हसीना की कहानी के पहले भाग में अब तक आपने पढ़ा था ट्रेन में मुझे अदिति नाम की एक नवयौवना लड़की मिली, जिससे मेरी काफी गहरी दोस्ती हो गई थी. फिर अदिति की फ्रेंड ने मुझे उसको जल्दी से प्रपोज करने का कहा.
अब आगे:
उस शाम के डिनर के बाद मेरी और अदिति की दोस्ती की शुरुआत हो चुकी थी. अब मैं और अदिति जिम के अलावा हर संडे मिलते, कभी बाहर घूमने जाते तो कभी फिल्म देखने. कभी उसकी फ्रेंड नीला भी साथ होती, तो कभी हम दोनों ही रहते. फ़ोन और व्हॉट्सैप भी खूब बातें होतीं, पर मैं उसे अपने दिल की बात नहीं बोल पा रहा था.
वैसे तो मैं अब बेधड़क अदिति के फ्लैट पे चला जाता था और डिनर या पार्टी भी करते और कभी कभी तो नीला भी वहां नहीं होती, पर मैं फिर भी उसे अपने दिल की बात बताने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था.
जैसे ही वो मेरे साथ होती, मैं सब कुछ भूल जाता. बस उसको देखता रहता उसकी बातों को एन्जॉय करता, उसके साथ को एन्जॉय करता … लेकिन मैं क्या जानता था कि एक दिन ऐसा भी आएगा कि मैं उसे अपने दिल की बात भी बोल दूंगा और हम दोनों सारी हदें लांघ जाएंगे.
एक शनिवार रात को मैंने अदिति को कॉल किया और कहा- कल क्या कर रही हो?
उसने कहा- बताओ कोई ख़ास बात है?
मैंने कहा- हां कुछ तो है.
वो बोली- बताओ न क्या कुछ है?
मैंने कहा- यार कल मेरा जन्मदिन है और मैं ये तुम्हारे साथ सेलिब्रेट करना चाहता हूँ.
वो चहकते हुए बोली- अरे वाह … जल्दी बताओ कहां और कैसे सेलिब्रेट करना है?
मैंने कहा- ऐसा कुछ ख़ास सेलिब्रेशन नहीं करना है, बस मैं इस दिन को तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूँ.
वो एकदम से छेड़ने के अंदाज में बोली- अच्छा मेरे साथ बिताना चाहते हो … जल्दी बोलो ना … कैसे बिताना चाहते हो?
मैं उसकी इस बात पर शर्मा कर रह गया.
मैंने कहा- यार, ऐसा कुछ नहीं है, बस इस अजनबी शहर में तुम ही मेरी फ्रेंड हो इसलिए तुमसे कहा है … वैसे बताओ न कल तुम क्या कर रही हो?
उसने कहा- मैं क्या कर रही हूँ, उसको गोली मारो. तुम प्लान बताओ कि कैसे सेलिब्रेट करना है?
मैंने बोला- कल सुबह जिम में मिलते हैं … फिर सोचते हैं.
वो बोली- मैं सुबह तो नहीं आ पाऊंगी क्योंकि कल मुझे किसी काम से कॉलेज में जाना है, हां मैं शाम को चार बजे फ्री हो जाऊंगी. यदि तुम ठीक समझो तो हम इस बर्थडे को मेरे या तुम्हारे फ्लैट पे ही सेलिब्रेट कर लेंगे. यदि सुबह जिम में मिलना बहुत जरूरी हो, तो मैं कल सब काम छोड़ कर जिधर तुम कहोगे, आ जाऊंगी.
मैंने ओके कह कर ये बात कह दी- नहीं, कोई बात नहीं है, शाम को मेरे फ्लैट पर ही मिलते हैं.
ये बात कह कर मैंने कॉल खत्म कर दी.
अगले दिन संडे को 11 बजे से बारिश शुरू हो गयी. पर मैं तो चार बजने का बेसब्री से अपने फ्लैट पर अदिति के आने इंतज़ार कर रहा था. मैंने शैम्पेन की बोतल और खाने का सामान लाके पहले ही रेडी कर लिया था.
ठीक 4 बजे अदिति का कॉल आया- बारिश बहुत तेज़ है. क्या तुम मुझे कॉलेज से पिक कर सकते हो?
