अन्तर्वासना की कामुकता में खोए हुए दोस्तों को मेरा नमस्कार।
मेरा नाम डेविल है। मैं जालंधर, पंजाब से हूं। मेरी उम्र 30 साल है।
आज मैं आपको मेरी जिंदगी की रियल कहानी बताने जा रहा हूँ।
यह कहानी 2016 की है जब मैं विदेश में रह रहा था। वहां मेरा अपना काम था। मेरा बदन ना ज्यादा पतला है ना ज्यादा मोटा.
मेरी हाइट पांच फीट नौ इंच है और मेरे लंड का साइज़ 6″ लम्बा और 2″ मोटा है.
अब मैं अपनी सेक्स की कहानी शुरू करता हूँ.
मैं डेढ़ साल से विदेश में था। वहां मेरा 1 मित्र बन गया, वह भी पंजाब से था। वो अंगरेजी नहीं जानता था।
ऐसे ही जान पहचान हुई और हम दोनों दोस्त बन गए। हम दोनों छुट्टी के दिन उसके रूम पर ही रहते थे।
एक दिन ऐसे ही मैं उसके रूम पर गया तो उसने मुझे कहा- मेरी फेसबुक पर किसी लड़की का मैसेज आया है।
जब मैंने देखा तब उसका मैसेज था ‘क्या आप मेरी मदद कर सकते हो?’
फिर मैंने अपनी फेसबुक से उसकी आईडी पर मैसेज किया और फिर उसने मुझे वापिस मैसेज किया।
उस लड़की का नाम था सुषी (बदला हुआ) मैंने उससे पूछा- मैडम, आपको क्या मदद चाहिए?
तो उसने बताया कि वो भारत में रहती है. उसका जीजा भी उस देश में ही है जहां आप हो. और मेरा जीजा मेरी बहन को ना कभी फोन करता है और ना ही कभी पैसे भेजता है।
मैंने उससे उसके जीजा का नाम और फोटो मांगा. मैंने सोचा कि चलो अगर मेरी वजह से किसी का भला होता है तो कर देता हूँ किसी का भला.
उसने जीजा का नाम तो बता दिया पर फोटो नहीं दिया।
फिर धीरे-धीरे हमारी साधारण बातें होने लगी। सामान्य बातों से देर रात तक बातें होने लगी। हम दोनों की बातें धीरे-धीरे प्यार की तरफ़ जाने लगी।
मेरे पहले भी 2 लड़की के साथ अफेयर रह चुके थे तो मुझे उसके साथ कोई प्यार नहीं था. मैं बस टाइम पास कर रहा था.
फिर उसने एक दिन मुझे बता दिया कि वह शादीशुदा है और उसकी एक बेटी है।
और जिस आदमी को वो ढूंढ रही है वो उसका जीजा नहीं बल्कि उसका अपना पति है।
दोस्तो, उस लड़की की यह बात सुनकर मुझे गुस्सा तो बहुत आया था पर मैंने खुद पर कन्ट्रोल रखा.
फिर मैंने सोचा कि चलो कोई बात नहीं, लड़की नहीं तो भाभी सही।
ऐसे ही 4 महीने निकल गए बातें करते करते। फिर मुझे भी धीरे-धीरे उससे प्यार होने लगा। फिर से हम दोनों देर रात तक बातें करते रहे ओर बातें प्यार में बदल गयी।
धीरे-धीरे हमारी बातें सेक्स पर आने लगी। मैंने उससे उसका फिगर पूछा तो उसने बताया कि उसका फिगर 32-30-34 का है। फिर हर रोज रात मैं उसका वीडियो काल पर सेक्सी बातें करके, अपना लंड दिखा कर उसकी चूत का पानी निकलवाने लगा।
वो मुझे दिखा कर अपनी चूत में उंगली करती थी और हस्तमैथुन से मजा लेती थी. उसने मुझे बताया कि उसने काफी समय से सेक्स नहीं किया है तो उसकी चूत चुदाई के लिए तड़प रही है, लंड की प्यासी है.
