हॉट गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स की ख्वाहिश

लड़की की गांड मारने की फंतासी की कहानी है यह. एक लड़की मेरे साथ सेक्स चैट करती थी. हम मिले भी. मैं उसे चोदना चाहता था पर वो मना करती थी.

दोस्तो नमस्कार, ये एक ख्वाहिश है किसी से दोबारा हमबिस्तर होने की.

यह सेक्स कहानी Ladki ki Gand Marne Ki Fantasy काल्पनिक है.  कृपया अपना सामान पकड़ कर पढ़ें और मस्त हो जाएं.

मेरा फरवरी में ब्रेकअप हुआ था.
मैं बहुत निराश था इसलिए यहां वहां ऑनलाइन चैट कर रहा था.
मेरी मुलाकात एक लड़की से चैट पर हुई.

वह हॉर्नी थी पर उसको चुदाई नहीं करवानी थी मगर चोदने जैसा प्यार करने वाला डैडी चाहिए था.
मैंने उसको अपनी गोद में बैठा कर लंड खिलाने का ऑफर दिया. मैंने उसके साथ सेक्स चैट की.

हम दोनों को एक दूसरे से बात करना बहुत अच्छा लगा.
हमने अपनी स्काईप आईडी एक्सचेंज की.

पहले वो मुझे अपने बारे में सच बताने से डर रही थी.
मैं भी डर रहा था.

पहले दिन की चैट के बाद उसने हिम्मत जुटा कर अपनी ब्रा में बिना फेस के बूब्स की फोटो भेजी.

मैं शाम के समय ऑफिस जाता था, मेरे ऑफिस जाने का समय हो गया था. उसकी फोटो देख कर मेरा मन उसको चोदने का करने लगा.

ऑफिस में सारा समय मैं उसके बारे में सोचता रहा.
अगले दिन हमारी फिर बात हुई.

उससे बात करके मेरा लौड़ा तना रहा.

उसके बाद हमारी बातें होना शुरू हुईं तो हमने वीडियो कॉल किया.

उसको देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा. उसने उस दिन मुझे ऑफिस जाते समय तैयार होते हुए देखा.
उसको मेरे लौड़े का उभार जींस के ऊपर से बहुत अच्छा लगा.

मैंने उससे मिलने को कहा तो हम पहली बार सीपी दिल्ली मेट्रो स्टेशन मिले.

उसको मिल कर ऐसा लगा कि बांहों में भर कर मसल दूँ, उसके बूब्स चूस लूं.

उस दिन हमने एक कैफे में बैठ कर बातें की.
मार्केट में हम एक दूसरे के हाथ में हाथ डाल कर चल रहे थे. मुझे वो मुलाकात बहुत अच्छी लगी.

अब हम दोनों एक दूसरे से दिल से मिल गए थे; स्काईप पर नंगे होकर सेक्स चैट करने लगे थे.

मेरा बहुत मन करता कि कभी मैं उसकी नंगी चूत को चाट लूं, उसकी गांड के छेद को सूंघ लूं, उसका मूत पीने का मन भी करने लगा था.
पर चैट पर सिर्फ बातों से काम चल पा रहा था.

उसके बूब्स चूसने का मेरा बहुत मन करता था. ये सब मैं उससे कहता, तो वो तब तक मुझे वीडियो कॉल पर नंगी होकर रिझाती, जब तक मेरा पानी निकल नहीं जाता.

हम एक दूसरे को गाने गाकर भी सुनाते.
उसको मेरी आवाज़ बहुत पसंद थी और मुझे भी उसकी आवाज़ पसंद थी.

हम एक दूसरे को नंगे होकर नहा कर दिखाया करते.
एक दूसरे को मूतते हुए दिखाया करते.
उसकी गांड और गीली चूत मुझे बहुत लुभाती थी और इस तरह से हमारी गर्मी बढ़ती जा रही थी.

