मेरी लेस्बियन पड़ोसन संग सेक्स का नंगा खेल

यह घटना अभी 15 दिन पहले मेरे साथ घटी एक सच्ची घटना है. मैं मंजू, उम्र 37 साल, कलर हल्का सांवला, शादीशुदा औरत हूँ. भगवान ने जाने क्यों मेरे बदन में सेक्स की प्यास औसत से कुछ ज्यादा ही दे रखी है.

वैसे देखा जाए तो मैं मेरे पति के साथ खुश हूँ मगर 35 साल के बाद भी मेरी सेक्स की भूख घटने की जगह बहुत ही ज्यादा बढ़ गई है. मेरे पति भी इस बात से परेशान हैं क्योंकि रात को कभी भी मेरी अचानक सेक्स की चाहत से मैं उन्हें जगा देती हूँ और उनकी मर्जी रहे या ना रहे. उन पर टूट पड़ती हूँ. कई बार उनका लंड ढीला होता है, मगर आधा आधा घंटा तक लंड चूस कर मैं उसे बड़ा बना ही लेती हूँ. सिर्फ मेरे खातिर आजकल वो कुछ एलोपैथी की टेबलेट भी लेने लगे हैं, जिसकी वजह से वो आधा घंटा बिना रुके मेरे साथ सेक्स कर सकते हैं.

मैं बता रही थी कि ये घटना 15 दिन पहले की है. हुआ यूं कि उन्हें अचानक अपनी कम्पनी के काम से एक महीने तक के लिए गुड़गाँव रहने जाना पड़ा. अब नौकरी थी, सो न भी नहीं कह नहीं सकते थे. उनके जाने की सुनकर मैं तो परेशान हो गई कि मेरा क्या होगा? उनको साथ में फैमिली को ले जाने की परमीशन नहीं थी, तो मुझे मुंबई अपने घर ही रुकना पड़ा.

पहले दो दिन तो मैंने सरलता से निकाल लिए मगर तीसरे दिन सेक्स की चाह से मैं पागल सी हो गई. अपनी ही उंगलियां अपनी चूत में डाल डाल कर मैं अपनी भूख मिटाने की कोशिश करती. मगर कुछ मज़ा ही नहीं आ रहा था. जिस चूत को मोटे लंड से आधा आधा घंटा रगड़वाने की आदत हो, उस चूत में उंगली क्या काम करती.

हमारे पड़ोसी मिस्टर अग्रवाल हैं. वे दोनों पति पत्नी उम्र में मुझसे पांच साल बड़े ही होंगे. अग्रवाल साब की उम्र लगभग 40-42 साल की होगी. उनके परिवार से मेरे अच्छे ताल्लुकात हैं.

उस दिन शाम के समय मेरे घर के मेनडोर की कॉलबेल बजी.
“कौन?” मैंने अन्दर से ही पूछा.
“मैं सरला” मिसेज अग्रवाल की आवाज आई.

मैंने दरवाजा खोला. मैंने पूछा- आइए सरला जी, कहिये कैसे आना हुआ?
“कुछ नहीं, मेरे उनका फोन था, उनको अचानक भोपल जाना पड़ा. वे दो तीन दिन नहीं आएंगे, मैं बोर हो रही थी. अचानक याद आया कि तुम भी अकेली ही हो, तो सोचा चलो तुम्हारे साथ कुछ गपशप करके जरा वक्त बिता आऊं.”
“हां आओ ना … बल्कि मैं तो कहती हूँ कि आप ऐसा करो कि आज रात अपने फ्लैट को लॉक ही कर देना और यहीं सो जाना.”
“गुड आइडिया … ठीक है मैं अभी आई.” ये कहकर सरला जी अपने फ्लैट को लॉक करने वापस चली गईं.

तब तक मैंने भी कपड़े बदल लिए. मैंने ब्राउन नाइटी पहनी उसके अन्दर ब्रा पैंटी और पेटीकोट था. दस मिनट के बाद सरला जी आ गईं. इनके हाथ में एक बैग भी था. मैंने सोचा कि उसमें उनके कपड़े वगैरह होंगे.
मैंने पूछा- क्या खाना हो गया?
सरला जी- हां, तुम्हारा?
मैंने जबाव दिया- हां!

हम दोनों बात करने लगे और करीब 11 बज़े मेरे बेडरूम में ही सरला सो गई.

रात को करीब 12.30 बज़े मेरी नींद खुली. मैंने महसूस किया कि सरला मुझसे लिपटी हुई थी. उसके पैर मेरी कमर पर थे. मेरी नाइटी पूरी ऊपर को हुई पड़ी थी. सरला की नाइटी भी उसके जिस्म से खुली पड़ी थी. वह पैंटी निकाले बिना अपनी चूत मेरी चूत पे रगड़ रही थी. उसने दोनों हाथों से मुझे कसकर पकड़ रखा था. उसके मम्मे मेरे मम्मों से पूरे दबे हुए थे.