कुछ दिन बाद मेरे मामा की लड़की की शादी तय हो गयी और मुझे भी छुट्टी पर अपने देश भारत आना था। यह बात मैंने उसे कही और वो मेरे भारत आने की बात से बहुत खुश हुई।
मैंने फरवरी महीने के आखिरी हफ्ते की अपनी टिकट करवा ली। शादी मार्च महीने के आखिरी में थी।
मैं भी जालंधर आ गया था। यहां आने के बाद मेरी और सुषी की बात कम ही होती थी। मैं तो शादी में बिज़ी हो गया इसलिए सुषी मेरे साथ नाराज़ रहने लगी कि तुम मुझसे बात नहीं करते मैंने उसे बताया कि मैं शादी में बीजी हूँ।
बहन की शादी के बाद हम लोग फिर से फ्री होकर बातें करने लगे।
तो मैंने उससे कहा- मैं तुम्हें मिलना चाहता हूं। तुम कहो तो मैं तुम्हारे शहर आ जाता हूँ।
तब उसने कहा- एक दिन का प्रोग्राम बनाते हैं और मिलते हैं कहीं पर!
तो तय यह हुआ कि हम लोग उसी के शहर में मिलेंगे।
मैंने अपने घर वालों को बोल दिया कि मैं अपने एक दोस्त को मिलने जा रहा हूँ और मुझे आने में देर हो जाएगी।
मैं सुबह जल्दी ही कार लेकर घर से निकल गया और 1 घंटे बाद मैं उसके शहर पहुंच गया.
मैंने उसे फोन किया तो उसने बताया- तुम बस स्टाप पर मेरा इन्तजार करो; मैं बस अभी आ रही हूं।
मैं उसका इन्तजार करने लगा और 10 मिनट बाद ही वो आ गई. जब मैंने उसे देखा तो देखता ही रह गया. 5 फीट 2 इंच की उसकी हाइट, गोरा रंग और नीले रंग के सूट में वो बहुत प्यारी लग रही थी। वो अपनी बेटी को साथ लेकर आई थी। उसकी बेटी एक साल की थी।
मैंने उसे कार में बिठाया और हम वहां से निकल गए।
उसके शहर से थोड़ी दूर पर ही जंगल शुरू हो जाते हैं। मैंने अपनी गाड़ी उसी तरफ़ ले ली।
सड़क के किनारे गाड़ी रोक कर हम बातें करने लगे। गाड़ी में ही हमने हग किया और फिर किसिंग करने लग गए और बारिश भी शुरू हो गई थी। काफी देर तक हम गाड़ी में ही किसिंग करने लगे रहे।
उस दिन उसके पास टाइम कम था तो हम थोड़ी देर बाद वहां से निकल आये। मैंने उसे बस स्टाप पर छोड़ा और मैं अपने घर आ गया।
उसके कुछ दिन बाद मैंने उसे कहा कि हम किसी होटल में मिलते हैं.
पहले तो वो मना करने लगी, फिर थोड़ी देर मेरे मनाने के बाद वो मान गई।
हम मेरे शहर में एक होटल में मिले।
मैंने वहां 3 घंटे के लिए एक रूम बुक कर लिया था। मेरे रूम पर पहुंचने के बाद थोड़ी देर में सुषी भी आ गई। हम गले मिले और हम बेड पर बैठ गए।
आज भी वो अपनी बेटी को साथ लेकर आई थी। मैंने उसे कहा- यार तुम पहले बेटी को सुला दो, फिर हम कुछ करते हैं।
उसने अपनी चूची निकाल कर अपनी बेटी के मुँह में दे दी और जब उसकी बेटी सो गई तो हम अपने काम में लग गए.