मैंने उसे हां बोला और कार लेकर अपनी अदिति को लेने निकल गया. अदिति लोकल बस शेल्टर के अन्दर मेरा इंतज़ार कर रही थी. मैंने उसे देखा, तो मेरा तो दिल ही जैसे उछल के बाहर आ गया. अदिति ने घुटनों तक की नीले रंग की स्लीवलेस ड्रेस पहनी थी. जिसमें वो बला की सुन्दर और सेक्सी लग रही थी. उस पे उसके थोड़े से भीगे बाल उसके चेहरे पे चिपके हुए और कयामत बरपा रहे थे. मैं तो उसे बस देखता ही रह गया.
इतने में वो गाड़ी के अन्दर आकर बैठ गयी और उसने मुझे गले लगते हुए हैप्पी बर्थडे बोला. मैं तो जैसे उसमें खो ही गया.
वो बोली- चलें?
मैंने गाड़ी आगे बढ़ा दी और दस मिनट में हम दोनों फ्लैट पे पहुंच गए.
मैंने अदिति को बाल सुखाने के लिए टॉवल दिया तो वो बाल पौंछने लगी. मैं कॉफी बनाने लगा.
हमने कॉफ़ी पी. अदिति मेरे फ्लैट की तारीफ कर रही थी और मैं बस उसे देखने में ही खोया था. आज वो गज़ब की सेक्सी लग रही थी. इस शार्ट ड्रेस में से उसकी टांगें बहुत सेक्सी लग रही थीं. मेरा दिल कर रहा था कि मैं अदिति को बेडरूम में ले जाऊं और उसे बांहों में ले कर खूब प्यार करूँ … उसके ये रस भरे होंठ चूस लूँ, उसकी ये मांसल जांघें और उठी हुई गांड सहला दूँ.
अदिति ने म्यूजिक प्लेयर पे अर्जित के गाने प्ले कर दिए तो मैं अपने ध्यान से बाहर आया.
फिर हमने खाने का सामान टेबल पे रखा और मैं फ्रिज से शैम्पेन की बोतल और दो गिलास ले आया.
जिसे देख कर अदिति ने अपने होंठ गोल करके विस्सल बजायी और बोली- जनाब का इरादा क्या है?
यह कह कर वो खिलहिला के हंसने लगी. फिर मैंने शैम्पेन खोली, अदिति ने मुझसे गले लग के विश किया.
फिर हम पीने लगे. साथ साथ म्यूजिक एन्जॉय करने लगे.
अदिति ने मुझे कपल डांस करने के लिया बोला, तो मैंने बोला- मुझे नहीं आता.
वो बोली- मैं अभी सिखा दूँगी … अभी और भी बहुत कुछ सिखाना पड़ेगा तुम्हें.
यह कह कर वो फिर से हंसने लगी.
हमने कपल डांस किया और फिर अपने अपने गिलास से शैम्पेन खत्म की. हमने अपने अपने गिलास में दोबारा शैम्पेन डाली और और मैं दीवान पे लेट गया और अदिति पास ही सोफे बैठ के बात करने लगी.
मैंने अदिति से बोला- मैं तुम्हें कुछ बोलना चाहता हूँ.
तो वो बोली- वैसे तो मुझे पता है कि तुम क्या कहना चाहते हो … पर फिर भी तुम्हारे मुँह से सुनना चाहती हूँ.
मैंने बोला- अदिति मैं तुम्हें बहुत चाहने लगा हूँ और तुमसे बहुत प्यार करने लगा हूँ, पहले दिन से ही जब से तुम्हें ट्रेन में देखा है.
वो बोली- तो अब तक बोला क्यों नहीं?
मैंने बोला- मैं डरता था कि तुम ना न कर दो.
तो वो बोली- बुद्धू हो तुम … जो लड़की की दिल की बात न समझ सके.
इतना बोल कर वो भी मेरे पास दीवान पे ही आके दीवार से पीठ लगा के लेट गयी.
मैंने उसे बोला- अदिति मेरी जिन्दगी की कुछ सच्चाई है, जिसे मैंने तुम्हें अभी तक बताया नहीं है.
वो बोली- तो अब बता दो.
