देवर भाभी सेक्स कहानी मेरी आँखों देखी घटना है. मेरे चाचा गाँव से आये हुए थे. मैंने उनको मेरी मम्मी के बाथरूम में जाते देखा तो मैंने रोशनदान से अंदर झाँका.
दोस्तो, मैं अपनी रियल सेक्स कहानी बताने जा रही हूँ.
मैं राजस्थान के गंगानगर के पास गांव की रहने वाली हूँ. मेरी फैमिली में पापा मम्मी, एक छोटा भाई और मुझे मिलाकर हम चार लोग रहते हैं.
ये Devar Bhabhi Sex Kahani मेरी मम्मी की चुदाई की है.
पहले मैं आपका परिचय अपनी मम्मी से करवा देती हूँ.
मम्मी का नाम सुमन है.
उनकी उम्र 39 साल की है, रंग एकदम गोरा है और वो साढ़े पांच फीट लम्बी हैं.
मेरी मम्मी शरीर से एकदम मस्त कड़क माल हैं.
मम्मी का फिगर 32D-30-36 का है.
अब आप समझ ही गए होंगे कि मेरी मम्मी की बड़ी सी टाइट गांड, उसे देखने वाले का लंड कैसे खड़ा कर देती होगी.
मेरी मम्मी मस्त स्वभाव की हैं और वो एकदम टाइट कपड़े पहनना पसंद करती हैं.
वो ज्यादातर सूट पहनती हैं जो काफी खुले गले के होते हैं जिसमें से उनके आधे दूध दिखते रहते हैं.
मेरी मम्मी पर हर कोई ट्राई मरता है पर वो किसी को भाव नहीं देती हैं.
पापा प्रॉपर्टी डीलर का काम करते हैं तो वो ज्यादातर घर से बाहर रहते हैं.
शाम को जब वो घर आते हैं तो ड्रिंक करके ही आते हैं और कभी कभी अपने पतले लंड से मम्मी की चुदाई करते हैं.
उनकी बेकार सी चुदाई से मम्मी की चूत की झांट का बाल भी टेड़ा नहीं होता है.
वो अपना माल निकाल कर सो जाते हैं.
उनके सोने के बाद मम्मी अपनी चूत में उंगली करके अपने आपको शांत कर लेती हैं और कभी कभी मम्मी भी एक दो पैग ड्रिंक के भी ले लेती हैं.
ये बात नए साल 2022 के अंतिम दिन की है.
उस दिन पापा घर आए हुए थे और मेरा भाई नानी के यहां गया हुआ था.
पापा के साथ मम्मी ने भी ड्रिंक कर रखी थी उस दिन!
और पापा कुछ ज्यादा ही टुन्न थे.
तभी रात में गांव से चाचा आ गए, उन्हें कहीं जाना था पर उनकी बस देरी से होने के कारण वो हमारे घर आ गए थे.
वो मम्मी को बहुत ज्यादा घूर रहे थे.
वैसे भी वो चाचा गांव में चुदाई के लिए मशहूर थे, किसी को भी चोद देना उनके बाँए हाथ का खेल था.
वो जब भी घर आते, तो मम्मी पर जरूर ट्राई करते.
पर मम्मी भाव नहीं देती थीं.
आज पापा नशे में ज्यादा थे तो वो सो गए थे.
मम्मी काम करने के बाद सोने से पहले नहाने चली गई थीं.
हमारे घर का बाथरूम मेनगेट के पास है जो कि काफी बड़ा है.
मम्मी नहाने चली गईं तो वो चाचा पापा को सोता देख बाहर पीछे जाने लगे.
जाते समय वो बाहर हॉल में रखे टेबल से टकरा गए और सब सही करके बाथरूम की तरफ जाने लगे थे.
आवाज सुन कर मैं बाहर आयी तो देखा कोई नहीं था.
मैं जैसे ही वापस जाने लगी तो चाचा को बाथरूम के साइड झांकते देखा.
