रहती थी.
मैंने यह प्लान किया कि कपड़ों की शॉपिंग मैं पुणे से कर लूँगी.
वहां मेरी पहचान के दुकान और टेलर भी थे.
मेरे भावी पति की मांग थी कि मैं हमारे हनीमून के लिए ऐसे सेक्सी कपड़े बनवाऊं, जिसमें वह मेरे कामुक जिस्म का पूरा मज़ा ले सकें.
मैंने यह प्लान किया कि मैं डिजायनर ब्रा पैंटी भी अपनी टेलर आंटी से अपनी पसंद की डिज़ाइन देकर बनवा लूँ.
तो मैंने आंटी से बात की और उन्हें अपने लिए बनाने वाली ब्रा पैंटी का डिज़ाइन दिखाया.
मैंने उस डिजायन की जरूरत के अनुसार नेट व लेस आदि के साथ कपड़े दे दिए.
आंटी उस दिन कुछ जल्दी में थीं क्योंकि वे अपने गांव जा रही थीं.
लेकिन उन्होंने मुझे भरोसा दिया कि समय पर कपड़े बन जाएंगे क्योंकि उनका 21 साल का बेटा सिलाई करना जानता है, जो मेरी ब्रा पैंटी बना देगा.
आंटी ने मेरा नाप और फ़ोन नंबर ले लिया और कहा कि दो दिन बाद कपड़े घर पर ही उनका बेटा दे जाएगा.
अब वह दिन आ गया था जब कपड़े मुझे देने टेलर आने वाला था.
मैं उसके आने का इंतज़ार करने लगी.
टाइम पास करने के लिए मेरे पास कुछ नहीं था तो मैंने सोचा कि थोड़ा पोर्न ही देख लेती हूँ.
पोर्न देख कर मैं अपनी चूत में उंगली करने लगी. मेरी चूत से पानी आने लगा.
इतने मैं अचानक घण्टी बजी.
मैंने जल्दी से अपना पजामा ऊपर चढ़ाया और जाकर देखा कि टेलर मास्टर कपड़े लेकर आ चुका है.
दोस्तो, उस वक्त मेरी चूत में आग लगी हुई थी; आंखों में चुदास की खुमारी भरी हुई थी.
मैंने उसे देखा तो न जाने क्या मन हुआ, मैंने उसे अन्दर बुला लिया.
उसने मुझसे कपड़े पहन कर चैक करने को कहा.
मैं उसे देखती हुई एक जोड़ी ब्रा पैंटी लेकर रूम में बदलने आ गयी.
वह ब्रा पैंटी मुझे ढीली आ रही थी.
मैं बाहर आयी और उसे बताया कि भैया यह फिट करना होगा.
लेकिन मुझे ध्यान नहीं था कि मेरी चूत का पानी पैंटी में लग गया था.
उसने मुझे दूसरे कपड़े दिए बदलने के लिए जो मुझे फिट बैठ रहे थे.
दोस्तो, जब मैंने कमरे का दरवाज़ा खोला तो मैंने देखा वह मेरी पैंटी सूंघ रहा था और अपने लौड़े को पैंट के ऊपर से सहला रहा था.
यह सीन देख कर मेरा मन चुदने का होने लगा और मुझे न जाने क्यों मन में एक ख्याल आया कि मैं आज इस नौजवान टेलर से चुदवा कर ही रहूंगी.
मैं उस कमरे में गयी, जहां वह मेरी पैंटी लेकर बैठा था.
मुझे अचानक से आया देख कर वह थोड़ा हड़बड़ाया लेकिन फिर वो मुझे देखता ही रह गया.
क्योंकि मैं अपनी नेट की ब्रा पैंटी में ही उसके सामने आ खड़ी हुई थी.
उसमें से मेरे निप्पल और मेरी चूत की दरार साफ़ दिखाई दे रही थी.
फिर मैंने उसे अपने कमरे में बुलाया.
वह हड़बड़ाता हुआ अन्दर आया.
मैंने उसे बताया- बाकी कपड़े ठीक हैं लेकिन पहले वाला सैट तुम्हें फिट करना होगा.
उसने मेरे दूध देखते हुए कहा- आपका दोबारा से नाप लेना पड़ेगा!
उसकी नज़र मेरी चूचियों से हट ही नहीं पा रही थी.
मैंने उससे अपने दूध नापने की इजाजत दे दी.
उसने नाप लेने के लिए अपना हाथ मेरे मम्मों पर घुमाया.
मैंने जानबूझ कर अपने 34 साइज़ के मम्मों को उसके हाथों से दबवा लिए.
उसने मेरे दूध का नाप खूब मज़े से लिया.