मैंने उसे बोला- अदिति, मेरा तलाक हो चुका है.
वो बोली- क्यों ऐसा क्यों हुआ, तुम अच्छे परिवार से हो … अच्छे खासे दिखते हो, फिर तलाक क्यों हो गया?
मैं चुप रह गया.
फिर वो हंसते हुए बोली- कहीं तुम गे तो नहीं हो?
मैंने उसे गम्भीरता से देखा, तो वो बोली- सॉरी बाबा मज़ाक कर रही हूँ. हां बताओ तलाक क्यों हुआ?
मैं बोला- जिससे मेरी शादी हुई थी, वो किसी और से प्यार करती थी, ये बात उसने मुझे पहली रात ही बता दी थी. वो बोली थी कि वो तन और मन से अपने प्रेमी की है, अगर मैं उसे टच भी करूंगा तो वो सुसाइड कर लेगी. फिर मैंने कुछ दिनों बाद ये बात अपने पेरेंट्स को बताई और हमने आपसी सहमति से तलाक ले लिया. मैंने उसकी उसके प्रेमी के साथ कोर्ट मैरिज भी करवाई और उसक़े पेरेंट्स को भी इस शादी क़े लिए राज़ी भी किया.
अदिति बोली- वाओ … तुम बहुत अच्छे हो और मुझे तुम्हारे तलाक शुदा होने से कोई फर्क नहीं पड़ता.
इतना कह कर उसने मेरे गाल पे हल्का सा किस किया और मुझे ‘आई लव यू’ बोला.
मैंने भी ‘आई लव यू टू’ कहा.
वो हंसते हुए बोलने लगी- आफ्टरऑल तुम वर्जिन हो यार … बिल्कुल कुंवारे … मेरी तरह.
वो ज़ोर से खिलखिला के हंसने लगी. अदिति की हंसी … दोस्तो क्या बताऊं … जैसे पायल क़े घुंघरू की आवाज़ हो, उसकी हंसी को तो मैं ता-उम्र सुनता रहूँ.
अदिति मेरे बगल में ही लेटी थी, वो मुझसे बोली कि तुमने कभी किसी लड़की को किस भी नहीं किया क्या या मुझे ही सब सिखाना पड़ेगा?
मैंने बोला- किया तो नहीं है, पर अब कर सकता हूँ.
वो बोली- अच्छा!
अदिति अब पूरे मस्ती क़े मूड में थी. मुझे छेड़ते हुए बोली- तुम तो लड़कियों जैसे हो … कभी मेरे को टच करने की कोशिश भी नहीं की तुमने … मैंने तुम्हारे करीब आने क़े कितने हिंट दिए तुम्हें.
मैं हंस दिया.
फिर वो हंसते हुए बोली- कभी पोर्न फिल्म देखी है या नहीं?
तो मैंने भी बोला- हां मेरे मोबाइल में हैं न.
वो बोली- मुझे भी दिखाओ.
वो मेरा मोबाइल मुझसे छीनने लगी और मैं उससे अपना मोबाइल दूर करने लगा. इसी छीना झपटी में अदिति मेरे ऊपर आ गयी और उसके होंठ मेरे होंठों क़े बिल्कुल पास आ गई. मैंने उसके होंठों को चूम लिया.
पहले अदिति ने मेरी तरफ देखा … और फिर अपने तपते होंठ मेरे होंठों पे रख दिए. मैंने उसका निचला होंठ अपने होंठों में ले लिया और चूसने लगा और वो मेरा ऊपर का होंठ चूसने लगी.
कुछ देर उसका निचला होंठ चूसने क़े बाद मैंने उसका ऊपर वाला होंठ अपने होंठों क़े बीच ले लिया. इस तरह हम बहुत देर तक लिप किस करते रहे.
फिर जब हमारे होंठ अलग हुए, तो अदिति मेरी तरफ देख क़े मुस्करायी और मेरे माथे पे और गालों पे किस करके मेरे ऊपर ही लेट गयी. मेरे एक हाथ की उंगलियां उसके बालों को सहला रही थीं, तो दूसरा हाथ उसकी पीठ को सहला रहा था.
हम दोनों ही खामोश थे.
इस कहानी का अगला भाग : ट्रेन में एक हसीना से मुलाक़ात-3