प्यारे दोस्तो, कैसे हो आप सब … सब कुछ बढ़िया होगा, ऐसी आशा है. मैं करीब 4 साल से अन्तर्वासनासेक्सकहानी डॉट कॉम पर कहानियां पढ़ता आ रहा हूँ. मुझे सेक्स कहानी पढ़ना अच्छा लगता है. मैंने कभी सोचा ही नहीं था कि मैं भी एक दिन आप लोगों के सामने अपनी कहानी पेश करूंगा.
ये मेरी पहली गंदी Antarvasna Gand Sex Kahani है … अगर कोई ग़लती दिखे, तो नजरअंदाज कर दीजिएगा. आप सेक्स कहानी पढ़ कर मुझे मेल करके मेरी ग़लती बताओगे, तो मुझे बहुत खुशी होगी.
ये कहानी मेरी और मेरे दोस्त के बीच हुए सेक्स संबंधों को लेकर है. मेरा नाम रोहित (बदला हुआ) है. मेरा पांच फिट पांच इंच का कद है और लंड का साइज़ छह इंच है. मेरी उम्र अभी 23 साल है.
ये बात तब की है, जब मेरा कॉलेज में दाखिला हुआ था. मैंने दूसरे शहर के कॉलेज में दाखिला लिया था … तो मैं हॉस्टल में रहता था.
इन दिनों मेरा कॉलेज जाना नया नया शुरू हुआ था और सभी की तरह मेरे भी अरमान थे कि कोई लड़की को पटा कर मज़े करूंगा. पर कॉलेज का माहौल देख कर मेरी कभी हिम्मत ही नहीं हुई कि किसी लड़की को पटा सकूँ. मैं बस कॉलेज में सुंदर और सेक्सी लड़कियों को देख कर अपने हाथ से ही काम चला लेता था.
ऐसे ही एक साल बीत गया. मैंने उम्मीद छोड़ दी थी कि अब कुछ नहीं होगा.
दोस्तो, में बताना भूल गया कि मैं बाइसेक्सुअल हूँ. मुझे कोई कोई लड़के भी अच्छे लगते है. मेरे हॉस्टल में मेरा एक दोस्त जो मुझसे बड़ा था, वो भी रहता था. उसका नाम अमन (बदला हुआ) था. वो दिखने में काफ़ी अच्छा था और कद काठी में भी मुझसे बड़ा था.
हम दोनों दोस्त तो थे, मगर सिर्फ़ दोस्त थे, एक दूसरे के बारे में कुछ ऐसा वैसा नहीं सोचते थे.
यूं ही दिन बीत रहे थे. मेरे एग्जाम भी खत्म हो गए थे. तब भी मैं हॉस्टल में ही रुका हुआ था. अमन भी वहीं रुका हुआ था. हम दोनों अपने रूम में बैठे हुए थे. छुट्टियां हो जाने के कारण सभी लड़के घर गए हुए थे. इक्का दुक्का लोग ही हॉस्टल में बचे थे.
इस वक्त हम दोनों के अलावा मेरे रूम में कोई नहीं था. शाम का वक्त था. हम दोनों को इधर उधर की बातें कर रहे थे कि कॉलेज में किसका क्या चल रहा है और किसकी ज़िंदगी कैसी चल रही है.
मैं- यार बड़ी बोरियत सी हो गई है … अब कॉलेज मज़ा ही नहीं आता है.
अमन- क्यों … लगता है कॉलेज में अब तक तेरी कोई सैटिंग नहीं बनी है.
मैं- हां यार तुमने सही कहा … मेरी कोई जुगाड़ है ही नहीं.
अमन- क्यों तुझे कॉलेज में कोई पसंद नहीं आती क्या?
मैं- आती तो है … पर मेरी बताने की हिम्मत ही नहीं होती.
अमन- लगता तो तू अच्छा है … फिर भी?
मैं- पता नहीं यार मेरी हिम्मत ही नहीं होती, तू बता तेरी कोई है?
अमन- नहीं … अभी तो कोई नहीं है.
ऐसे ही गपशप का दौर चल रहा था. तभी अचानक से उसने समलैंगिक सेक्स की बातें शुरू कर दीं. मैं भी उसकी इस बात से थोड़ा चौंक गया कि ये इसको क्या हो गया … आज ये ऐसे क्यों बात कर रहा है. फिर मैंने सोचा कि कोई नहीं है … इसलिए ये ऐसी बात कर रहा होगा. मैंने भी उसकी बातों का जवाब देना शुरू कर दिया.
