यह कोई कहानी नहीं है बल्कि मेरे जीवन का हिस्सा है. इसे मैंने बिल्कुल वैसा ही लिखा है जैसे बीता है! इसमें केवल प्रेम है, विशुद्ध प्रेम! ये मोहब्बत है ज़ारा की! खट-खट, खट-खट, दरवाजे पर दस्तक हुई तो मैं उनींदा सा उठा, दरवाजा खोला तो सामने वो खड़ी थी! झट से मैंने पूछा कि कौन सी उंगली से दरवाजा…