वह अपने टेप को मेरे निप्पलों पर खूब ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था.
इससे मेरे निप्पल एकदम कड़े हो गए थे.
मम्मों के बाद वह मेरी पैंटी का साइज लेने मेरी चूत की तरफ आया तो मैंने अपनी टांगें खोल दीं और उसके मुँह के सामने अपनी चूत घुमाने लगी.
इस वजह से वह मेरी गीली चूत को छूने से खुद को रोक ही ना पाया और मदहोशी के आलम में धीमी आवाज में बोला- साली तेरी चूत की खुशबू ने तो मुझे मदहोश ही कर दिया.
मैंने कहा- तो चाट ले ना भोसड़ी के!
मेरे यह बोलते ही उसने मेरी चूत पर ज़ोर से चांटा मारा.
मैंने उससे कहा- मेरी जान, यह चूत आज तेरी है. तेरे लौड़े में दम हो तो इसका भोसड़ा बना कर दिखा!
यह सुनते ही उसने मेरी पैंटी निकाल दी मेरी बिना बाल की चूत देख कर उससे रहा न गया और वो चूत चाटने लगा.
क्या बताऊं, उसकी जीभ मुझे कितने मज़े दे रही थी.
वह कभी मेरे दाने पर, तो कभी छेद पर अपनी जीभ रगड़ रहा था.
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मैं भी रंडी की तरह अपनी चूत ऊपर नीचे रगड़ रही थी और मदहोश होकर ‘उह्ह्ह अह्ह्ह उम्म्म्म …’ की आवाज़ें निकाल रही थी.
अब वह मेरे दूध पीने ऊपर आया.
उसने मेरी ब्रा उतारी और मेरे निप्पल मसलने लगा.
मुझे दर्द तो हो रहा था लेकिन बहुत मज़ा भी आ रहा था.
वह बोला- मेरी माँ के मम्मों से टेस्टी तो तेरा दूध है साली!
मैंने उससे कहा- तो पूरा पी ले ना जानू … आज अपना सारा दूध मैं तुझे ही पिलाऊंगी.
वह बोला- चल साली रंडी, पहले तू मुझे अपने दूध ही पिला.
मैंने भी उसे बिस्तर पर खींचा और उसे मुँह को पकड़ कर अपने मम्मों में दबा लिया.
वह बड़ी बेताबी से मेरे दोनों दूध को मसलने और चूसने लगा.
मुझे भी उसके चूचे चूसने के तरीके से बड़ा मजा आ रहा था तो मैं भी अपने निप्पल पकड़ पकड़ कर उससे चुसवा रही थी और आह आह करती हुई उससे अपने दूध मसलवाने का सुख ले रही थी.
कुछ देर बाद मैंने उससे कहा- मास्टर, अब अपने नीचे भी मेरा मुँह लगवा ले.
वह अपने लौड़े को तैयार करने लगा.
मैंने उसके लंड को अपने मुँह में भरा और चूसना चालू कर दिया.
मैं अब तक चार लंड चूस चुकी थी मगर चुदाई का सुख नहीं लिया था इसलिए आज मेरी चूत में चींटी रेंग रही थीं और लग रहा था कि बस जल्दी से इसके लंड को खा जाऊं तो चैन पड़े.
वह भी मुझे चोदने के लिए बेकरार था.
उसने मुझे चुदाई की पोजीशन में चित लिटाया और लंड सैट करके एक ज़ोरदार शॉट मार दिया.
उसने अपने एक ही धक्के में मेरी चिकनी चूत में अपना लौड़ा पेला और चूत फाड़ दी.
मैं चिल्लाई मगर वो साला हरामी मेरे एक नहीं सुन रहा था.
वह मुझे खूब जोर जोर से चोदने लगा.
कुछ मिनट बाद मुझे दर्द तो बहुत ज्यादा हो रहा था लेकिन मज़ा भी खूब आ रहा था.
मैंने कभी नहीं सोचा था कि किसी गैर मर्द से चुदवाने में इतना मज़ा आएगा.
कुछ देर बाद उसने लौड़े को चूत से खींचा और मेरी चूत के रस से भीगा हुआ अपना लौड़ा मेरे मुँह में डाल दिया.
मैं अचकचा गई और उसके लौड़े को मुँह से बाहर निकालने की कोशिश करने लगी.
लेकिन वो मेरे मुँह की माँ चोदने लगा था तो मजबूरी में मुझे उसके लंड को चूसना पड़ा.
मैं हैरान थी क्योंकि उसके लौड़े से मुझे अपनी चूत के रस का खट्टा सा स्वाद बेहद मस्त लग रहा था.
