मम्मी के यार ने बेटी की चूत पर डाका डाला

दोस्तों, आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ. कैसे मेरी चुत की सील टूटी, और मम्मी का यार ने मुझे कैसे चोदा कहानी सुनाने जा रही हूँ.

मेरा नाम पायल है. मैं बंगाल की रहने वाली हूँ, मैं एक बंगाली फॅमिली से आती हूँ. पापा का जब देहांत हुआ तब मेरी मम्मी दिल्ली आ गई, क्यों की दिल्ली में मेरे मामा रहते हैं. पर मामी की वजह से, हम दोनों माँ बेटी कुछ ही दिनों में अलग रहने लगे. माँ एक ऑफिस में काम करने लगी और मैं कंप्यूटर सिखने लगी अकाउंट का काम के लिए.

दोस्तों धीरे धीरे हम दोनों दिल्ली में सेट हो गए, और फिर ठीक ठाक से रहने लगे. मेरी माँ की उम्र 36 साल है. और मेरी अठारह साल. मेरी  मम्मी को एक आदमी से प्यार हो गया या यु कहिये की मम्मी एक आदमी से चुदने लगी. मम्मी ने ऑफिस के एक आदमी से प्यार करने लगी.

धीरे-धीरे मम्मी और वह इंसान काफी करीब आ गए अब वह मेरे घर भी आने लगे उनका नाम पंकज जी था.  पंकज जी देखने में बहुत ही हैंडसम हैं वह मेरी और मेरी मम्मी का काफी ख्याल रखने लगे हम दोनों भी काफी खुश रहने लगे कोई भी कमी होती थी हम लोग उनको फोन करते थे हमें लगता था कि शहर में भी कोई ऐसा इंसान होता है जो किसी की मदद कर सकता है.

दोस्तों जिंदगी हम दोनों की बहुत आसान हो गई थी क्योंकि शहर में भी एक गार्जियन मिल गया था.

मम्मी की नज़दीकियां इतनी ज्यादा हो गई क्या मम्मी कहीं बाहर भी उनके साथ ही घूमने जाने लगी यहां तक कि कोई सामान भी लाने का होता था तो मम्मी उनको फोन करते थे अंकल आते थे उन्हें दे जाते थे और फिर शाम को वह दोनों वापस आते थे धीरे-धीरे बात इतनी बढ़ गई और मेरे घर में भी रुकने लगे.  अंकल शादीशुदा थे उनका तलाक हो चुका था उनकी पत्नी दूसरी शादी कर चुकी थी उनका कोई बच्चा नहीं था.

दोस्तों एक बात है नए साल मनाने के लिए मम्मी ने उनको इनवाइट किया और हम दोनों घर पर ही थे अंकल 9:00 बजे के करीब घर पर आए और हम लोगों ने केक काटा खाना खाए खूब मजे के डांस  के 12:00 बजे हम तीनो ने एक दूसरे को विश किया मैं अपने कमरे में चली गई और मम्मी अलग कमरे में और अंकल ड्राइंग रूम ही सोफे पर रजाई लेकर सो गए थे.

जब मुझे रात में पेशाब लगा तो मैंने अंकल वहां पर नहीं मम्मी के कमरे से आह आह की आवाज आ रही थी मैं सोची पता नहीं मम्मी का तबीयत तो खराब नहीं होगा इसलिए उनको देखने चले गए दरवाजा थोड़ा खुला हुआ था खोल कर देखें अंकल मम्मी के ऊपर चढ़े हुए थे मम्मी अपने कपड़े  उतारे हुए थे और अंकल अपने सारे कपड़े उतार के मम्मी के ऊपर चढ़े हुए थे.

अंकल मम्मी की चूचियां दबा रहे थे मम्मी अंकल को किस कर रही थी वह उनके होंठ को चूस रही थी अपना जीभ निकालकर उनके मुंह में डाल रही थी यह सब देखकर मेरा भी मन डगमगा गया मेरी चूत गीली हो गई थी.  मैं अपनी चूचियां खुद भी मसलने लगी थी. मेरे रोम रोम में आग लग गए थे.