तो मैं वहीं रुक गयी और देखने लगी.
मम्मी ज्यादा रात में गेट की कुंडी लगाए बिना नहाती हैं क्योंकि हमारे घर के आस-पास कोई घर नहीं है और ना कोई आता जाता है.
अभी मम्मी ने कपड़े भी नहीं उतारे होंगे कि चाचा ने गेट खोला और बाथरूम में घुस गए.
उन्होंने वापस गेट बंद कर लिया.
मुझे पता चल गया आज मम्मी पहली बार किसी दूसरे से चुदने वाली हैं तो मैंने सोचा कि क्यों ना इनकी चुदाई देखी जाए.
मैं बाथरूम के साइड वाले टॉयलेट में से रोशनदान से देखने लगी.
चाचा ने अन्दर से कुंडी लगा ली थी और मम्मी को दबोच रखा था.
मम्मी अभी सूट में थीं, उनका सिर्फ दुपट्टा उतरा हुआ था.
मम्मी बोलीं- छोड़ो, ये क्या कर रहे हो … बाहर जाओ!
वो पूरी ताकत से छूटने की कोशिश कर रही थीं.
चाचा ने उन्हें पीछे से पकड़ दीवार से लगा लिया और कहा- भाभी … सब सो गए. क्यों अपनी जवानी की गर्मी में जल रही हो. सुमन भाभी जी, मुझे सब पता है कि भाई आपको ठंडी नहीं कर सकते … और आज मैं आपको बिना चोदे नहीं छोड़ने वाला हूँ. कब से ट्राई कर रहा हूँ. आज मत रोको.
वो ये कहते हुए मम्मी के बड़े बड़े मम्मों को दबाने लगे.
मम्मी को भी अपनी प्यास का अहसास हो गया था और जो सुख आज तक उनको नहीं मिला था, उसकी उम्मीद से वो चाचा से चुदवाने को राजी हो गई थीं.
पर अब भी वो दिखावे के लिए बोलीं- नहीं नहीं छोड़ो … ये गलत है. कोई आ जाएगा … किसी को पता चल जाएगा!
चाचा एक नंबर खिलाड़ी आदमी थे, उनको मम्मी की बात से पता चल गया कि अब उन्हें सुमन भाभी की चूत मिलने वाली है.
तो चाचा ने मम्मी को दीवार से चिपका कर कहा- भाभी, कोई नहीं आएगा और ना हम किसी को बताएंगे ही नहीं, तो किसी को कुछ पता कैसे चलेगा. आज आप सब भूल कर मेरे लंड का मजा लो.
अब मम्मी भी कुछ नहीं बोलीं.
चाचा समझ गए; उन्होंने मम्मी को अपनी ओर घुमा लिया.
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मम्मी अब भी नीची नजरें करे खड़ी रहीं. मम्मी का बदन एकदम कामुक लग रहा था.
उनकी सांसें तेज चलने की वजह से उनके बड़े गले के सूट से दिख रहे बूब्स ऊपर नीचे उठ बैठ रहे थे.
चाचा ने मम्मी का मुखड़ा ऊपर उठाया तो मम्मी ने आंखें बंद कर लीं.
तब चाचा ने अपने होंठ मम्मी के होंठों से मिला दिए और वो किसी भूखे शेर की तरह मम्मी पर टूट पड़े.
चाचा मम्मी के होंठों को अपने होंठों में लेकर खींच कर चूसने लगे.
अब मम्मी भी थोड़ी गर्म होने लगी थीं.
वो चाचा से एकदम से चिपक गईं और किस करने में उनका साथ देने लगीं.
वो दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे.
चाचा मम्मी को दीवार के पास चिपका कर तेज तेज किस करने लगे.
इससे मम्मी की आहें निकलने लगीं और मम्मी चाचा के बालों में हाथ घुमाती हुई उन्हें अपनी ओर खींचने लगीं.