अमन- रोहित, क्या तूने कभी गे सेक्स देखा है?
मैं- हां देखा तो है … क्यों?
अमन- बस यार ऐसे ही पूछ रहा था … क्या करते होंगे वो लोग?
मैं- सेक्स करते हैं … और क्या करते होंगे, गांड मारते हैं … और क्या?
अमन- यार मुझे भी देखना है … तेरे पास तो मुझे भी दिखा ना.
मैं- ठीक है … चल दिखाता हूँ.
मैंने सोचा कि बस उसको उत्सुकता हो रही है, इसी लिए देखना चाहता होगा.
मैंने उसे एक वीडियो दिखाया. गांड चुदाई देखते ही हम दोनों के लंड खड़े हो गए थे. वीडियो काफी हॉट था. देखते देखते हम दोनों के लंड भी खड़े होने लगे थे.
वीडियो ख़त्म होने के बाद हम दोनों गांड मराने की बातें करने लगे थे. उसने पहले तो किसी लौंडिया की गांड मारने की बात कही. मैंने उसको सुनता रहा. फिर धीरे से वो एक किसी गांड मराने वाले की बात करने लगा.
उसकी बातें सुनकर मुझे भी जोश आने लगा और मुझे भी उससे गांड मराने की बात खुलकर करने का जी करने लगा.
मैं- आज मैं तुझे एक बात बताता हूँ … किसी को बताना मत.
अमन- ठीक है … बता.
मैं- ये वीडियो तुझे अच्छा लगा?
अमन- हां पसंद तो आया … क्यों?
मैं- देख … मैं भी ये करना चाहता हूँ … पर मुझे कोई लड़का मिल नहीं रहा है. मैं सिर्फ़ ट्राइ करना चाहता हूँ कि कैसा लगता है.
अमन थोड़ी देर चुप रहा, फिर बोला.
अमन- ठीक है … तो उसमें बुराई क्या है … वीडियो तो मुझे भी पसंद आया है.
ये उसका पहला इशारा था कि वो भी ये ट्राइ करना चाहता है. चूंकि हम दोनों ने अब तक कभी सेक्स नहीं किया था, तो आप सोच सकते हो कि सेक्स करने की कितनी बेसब्री होती है.
मैंने उससे सहमते हुए पूछा- अमन क्या हम दोनों ट्राई कर सकते हैं?
मेरी इस बात पर अमन फट से बोला- हां हां ठीक है … क्यों नहीं.
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हमने रूम का दरवाज़ा बंद किया और पास में आकर बैठ गए. हम दोनों में से किसी को भी पता नहीं चल रहा था कि कैसे शुरू करें.
मैंने उसको किस करना शुरू किया. वो भी मेरा साथ दे रहा था. हमने बहुत समय तक किस किया.
फिर अमन बोला- यार एक काम कर … वीडियो फिर से लगा दे … जैसे वो लोग करते जाएंगे, वैसे ही हम भी करेंगे.
मैंने सोचा कि अच्छा आइडिया है … मैंने वीडियो शुरू कर दिया और दोनों देखने लगे. जैसे जैसे वीडियो में चल रहा था, वैसे वैसे ही हम दोनों भी करते जा रहे थे.
हम दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे और किस करते करते एक दूसरे के लंड को पैंट के ऊपर से ही सहला रहे थे. दोनों का पहली बार था कि जब कोई हमारा लंड सहला रहा था. कामवासना की गर्मी को हम दोनों नहीं सह पाए और किस करते करते ही पैंट के अन्दर ही झड़ गए. इससे हुआ ये कि हम दोनों की पैंट खराब हो गईं.
हम दोनों ने पैंट निकाल दी और नंगे हो गए. हम दोनों के लंड मुरझाए हुए थे, तो सोचा कि चलो 69 की अवस्था में आ जाते हैं और एक दूसरे के लंड को उकसाते हैं.
अब हम दोनों ही एक दूसरे के लंड को चूसने लगे थे. थोड़ी ही देर में हमारे लंड बड़े और खड़े हो गए.