इस दूरी और बदन की गर्मी की वजह से हम फिर से मिले.
उसको ड्रॉप करते समय गाजियाबाद जाने वाली मेट्रो स्टेशन के पास लिफ्ट में इस बार हमने किस किया.
पहले मैंने उसके गालों को चूमा.

जब मैंने महसूस किया कि वो होंठों पर किस करना चाहती है तो मैंने उसके बूब्स को दबाया और होंठों से होंठ मिला दिए.

मैं मंत्रमुग्ध हो गया.
मैंने उसकी गांड सहलाते हुए हमारा किस खत्म किया और लिफ्ट से प्लेटफॉर्म पर आ गए.

उसकी मेट्रो आ गई और वो चली गई.

मैं दो दिन तक उसके मीठे होंठ अपने होंठों पर महसूस करता रहा.
मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं अभी भी उसको चूम रहा हूं.

इसके बाद उसके जन्मदिन पर हमने चंडीगढ़ जाने का प्लान बनाया.
वो अपनी कजिन के साथ गई.

मैं बस से गया तो मैं लेट हो गया था और ये बात उसको बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी.

लेकिन जब मैं चंडीगढ़ पहुंचा तो पहले मैं उसके होटल में उससे मिलने गया.
वहां से हम दोनों मेरे होटल आ गए.
मैंने चैक इन किया.

वो चाहती थी कि मैं उसको अपने कमरे में ले जाकर चोद दूं या चूम लूं किन्तु मैनेजर की वजह से ऐसा ना हो सका.

मुझे अच्छा तब लगा, जब हम दोनों हाथों में हाथ डाले चंडीगढ़ की सड़कों पर पैदल उसके होटल तक गए.
उसको भी ये बहुत अच्छा लगा.

अगले दिन हम सुखना लेक गए.
वहां हमने बोट राइडिंग की और खाना खाया.

फिर हम सेक्टर 17 गए.
वहां मैंने उसको लिफ्ट में फिर से किस किया. इस बार मैं लिफ्ट को ऊपर नीचे ले जाता रहा और किस करता रहा.

उसके शर्ट के ऊपर से उसके निप्पलों को चूसने में लगा रहा.
मेरा थूक उसके दाएं निप्पल पर उसके सूट के ऊपर से लग गया.

फिर हमने कैफे-डे पर कोल्ड ड्रिंक पी और हम उसके होटल वापिस चले गए.

जाते समय उसने अपनी पहनी हुई कच्छी दी जिस पर उसकी चूत का पानी लगा था.
मुझे उसकी कच्छी बड़ी सुखद उपहार लगी.

इस बात पर भी मैंने उसको किस किया.

मैंने उससे चोदने को कहा तो उसने कहा कि मेरे साथ मेरी कजिन है.

होटल के कमरे में उसने मुझे नंगी होकर बाथटब में नहाते हुए कॉल किया.

मेरा उसको चोदने का बहुत मन था पर हम दोनों उस दिन भी सेक्स नहीं कर पाए.

अगले दिन मैं वापिस दिल्ली आ गया.
दिल्ली वापिस आकर मैंने उसकी कच्छी को सूंघते हुए उसमें अपना पानी निकाला और उसको दिखाया.

उसको बहुत मज़ा आया, उसकी चूत भीग गई थी.
उसने अपनी चूत में उंगली डाल कर दिखाया.

हम कुछ दिन यूं ही वीडियो कॉल करते रहे और एक दूसरे को गर्मी निकालते रहे.
फिर हम एक मॉल में मूवी देखने गए.

उस दिन भी मैं लेट पहुंचा.
उसको मेरा लेट आना पसंद नहीं था लेकिन मैंने उससे मना लिया.

जब मैं पहुंचा था, तब तक मूवी का एक भाग खत्म हो गया था.

दूसरे भाग में मैंने उसको किस किया, उसके बूब्स दबाए.
मैं उस पर जैसे टूट सा पड़ा था.