जब-जब अंकल मम्मी को जोर से मिलते मम्मी आ फिर आवाज  करती थी. अंकल अपना लौड़ा मम्मी की चूत में डाले जा रहे थे और मम्मी मजे ले रही थी.  मम्मी की बड़ी बड़ी चूचियां हिल रही थी और जोर जोर से जब वो धक्के देते मम्मी जोर जोर से हिल जाती और आह आह करती.

अंकल मम्मी से अलग हो गए और बोले जानेमन अगर तुमने नए साल पर  पायल को साथ दो तो तुम जो कहोगी वह करेंगे चाहे तो तुम अपने नाम से मकान ले लो जेवर ले लो जो भी लेना है सब ले लो नए साल में रिश्तो की शुरुआत कुछ और होनी चाहिए.

मम्मी बोली कि आप जितना चाहे मुझे ले लो जैसे मर्जी ले लो पर अभी मेरी बेटी को छोड़ दूं वह भी 18 साल की है और तुम्हारा लौड़ा बहुत मोटा है शायद वह सह नहीं पायेगी.  इसलिए तुम अभी थोड़ा दिन रुक जाओ उसके बाद जो कहोगे करना.

अंकल  बोले मेरे पर भरोसा रखो जोर से मैं नहीं डालूंगा धीरे-धीरे डालूंगा तभी अंकल उठे और अपना बैग खोलें और उसमें से ₹100000 निकाल दे मेरे मम्मी को दे दिए.  मम्मी बोली इसका मतलब यह है कि तुम नहीं मानोगे आज तुम उसका सील तोड़कर ही रहोगे.

दोनों हंसने लगे मां अपने कमरे में आ गए दोस्तों सच तो यह था कि करीब आधे घंटे से उन दोनों की चुदाई  देख रहे थे और मुझे भी चुदने का मन करने लगा था क्योंकि मेरी चुत गीली हो चुकी थी मैं काफी गर्म हो गई थी.

तेरी मम्मी बोली ठीक है लो मजे पर मैं उसे कुछ नहीं बोलूंगी पटाना तुम्हें ही पड़ेगा.  तुम कल बोले वह मुझे पहले से ही लाइन देती है तुम चिंता नहीं करो उसकी तो कई बार चूचियां  भी छू चुका हूं वह कुछ नहीं बोली. बस तुम्हारी इजाजत की जरूरत थी क्योंकि मैं लंबे समय तक इस रिश्ते को बनाए रखना चाहता हूं और तुम दोनों को खुश रखना चाहता हूं.

दोस्तों में दौड़ कर अपने कमरे में चली गई 5 मिनट बाद  मेरे कमरे में आ गए. मैं सोने का नाटक कर लगी वो मेरे बेड पर बैठ गए.  अपना हाथ मेरे सीने पर सहलाने लगे मेरे होंठ को छूने लगे. मैं पहले से ही गर्म थी मैंने भी ज्यादा नाटक नहीं कर पाई मैं उनका हाथ पकड़ ली और अपनी चूचियों पर रख दी.  होले होले दबाने लगे दबाते दबाते दबाते मेरे सारे कपड़े उतार दिए.

अब वो मेरी चूत को चाटने लगे.  और ऊँगली घुसाने लगे. मैं आह आह करने लगी. वो मेरे ऊपर लेट गए मेरे दोनों पैरों को अलग अलग किया और अपना लौड़ा मेरी चुत पर लगाया और जोर से पेल दिया. मैं कराह उठी. दर्द काफी होने लगा था खून भी नीकलने लगा था. मैं पसीना पसीना हो गई थी.

वो अब वो मुझे जोर जोर से चोदने लगे और मैं भी जोर जोर से चुदवाने लगी. दोस्तों मेरी चुत फट चुकी थी दर्द हो रहा था पर दर्द का मजा ही अलग था. मैं खूब चुदी सारी रात.

फिर क्या था दोस्तों उस दिन से लेकर आज तक वो कभी मम्मी को कभी मुझे चोद रहे हैं और हम दोनों माँ बेटी खूब मजे ले रहे हैं.

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