पडोस की कुँवारी लड़की पटा के चोदा

हैलो दोस्तो मेरा नाम अनुज है, आज मै आप को अपने पहले सेक्स का अनुभव बताने जा रहा हूँ।

जब मैं 11वी क्लास में पढ़ता था, मेरे दोस्त मुझे सेक्स के बारे में बताते थे, पर मैंने कभी सेक्स नहीं किया था। पर मैंने सेक्स की किताबे पड़ी थी, और इससे मुझे सेक्स की और इच्छा जानकारी हो गयी थी।

पर मुझे चोदने को कोई मिलती नहीं थी, और हिम्मत भी नहीं होती थी। पर एक बार मुझे भी मौका मिला, और हुआ ऐसा की मेरे पड़ोस में एक परिवार रहने आया।

उनकी २ बेटी थी, छोटी वाली 11वी में ही थी, इसी लिए मेरा उसके घर आना जाना जल्दी है शुरु हो गया था। वो पढ़ने में एकदम डफर थी उसे कुछ नहीं आता था, उसको वैसे आता तो मुझे भी कुछ खास नहीं था।

पर मै थोड़ा एवरेज स्टूडेंट था, हम लोग खेलते ज्यादा थे ओर पढ़ते कम थे। उसके बूब्स ज्यदा बड़े नहीं थे, पर थी वो बहुत गोरी। मैं इसी ताक में रहता था, कि कैसे इसको चोदा जाए।

फिर एक दिन मुझे मौका मिला, हम लोग लुका छुपी बच्चो के खेल रहे थे। ओर वो मेरे साथ मेरे घर में ही दरवाजे के पीछे छुपी हुई थी, वो मुझसे चिपकी हुई थी।

अब मेरी तो हालत ही खराब हो रही थी, मेरा मन कर रहा थी कि अभी इसके कपड़े निकाल कर इसे चोद दुं। पर मुझे डर भी लग रहा था, आखिर कार मैंने हिम्मत कर के मैंने उसके कंधे पर हाथ रख ही दिया और मै बोला।

मैं – जरा दरवाजे के पीछे मुझसे सट जाओ नहीं तो हम पकड़े जएगे।

फिर उसने छुपने के लिए वैसा ही किया और वो मुझसे चिपकक कर खड़ी हो गई। मैंने उसके पीछे था और मेरा पूरा शरीर उससे चिपक गया था।

मैंने हिम्मत कर के अपना लन्ड उसकी गान्ड से चिपका दिया, तो वो कुछ नहीं बोली। थोड़ी देर में मेरा लन्ड टाईट हो गया और उसकी गान्ड के बीच में उसको वो चुभने लग गया।

उसको भी इसका अहसास हो रहा था, पर वो चपचाप छुपी हुई थी और वो कुछ नहीं बोल रही थी। तब मुझे में थोड़ी हिम्मत आई और मैंने अपना दूसरा हाथ उसकी जांघों के पास चिपका दिया।

उसने फ्रोक पहना हुआ था, थोड़ी देर बाद मैंने अपने हाथ से उसकी जांघो को अस्ते आस्ते सहलाया। जब वो कुछ नहीं बोली तो मैंने हिम्मत कर के हाथ उसकी जांघों से सरका कर आगे की तरफ कर दिया, और आगे से उसकी जांघो को पकड़ कर सहलाया।

जब वो फिर कुछ नहीं बोली तो मैंने हाथ को ऊपर करके उसकी चूत़ के पास लगाया। अब वो चुप चाप खड़ी थी, मैंने अपना हाथ उसके अंडर वियर पर पहुंचा दिया, और धीरे धीरे उसकी नरम नरम चूत पर मेरा हाथ आ गया।

फिर उसके कपड़े के उपर से ही मैं उसकी चूत को उंगली से सहलाने लग गया। पीछे से अपने लंड को मैं उसकी गंड पर दबाने लग गया, जब उसने कोई ऐतराज नहीं किया।

तो मैंने धीरे धीरे उसकी फ्रॉक को उपर करके उसकी अंडर वियर के उपर से उसकी चूत पर उंगली फेरी। फिर पैर के पास से अंडर वियर के अंदर उंगली डाल दी, और मैं उसकी चूत को अपने उंगली से टच करेने लग गया।

फिर धीरे धीरे मैंने अपनी उंगली को उसकी चूत की होल में डाल दिया, उसने कोई रिएक्शन नहीं किया। तब मैंने उपर वाला अपना हाथ उसके कंधे से सरका कर उसकी बूब्स पर रख दिया।

अब मैं धीरे धीरे उसकी बूब्स को सहलाने लग गया, अब वो पूरी तरह से मुझसे चिपक गई थी। उसकी चूत गीली हो गई थी, मैं अपनी उंगली उसकी चूत के अंदर बाहर करने लग गया।

इतने में किसी बच्चे के आने की आवाज सुनाई दी, तो मै उससे दूर होकर खड़ा हो गया। उसने भी अपने कपड़े ठीक किए, तब तक बच्चो ने हमे पकड़ लिया और मैं उसके साथ आगे कुछ कर नहीं पाया।

उस पुरी रात को में सो नहीं पाया और उसको चोदने के रास्ते खोजता रहा। फिर २ दिन बाद आखिर मुझे मौका फिर से मिला, मेरे घर वाले बाहर गए हुए थे और मेरे घर में कोई नहीं था।

मैंने उसको उसके घर के बाहर कुछ करते देखा, तो उसको मैंने बुला लिया। वो भी आ गई मैंने उससे पूछा – क्या तुम आज खेलोगी लुका छिपी?