साथ ही मैंने महसूस किया कि उसका लंड सच में बहुत ज़्यादा गर्म और मोटा था.
वह ज़ोर ज़ोर से मेरे मुँह में धक्के मारने लगा और मुझे गाली देने लगा- साली कुतिया, तू तो एकदम रंडी है. तू अपने पति को खूब मजा देगी.
यह सुनकर मैं भी उत्तेजित हो गयी. मैंने भी उसे गाली देना शुरू कर दी.
‘अबे लवड़े तू मेरी चूत चुदाई में मन लगा भोसड़ी के … ज्यादा ज्ञान न पेल … लंड पेल समझा!’
वह हंसने लगा और बोला- तेरी शक्ल देख कर लगता तो नहीं है कि तू ऐसी गाली देती होगी. पर एक बात है कि चुदाई में जितनी ज्यादा गंदी गाली देगी, उतना ज्यादा मजा आएगा.
उसकी इस बात से मुझे भी इत्तेफाक लगा क्योंकि चुदाई में एकदम रंडी बनकर चुदने में ही मजा आता है.
कुछ देर बाद अब हम दोनों 69 पोज़ में आ गए थे.
उसके लौड़े के पानी का स्वाद बहुत नमकीन था.
उसने भी मेरी चूत खूब चाटी.
हम दोनों अब ढीले पड़ गए थे लेकिन वह मेरी चूत में अभी भी उंगली कर रहा था और मैं उसके लौड़े को ब्लोजॉब दे रही थी.
इससे हम दोनों दोबारा गर्म हो गए थे.
उसने मुझे अपनी गोद में बिठाया और चोदने लगा.
मेरी चूचियां उसके सामने उछल रही थीं.
वह एक हाथ से मेरे एक बूब को दबा रहा था और दूसरे बूब को पीने में लग गया था.
क्या बताऊं दोस्तों, मुझे इतना ज्यादा मज़ा आ रहा था कि मैं उसके बाल पकड़ कर उसे अपने मम्मों पर दबा कर रगड़ सी रही थी.
कुछ देर बाद हम दोनों झड़ गए. झड़ने के बाद वो मुझसे अलग हुआ और अपनी पैंट उठा कर उसकी जेब में से कुछ निकालने लगा.
मैं उसे ही देख रही थी.
उसने जेब से सिगरेट की डिब्बी निकाली और सिगरेट सुलगा कर पीने लगा.
उसने एक कश लगा कर धुआँ ऊपर की तरफ छोड़ा और मुझे देखने लगा.
मुझे अपनी तरफ देखता पाकर उसने इशारा किया कि सिगरेट पीनी है?
मैंने हां में सर हिला दिया और उसकी उंगलियों में फंसी सिगरेट लेकर कश लगाने लगी.
सच में थकान के बाद सिगरेट का कश बड़ा मजा दे रहा था.
कुछ देर बाद वो बोलने लगा- यदि इस वक्त पैग भी साथ में होता तो मजा आ जाता.
मैंने कहा- ओके … वो भी है.
मैंने उठ कर शराब की बोतल उठाई और दो पैग बना कर मजा लेना शुरू किया. दो दो पैग के बाद हम दोनों फिर से चुदाई में लग गए.
उस दिन हमने पूरी रात चुदाई की … और उसने मेरी पूरी चूत फाड़ दी थी.
दो दिनों बाद वह दोबारा से मेरे कपड़े फिट करके लेकर आया.
मेरी देसी हॉट चूत में अब तक बहुत दर्द हो रहा था और उसमें काफी सूजन भी थी.
मैंने कपड़े पहन कर देखे, तो एकदम फिट आए.
वह मेरे बाहर आते ही मेरी चूत सहलाने लगा, लेकिन मैंने उसे चुदाई के लिए मना कर दिया क्योंकि मेरी चूत में दर्द था और मेरे मम्मे भी दुःख रहे थे.
उसने मेरी बात समझी और मेरी चूत पर बर्फ रगड़ने लगा ताकि सूजन और दर्द में आराम हो.
लेकिन उसके ऐसा करने से मैं फिर से गर्म होने लगी और मेरी चूत गीली होने लगी.
यह देख कर उसकी हंसी निकल गयी.
उसने धीरे से मेरी चूत पर चूमा लिया और वापस चला गया.
उसके बाद से हम जब भी मिलते, खुल कर बिंदास चुदाई करते.
वह हमेशा मेरे लिए सेक्सी कपड़े बना कर लाता.
दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी देसी चूत की हॉट चुदाई कहानी, प्लीज कमेंट्स से बताएं.
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