हम बेड पर बैठे ही किस करते रहे कभी मैं उसके नीचे वाले होंठ को चूसता तो कभी ऊपर वाले होंठ को चूसता। फिर मैं उसके गालों को चूमता हुआ उसके गले को चूमने लगा।
ऐसे ही हम एक-दूसरे के कपड़े उतारने लगे। कपड़े उतार कर मैंने उसे बेड पर लिटाकर फिर से किसिंग करने लगा और थोड़ी देर तक हम किसिंग करते रहे।
फिर मैं उसके 32 साईज़ के एक स्तन को चूसने और दूसरे को दबाने लगा। उसके 32 साईज़ के चूचों पर हल्के भूरे रंग के बड़े बड़े निप्पल भी बहुत प्यारे लग रहे थे।
उसके चूचों को चूसता हुआ मैं उसके पेट पर हर जगह चुम्बन करने लगा। कभी उसकी नाभि में जीभ डालकर मस्ती करता तो कभी उसके पेट पर काट देता।
फिर उसकी एकदम क्लीन-शेव्ड चूत पर किस करने लगा और साथ में एक उंगली भी धीरे-धीरे अन्दर बाहर करने लगा। उसके बाद भाभी की चूत में जीभ डालकर चूसने लगा.
कुछ देर तक भाभी की चूत चूसने के बाद मैंने उसे मेरा लण्ड चूसने को बोला तो वो मना करने लगी. मैंने भी ज्यादा जोर नहीं डाला उसपर।
मैंने उसे पूछा कि क्या वो तैयार है अब?
उसने कहा- हां मैं भी तैयार हूँ।
मैंने उसे कहा- तुम अपने हाथ से लंड पकड़ कर चूत के छेद पर रखो.
उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत की दरार पर रगड़ा और फिर छेद पर टिका दिया. मैं धीरे-धीरे दबाव बना कर अपना लंड उसकी कसी चूत के अन्दर करने लगा.
सुषी एक लम्बे अरसे के बाद चुद रही थी तो उसकी चूत टाइट थी, उसे हल्का सा दर्द भी हो रहा था पर सुषी वो दर्द सहन कर गई।
फिर मैं अपना लन्ड धीरे अन्दर बाहर करने लगा और स्पीड बढ़ाने लगा।
अब सुषी मज़े से चुद रही थी और कामुक आवाजें निकाल रही थी- आहह … आहहह … ओहहह … मेरी जान थोड़ा आराम से करो।
फिर थोड़ी देर बाद वो खुद ही बोलने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… तेज और तेज मेरी जान पूरा दम लगा कर चोदो। आज मेरी प्यास बुझा दो; मैं 2 साल से चुदी नहीं।
मैं भी पूरा जोर लगा कर भाभी की चुदाई कर रहा था।
10 मिनट के बाद सुषी भाभी एक बार झड़ गई पर मैं लगा रहा उसे चोदने में!
असल में मैंने मेरे एक दोस्त के कहने पर मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खा ली थी और उसका असर मुझ पर बहुत देर तक रहने वाला था.
सुषी निढाल होकर बेड पर लेटी रही पर मैं लगा रहा उसे चोदने में. साथ में मैं उसे किस भी करता रहा; उसके बूब्ज़ के साथ खेलता रहा।
कुछ देर बाद सुषी भाभी एक बार फिर से झड़ गई और मुझे कहने लगी- बस करो यार … अब मुझे दर्द हो रहा है।
मगर मेरा अभी हुआ नहीं था तो मैं उसकी बातों को अनसुना करके बस उसे चोदने में लगा रहा।
सुषी को अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया था तो मैंने उससे कहा- तुम अपने हाथ से पकड़ कर मेरा निकाल दो.
उसने ऐसा ही किया।
जब मेरा निकल गया तो हम थोड़ी देर एक-दूसरे के साथ लिपटकर लेटे रहे।
हमने कुछ देर आराम किया और अपने कपड़े पहने और वहां से निकल आये।
इसके बाद भी हम दो बार मिले हैं उसी होटल में … और मैंने सुषी भाभी की गांड भी मारी है।
फिर सुषी का पति वापस आ गया था तो हमारी बातें होनी बन्द हो गई।
मैं आज सुषी के साथ बिताए पल याद करता हूँ तो लन्ड फिर से खड़ा हो जाता है।
आशा करता हूँ कि आप लोगों को मेरी सेक्सी कहानी पसंद आई होगी।