आह दोस्तो … क्या मस्त अहसास था वो … जब कोई आपका लंड पहली बार मुँह में ले रहा हो. अमन और में लंड चूसते चूसते एकदम खो से गए थे. हम एक दूसरे के सर को पकड़ कर मुँह चोदने में लग गए थे.
तभी उसने मेरे लंड को मुँह से निकाला और मुझसे पूछा कि पहला कौन सेक्स करेगा?
मैंने कहा कि तुम ही पहले कर लो.
ये सुनते ही उसने मुझे बेड पर पटक दिया और बिना किसी देरी के मेरी गांड के छेद पर थूक लगा कर अपना लंड लगा दिया. मैंने भी अपनी गांड फैला दी और उसका लंड लेने की कोशिश करने लगा. वो मेरी कुंवारी गांड में लंड अन्दर घुसाने की कोशिश करने लगा.
ये मेरा पहली बार था, जब कोई मेरे छेद में लंड डाल रहा था. उसकी भरसक कोशिश के बाद भी पहली बार तो गया ही नहीं. फिर उसने और थूक लगा कर थोड़ा जोर दिया, तो उसका लंड 2 इंच तक अन्दर घुस गया. एक तो सुपारा मोटा होता है. जैसे ही उसके लंड का सुपारे ने गांड के फूल को फाड़ा, मेरी तो समझो जान ही निकल गयी.
दोस्तो, मुझे ऐसा लग रहा था कि किसी ने पिछवाड़े में कोई आग का गोला रख दिया हो. मैं आपको उसके लंड की साइज़ बताना भूल गया था. उसका लंड मुझसे आधा इंच छोटा था और शायद मोटाई में भी मेरे लंड से पतला था.
मैंने उससे थोड़ा रुकने को बोला क्योंकि मुझे बहुत दर्द हो रहा था. जब मैं थोड़ा सामान्य हुआ, तो मैंने गांड हिलाते हुए उससे बोला- हां अब डालो.
उसने इस बार गांड के छेद पर थूक टपकाया, जो कि लंड के लिए एक चिकनाई का काम कर गया. उसी समय उसने एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी गांड के अन्दर घुसा दिया.
एक बार में लंड अन्दर तक घुस जाने से मेरी चीख निकल गयी उम्म्ह… अहह… हय… याह… और मेरे आंसू भी निकल आए. मैं अधमरी कुतिया सा वैसे ही पड़ा बिलबिलाता रहा. मुझे बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा था.
थोड़ी देर में उसने अपना लंड अन्दर बाहर करना शुरू किया और मेरी गांड को बुर समझ कर चोदने लगा.
कुछ देर की परपराहट के बाद मुझे भी मज़ा आने लगा था.
उसने मुझे डॉगी स्टाइल में चोदने के बाद सामने से मेरी टाँगें उठा कर भी चोदा.
कुछ देर बाद उसका लंड छूट गया और उसने अपनी मलाई मेरी गांड में ही गिरा दी.
कुछ देर आराम के बाद उसने मेरे लंड को चूसा और खुद अपनी गांड खोल कर चूतड़ों को हिलाने लगा. मैंने उसकी गांड को भी लड़की की चुत समझ कर चोदा. मैंने भी उसके अन्दर ही अपना माल निकाल दिया.
गांड चुदाई के बाद हम दोनों ने एक दूसरे को मुस्कुराते हुए हैप्पी गांड ओपनिंग की बधाई दी और एक दूसरे को गले लगा कर चूमाचाटी की.
उस पूरी रात हम दोनों अपनी अपनी गांड में दर्द होने के कारण दवा कर गहरी नींद में सो गए. सुबह उठ कर हमने फिर से एक दूसरे को चोदा.
आज भी हम दोनों दोस्त हैं और एक दूसरे को मौका देख कर चोद लेते हैं. अब तो हम दोनों जॉब की वजह से अलग हो गए हैं, लेकिन छुट्टियों में हम दोनों किसी न किसी जगह घूमने जाते हैं और गांड चुदाई का मज़ा लेते हैं.
हम दोनों ही बाइसेक्सुअल हैं. एक बार हम दोनों ने मिलकर एक लड़की को भी चोदा था, वो कहानी बाद में लिखूंगा.
ये गन्दी कहानी आपको कैसी लगी, मुझे कमेंट्स करके ज़रूर बताइएगा.
धन्यवाद.