उसके होंठ बड़ी मजबूती से मेरे होंठों से चिपक गए थे. वह मुझे जबरदस्त किस कर रही थी. मैंने आंखें बंद कर रखी थीं. मगर ज्यादा वक्त मैं भी आंखें बंद नहीं रख सकी. मुझे भी इस सब में मज़ा आने लगा था. मैंने भी अपने दोनों हाथों से उसे कस लिया और किस का जबाव किस से देने लगी.

अब मेरी जीभ उसके मुँह में घूम रही थी. मैं पूरी तरह से जाग गई और उसकी इस लेस्बो चाहत में उसका साथ देने लगी थी.

मुझे सहयोग देते हुए देखकर सरला के बदन में भी गजब की फुर्ती आ गई. अब उसने मुझे नीचे लिटाया और वो अपनी नाइटी अलग करते हुए मेरे ऊपर चढ़ गई. अब वो जोर जोर से अपनी चुत मेरी चूत पे घिस रही थी.

मैं ‘अह्हह्हह … ओह्हह्ह … धीरेईईए …’ करते हुए कराहने लगी.
“सरला … ओह सरला … मेरी पैंटी भी निकाल दो प्लीज़.”

उसने झट से मेरी चूत का ढक्कन मेरी पेंटी हटा दी. पेंटी हटाते वक्त मेरे पेटीकोट का नाड़ा भी ढीला किया हुआ पड़ा था, उसने पेटीकोट और मेरी नाइटी को भी मेरे बदन से अलग कर दिया. अब हम दोनों पूरी तरह से तैयार थे. उसने मेरी पैंटी उतार फेंकी और खुद भी अपनी ब्रा उतारने लगी.

तब तक मैंने भी अपने आपको पूरी तरह से इस लेस्बियन सेक्स के लिए रेडी कर लिया था. किसी भूखे मर्द की तरह वह मुझ पर टूट पड़ी. मैं उसके नीचे फिर से दब गई थी और हिल भी नहीं पा रही थी.

चूत से चूत रगड़ रगड़ कर हम दोनों भी पूरी गीली हो चुकी थीं. फिर हम दोनों अलग हुए … पीठ के बल लेट कर हम दोनों कमरे की छत की तरफ़ देखकर बुरी तरह से हांफ़ रहे थे.

अब मेरी बारी थी.

इस पूरे वाकिये के दरमियान हमने एक बार भी आपस में बात नहीं की थी. मैं अचानक उठ कर बैठ गई और बेड के पास का स्विच ऑन कर दिया. अचानक से उजाला हो गया. अभी तक सब खेल अँधेरे में ही चल रहा था. मैंने सरला के नंगे बदन की तरफ़ देखा. मेरी तरह वो भी भरी हुई ही थी. वो दोनों पैर फैला कर पीठ के बल लेटी हुई थी. सरला की चूत से पानी बह रहा था.

अब मुझे रहा नहीं गया. मैंने पूछा- सरला, तुमने तो अपनी संतुष्टि कर ली, लेकिन मेरा क्या होगा?
सरला बोली- मैंने मेरा तरीका ढूंढा, तुम जो चाहो मेरे साथ तुम भी कर लो.

अब मैं भी मूड में आ गई. मैं अपनी दोनों टांगों को फैलाकर मैंने मेरी चूत सरला के मुँह पर रख दी और दोनों हाथ उसके चूतड़ों के नीचे डालकर अपना मुँह उसकी चूत में घुसा दिया. हम दोनों इस वक्त 69 की पोजीशन में आ गए थे.

मैं उसकी चूत सक करने लगी. पूरी तरह से गीली हुई चूत को चाटने लगी. साथ ही साथ मैं खुद को मर्द इमेजिन करके सरला के मुँह को चूत समझकर जोर जोर से आगे पीछे होने लगी.

सरला के हाथ भी कहां शांत थे, वह मेरे चूतड़ों पर अपने हाथ घुमा रही थी. बीच बीच में उसकी एक उंगली मेरी गांड के छेद को ड्रिल कर रही थी. उसकी जीभ भी मेरी चूत में गहरी घूम रही थी.
मैं जल्दी ही गरम हो गई और अपनी फॉर्म में आ गई. मैं जोर लगा कर मेरी चूत उसके मुँह में रगड़ने लगी.

उधर उसकी एक उंगली मेरे गांड के छेद पे थी. जैसे ही मैं उछलती, उसकी थोड़ी सी उंगली, जिसमें थूक लगा हुआ था, मेरी गांड में घुस जाती. इससे मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था. अब मैं बहुत ही तेज और मादक स्वर में कराह रही थी “ऊऊह उम्म्ह… अहह… हय… याह… इस्स … आआह!”