अब मम्मी ने अपनी जीभ चाचा के मुँह में घुसा दी और मस्ती से जीभ चुसवा रही थीं.
मम्मी को देख कर मैं ऐसा कभी सोच भी नहीं सकती थी कि वो ऐसी चुदासी हो जाएंगी. मैं हॉट देवर भाभी सेक्स का मजा लेने लगी.
चाचा के अब हाथ चलने लग गए थे, वे साथ में मम्मी की कुर्ती के ऊपर से उनके बूब्स दबा रहे थे.
जैसा मैंने आपको बताया था कि पापा ज्यादा फ़ोरप्ले नहीं करते थे तो मम्मी के बूब्स बहुत ज्यादा टाइट थे.
चाचा ने एकदम तेजी से दूध दबाए तो मम्मी की दर्द से तेज आह निकल गयी. वो धीरे दबाने का बोलने लगीं.
पर चाचा एक नम्बर का खिलाड़ी चोदू थे, वो अब कहां रुकने वाले थे.
वो मम्मी के ऊपर से दिख रहे नंगे मम्मों को मसलने लगे, साथ ही वो मम्मी के कान को चूसते हुए उनकी गर्दन पर चूसने लगे.
मम्मी वासना से तड़फने लगीं और उनकी तेज ‘आह ओह्ह आह …’ निकलने लगी.
तभी एकदम से चाचा रुक गए और मम्मी की ओर देखने लगे.
मम्मी समझ गईं और उन्होंने अपने हाथ हवा में उठा दिए.
चाचा मम्मी की कुर्ती निकालने लगे.
पर उनकी तंग कुर्ती निकल नहीं रही थी.
मम्मी ने चाचा को रुकने को बोला और खुद निकाल ऐसे फेंक दी, जैसे वापस जरूरत ही नहीं होगी.
फिर मम्मी ने झट से चाचा की शर्ट उतारकर फेंक दी.
अब चाचा के सामने मम्मी सलवार और ब्लैक ब्रा में खड़ी थीं.
मम्मी इतनी देर से जो शर्मा रही थीं वो अब एकदम खुल कर चुदासी हो गयी थीं. मम्मी के बूब्स ब्रा फाड़ने को हो रखे थे.
चाचा बिना देरी करे मम्मी के मम्मों पर टूट पड़े और तेज तेज दूध दबाने लगे.
मम्मी को अब दर्द नहीं, मजा आने लगा था.
वो पहले से ही कुछ नशे में थीं तो उनकी आवाज तेज निकलने लगी.
मम्मी ‘आह आह ई आह …’ करके चिल्ला रही थीं पर चाचा उनकी आवाज की परवाह किए बिना मसल मसल कर दूध दबा रहे थे.
चाचा के पैंट में उनका बड़ा हथियार एकदम कड़क हो गया था जिसके बड़े साइज का अंदाजा ऊपर से ही लगाया जा सकता था.
मैं समझ गई कि आज मम्मी की बैंड बजने वाली है.
मम्मी भी चाचा की बॉडी पर हाथ घुमा कर आंखें बंद किए हुई थीं और अपने बूब्स मसलवा रही थीं.
अब चाचा ने मम्मी की ब्रा नीचे करने की कोशिश की और उनके दूध ब्रा से बाहर निकालने लगे.
पर मम्मी की टाइट ब्रा में बूब्स फंसे थे, वो इतनी आसानी से कहां निकलने वाले थे.
मम्मी दीवार की साइड घूम गईं और चाचा ने ब्रा का हुक खोल कर ब्रा को निकाल दिया.
जैसे ही मम्मी वापस घूमीं, चाचा बूब्स को देखने लगे.
मम्मी के बूब्स एकदम टाइट किसी पोर्न ऐक्ट्रेस के जैसे थे और बड़े दूध पर एकदम छोटे छोटे निप्पल बड़े सेक्सी लग रहे थे.