वो – हाँ।

मैं – मेरे घर में आज कोई नहीं है, तो तुम आज मेरे साथ मेरे घर में ही चुप जाना।

उसने भी हाँ कहा, तो मैंने बच्चो को इकट्ठा किया ओर खेल शुरु कर दिया। हम दोनों मेरे घर में चले गए और में उसको उसी दरवाजे के पास ले गया।

इस बार उसकी पीठ मेरी तरफ थी, तो मैं तुरंत ही उससे चिपक गया और अपना लन्ड उसके पीछे रगड़ने लग गया। मैंने अपने दोनों हाथो से उसकी कमर को पकडे रखा था।

फिर उसकी फ्रॉक को मैंने उपर करना शुरु किया, और धीरे धीरे उसकी फ्रॉक को उसके अंडर वियर से उपर कर दिया और उससे मैं चिपक गया।

मेरा एक हाथ से उसकी जांघो को सहलाया रहा था, और फिर उसकी चूत पर मैंने हाथ लगाया और उसकी चूत को सहलाया। जब वो कुछ नहीं बोली, तो मैंने उसकी अंडर वियर के अंदर हाथ डाल दिया।

अब मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी, पर वो फिर भी चुप चाप खड़ी थी। फिर पीछे से मैंने उसके अंडर वियर को नीचे सरका दिया, और अपना लन्ड बाहर निकाल कर उसकी गान्ड की छेद पर लगा दिया।

मैं थोड़ी देर तक उसको उसी पोजीशन में चिपका के रखा, फिर मैंने उससे पूछा – तुमको अच्छा लग रहा है ना?

वो – हाँ।

मैं – क्या तुम इधर लेटोगी?

वो – पर दरवाजा खुला है कोई आ गया तो?

मैंने तुरंत जा कर दरवाजा बंद कर दिया, और मैं उसके पास आ गया। फिर मैंने उसको नीचे लिटा दिया, फिर मैंने उसकी फ्रॉक को उपर कर दिया। अब उसके बूब्स को देख कर, मैंने उसके उपर अपना हाथ रख दिया। मैंने उसके बूब्स को दबाया और फिर उसकी बूब्स को चूसना शुरू कर दिया।

मैं कभी उसके बूब्स को चूसता तो कभी दबाता, थोड़ी देर के बाद मैंने उसकी अंडर वियर में हाथ डाल कर उसकी चूत को पकड़ लिया। तो वो गीली थी, मैंने उसके अंडर वियर को निकाल कर उसे नीचे से उसको नंगा कर दिया।

वाह दोस्तों उसकी चूत क्या मस्त थी, एक दम गोरी और उस पर हल्के हल्के बाल थे। मैंने उसकी चूत पर किस किया और थोड़ा सा तेल लेकर मैंने अपने लन्ड पर लगाया।

फिर मैंने उसकी चूत में ढेर सारा तेल भर दिया, फिर उसके पैरो के बीच में जाकर मैंने लेट गया। फिर मैंने वैसे ही अपने लन्ड को उसकी चूत पर सेट कर के थोड़ा सा दबाया।

जैसे ही सुपाड़ा थोड़ा अंदर गया वो मुझे रुकने लग गयी, और वो बोली – मुझे दर्द हो रहा है।

मैंने तभी उसके दोनो हाथो को पकड़ लिया और उसके लिप्स पर किस करने लग गया। किस करते करते ही मैंने एक जोर डर धक्का दिया और मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया।

अब वो छटपटाने लग गयी और उसकी आंखो से पानी निकलने लग गया। मैं थोड़ी देर ऐसे ही रुका रहा और फिर उसको किस करने लग गया।

वो – प्लीज मत करो दर्द हो रहा है, मैं मर जाऊंगी।

तो मैंने उसको समझाया कि पहली बार थोडा दर्द होता है, पर इस दर्द बाद बहुत मजा आयेगा। ये कह कर मैं उसे फिर से किस करने लग गया।

अब एक बार फिर से मैंने एक जोर से धक्का मारा, और अब मेरा पूरा लन्ड अन्दर चला गया। वो छूटने की कोशिश करने लगी और रोने लग गयी।

मैं थोड़ी देर तक उसी हालत में उसके उपर लेटा रहा, और जब वो शांत हुई। तो मैंने अपने लन्ड को धीरे धीरे बाहर किया ओर फिर अंदर डाला, थोड़ी देर तक मैंने ऐसा ही किया।

फिर तेजी से मैंने उसकी चुदाई शुरु कर दी, अब उसक भी दर्द काम हो रहा था। मैंने धीरे धीरे स्पीड बढ़ा दी तो वो बोली – धीरे धीरे करो दर्द हो रहा है।

तो मैंने उसकी बूब्स को दबाना शुरू किया, और उसको मैंने १५ ,२० मिनट तक इसी तरह चोदा।

उसके बाद मैंने अपना पानी उसकी चूत में ही गिरा दिया, और मैं उसके उपर लेट गया।

थोड़ी देर बाद जब मैं उसके ऊपर से उठा, तो मेरा पूरा लन्ड खून से सना हुआ था और उसके चूत से लाल और सफेद पानी निकाल रहा था।

फिर बाथरूम में जा कर हमने सफाई करी, और उससे चला नहीं जा रहा था। मैंने उसको किस किया, ओर हम लोग घर से बाहर निकल गए। बच्चो हमे ढूंढ रहे थे, फिर मैं बच्चो के साथ खेलने लग गया।

पर वो अपने घर पर जाकर लेट गई, उसके बाद वो सारा दिन वो बिस्तर से नहीं उठी। उसके बाद हम लोगो ने कई बार सेक्स किया, ओर उसने भी मेरा साथ अच्छे से दिया।
दूसरी बार की कहानी फिर कभी सुनाऊंगा।

उम्मीद है मेरे पहली सेक्स स्टोरी आप को पसंद आई होगी।