करीब दस मिनट तक मेरी चूत की चटाई हुई उसके बाद आखिर मेरी चूत सरला के मुँह में ही खाली हो गई. सरला ने भी मेरी चूत में से निकला हुआ रस चाट लिया. वो इतनी बड़ी चुसक्कड़ निकली कि मेरी चूत से निकले नमकीन शहद की एक एक बूंद चूस रही थी, निगल रही थी.

अचानक उसने करवट बदल कर मुझे नीचे ले लिया. अब वह मेरा मुँह अपनी चूत से फ़क कर रही थी. कुछ देर के रसील लेस्बियन सेक्स से हम दोनों बहुत ज्यादा थक चुके थे. हम अलग हुए और एक दूसरे की बांहों में आकर एक दूसरे के मुँह को चूसने लगे. अपनी अपनी चूत के पानी का टेस्ट और महक हमें इस वक्त चूमाचाटी में मिल रही थी.
एक दूसरे के मुँह में मुँह डाले हुए ही हम दोनों कब सो गए, पता ही नहीं चला. हमारी गहरी नींद लग गई.

सवेरे जब हम जगे, तो एक दूसरे की तरफ़ देखकर मुस्कुरा दिये.
सरला बोली- चलो आज साथ ही नहाएंगे.

हम दोनों हमारे बड़े बाथरूम में आ गई. सरला का हाथ मेरी चूत पर था. मेरा सरला की चूत पर था. ऊपर से शावर चल रहा था. हम दोनों की उंगलियां एक दूसरे की चूत की गहराई तक खेल रही थीं.

सरला ने पूछा- मंजू, क्या राजेश जी ने तुम्हें तुम्हारी गांड वाले होल में कभी फ़क किया है?
मैंने कहा- हां, राजेश ने कई बार मेरी गांड मारी है. तकलीफ़ तो होती है … मगर मजा भी आता है.
सरला ने कहा- चलो आज मुझे राजेश समझो और घोड़ी बन जाओ.
मैं- ठीक है.

मैंने अपने पैर की उंगलियां अपने हाथों से पकड़ लीं … और चौपाया बन गई.

अब सरला ने जो किया, वह अविस्मरणीय था. उसने वहीं बाथरूम में से ही रबड़ का एक डिल्डो निकाल. उसे आधा अपनी चूत में डाल लिया और आधे में साबुन लगाकर मेरे गांड में पेल दिया. साबुन की चिकनाई की वजह से डिल्डो एक झटके से मेरी गांड के अन्दर घुसता चला गया. मुझे मजा आ गया. अब सरला आगे पीछे होने लगी. उसने अपने दोनों हाथों से मेरी कमर पकड़ रखी थी. वह बहुत देर तक खेलती रही. मैं भी अपनी गांड मराने का मज़ा ले रही थी.

आखिर थक कर उसने डिल्डो बाहर निकाल दिया और खुद पीठ के बल लेट गई. उसने मुझे ऊपर आने को कहा. अब मैंने आधा डिल्डो अपनी चूत में डालकर हिलना शुरू किया.
ऊऊह … वाह … क्या मज़ा आ रहा था. हम दोनों के होंठों ने एक दूसरे को बंद कर रखा था.

आखिर थक कर हम अलग हुए.
मैंने कहा- सरला, एक बात पूछूँ?
“हां पूछो न बिंदास..”
“रात की बेड की बात तो मैं समझ सकती हूँ … मगर ये बाथरूम में डिल्डो कहां से आया?”
“हहहहहा …” करके सरला हंस पड़ी.
मैं समझ गई कि सरला ने सोच समझ कर सब मैनेज किया था.

उसने कहा- रात को मुझे मालूम ही नहीं था कि तुम भी मेरी तरह लेस्बियन सेक्स में मेरा साथ दोगी. इसलिए मैंने रात को इसे तुम्हारे बाथरूम में ही छिपा दिया था. मगर रात की हमारी पहली लेस्बो कबड्डी में मुझे इतना मजा आया कि मैं इस नकली लंड रबर के डिल्डो को भूल ही गई. सुबह जब बाथरूम में आई तब मुझे इस नकली लंड की याद आई.

फिर हम दोनों ने लेस्बियन सेक्स के साथ एक दूसरे की सेक्स की चाहतों को शेयर किया तो मालूम हुआ कि वो भी बड़ी चुदक्कड़ थी.
उसने बताया कि मुझे अपने पति के लंड से एक बार चुद कर संतुष्टि नहीं मिलती थी, इसलिए मैंने ये डिल्डो खरीदा है.

बात आगे बढ़ी, तो हम लोग पराए मर्द से चुदने की बात भी सोचने लगे. हालांकि अभी कुछ फाइनल नहीं किया है, लेकिन जब भी किसी कॉलब्वॉय या अन्य मर्द से चुदना होगा, तो सेक्स स्टोरी लिख कर आप सभी को जरूर बताऊंगी.

नमस्ते … मेरी ये सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज़ कमेंट्स जरूर करें.