चाचा ने आव देखा न ताव … वो मम्मी के मम्मों पर टूट पड़े और अपना पूरा मुँह खोल कर एक दूध को अपने मुँह में भर लिया.
मम्मी की तेज मीठी सी आह निकली और चाचा मम्मी के उस दूध को मुँह से खींचते हुए चूसने लगे.
साथ ही वो मम्मी के दूसरे दूध को दबा रहे थे.
मम्मी चाचा के सिर को पकड़ अपने मम्मों पर दबा दबा कर चुसवाने लगी थीं.
कुछ ही देर में मम्मी के गोरे बूब्स लाल हो गए थे … और हों भी क्यों नहीं, इतने मस्त मसले और चूसे जो गए थे.
चाचा मम्मी के एक दूध को चूसते चूसते एकदम से काटा.
तो मम्मी की तेज आह निकल गयी- आई हह आह … धीरे चूसो न … काट क्यों रहे हो … मैं कहीं भाग थोड़ी रही हूँ.
चाचा ने कहा- भाभी जी अब भागोगी भी कहां … अब तो हर रोज मुझे ही याद करोगी … और ऐसे बूब्स मिले तो कोई भी खाएगा न … एकदम ताजे रसीले आम जो हैं.
मम्मी ने कहा- अब बिना खाये तो ताजा ही रहेंगे ना!
चाचा ने दूसरा दूध मुँह में लिया तो मम्मी अपने हाथ से अपना दूध पकड़ कर चाचा से चुसवाने लगीं.
और बाथरूम में मम्मी की मस्त आवाजें गूंजने लगीं- आह आह चूसो … और तेज आह … खा जाओ इनको!
इससे चाचा और ज्यादा जोश में आ गए और मम्मी के दूध मसल मसल चूसने लगे.
मम्मी के दूध एकदम लाल हो गए और निप्पल एकदम कड़क हो गए थे.
चाचा दोनों बूब्स को एक साथ पकड़ कर दबाने लगे.
मम्मी के निप्पल से चाचा की लार लगने से एकदम गीले हो गए थे और मोती की तरह चमक रहे थे.
अब चाचा नीचे पेट पर चूसते हुए आए और उन्होंने मम्मी की सलवार का नाड़ा खोल दिया.
नाड़ा ढीला होते ही एक झटके में मम्मी की सलवार धरती चूमने लगी और मम्मी सिर्फ पैंटी में आ गईं.
मम्मी की चूत अब पानी टपकाने लगी थी जिसका अंदाजा मम्मी की बहुत ज्यादा गीली पैंटी से लग रहा था.
चाचा ने मम्मी की कमर में हाथ चलाते हुए एक झटके में पैंटी उतार दी.
अब मम्मी चाचा के सामने एकदम नंगी खड़ी थीं.
मम्मी की चूत देख कर मैं भी आश्चर्यचकित हो गयी.
एकदम चिकनी और बंद गुलाब की पखुंड़ियों जैसी छोटी सी चूत … मानो आज तक इसमें लंड गया ही ना हो.
अब मुझे भी लगने लगा कि मम्मी चाचा से चुद कर कुछ गलत नहीं कर रही थीं; उल्टा बहुत पहले चुद जाना था.
इतनी सुन्दर चूत को मजबूत लंड न मिले, ये बड़ी नाइंसाफी वाली बात है.
दोस्तो, मेरी मम्मी की कसी हुई चूत को उनकी देवर ने किस बेरहमी से चोदा, वो मैं आपको सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूँगी.
आपको देवर भाभी सेक्स कहानी कैसी लग रही है, प्लीज़ मुझे मेल करके जरूर बताएं. मुझे अच्छा लगेगा.
मेरी ईमेल आईडी है
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हॉट देवर भाभी सेक्स कहानी का अगला भाग: देवर भाभी बाथरूम सेक्स