जब मैं उसकी चूत में उंगली डालने लगा तो उसने कहा- उधर नहीं … अभी पीरियड्स हैं.
फिर मैंने उसकी गांड में उंगली की.

उसकी गांड में उंगली डाल कर मैंने चाटी भी.

मैंने उसको और किस किया, उसके दोनों निपल्स निचोड़ दिए.
इस दौरान उसने मेरा लंड चूसा और उसका सारा पानी पी लिया.

क्या बताऊं ये सब मुझे कितना अच्छा लग रहा था.
फिर मैं उसको उसके घर के पास के मेट्रो स्टेशन उसके साथ गया.

वहां भी उसको बेहद चूमा, फिर वहां से अपने रूम पर आ गया.

ये सिलसिला अब बढ़ने लगा.
इस बीच मुझे मेरी एक्स की याद भी आती थी और ये बात मैंने उसे भी बताई.
मुझे इस लड़की से प्यार होने लगा था.

हम दोनों मूवी देखने जाते और वो मेरा लंड चूसती और मैं उसका दूध पीता, निपल्स को लगभग खा जाता.

उसके होंठ चूस चूस कर उसकी चूत गीली कर देता और उसको टेस्ट करता.
उसकी गांड के रस को टेस्ट करता.

मैं उसको सेक्स करने को बहुत बार कहता, पर वो शादी से पहले सेक्स नहीं करना चाहती थी.
मैं उसकी बात समझता था … इसलिए मैंने उससे उसके पैरेंट्स से हमारी शादी की बात करने को कहा.

उसके पैरेंट्स ने मना कर दिया.
पर हम अब भी मिलते थे.
कम मिल पाते थे लेकिन मिलते थे.

उसको किस करना मुझे बहुत अच्छा लगता था.

एक दिन हम पुरानी दिल्ली के एक मूवी हॉल में गए.
वो जगह अच्छी नहीं थी, पर वहां मूवी देखने सिर्फ तीन कपल आए थे … या यूं कहूं कि ओरल करने ही वो लोग आए थे.

उस दिन मैंने हॉल में उसको मेरे लंड पर बैठाया. उसके निपल्स को खूब मींजा, उसकी जांघों में मुँह डालकर उसकी चूत को किस किया, उसकी रिसती हुई चूत को चाटा.
उसने भी मेरे निपल्स चूसे.
उससे तो मेरे शरीर में जैसे करंट दौड़ गया था.

उसने मेरे लंड को दो बार चूस चूस कर उसे मानो पानी विहीन कर दिया था.
वो लंड का सारा माल पी जाती.
उसको बहुत अच्छा लगता और मुझे भी!

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फिर जब उसके पैरेंट्स ने उसकी शादी किसी और से तय कर दी तो मेरा दिल टूट गया.
मुझे शायद ऐसा प्यार कभी ना हो.

वो मुझे सब बताती थी कि उसके होने वाले पति ने उससे क्या कहा और उसको कैसा फील हुआ.

एक दिन उसने शादी कर ली और हम थोड़ा दूर हो गए.

उससे मेरी बात अब भी होती थी, सेक्स की भी बात होती थी. पर अब मेरे साथ शायद वो नहीं मिलना चाहेगी, मुझे ऐसा लगने लगा.

एक दिन मेरे जन्मदिन के पास उसने मुझे कॉल किया, बधाई दी.

फिर उसने अपनी बातें बताईं कि कैसे उसका पति उसको हर समय चोदना चाहता है.

उस रात मुझे वो सपने में आयी.
मैं देख रहा था कि वो मुझसे मिलने होटल आयी है.

हम ओयो रूम में दोनों अकेले हैं. उसके आते ही मैंने कमरा बंद किया है और उसको बिस्तर पर लेटा कर उसके बूब्स दबाते हुए उसके होंठ चूम रहा हूं.

फिर मैंने उसके सूट को उतार कर उसकी ब्रा ऊपर उठा दी और उसके दोनों निप्पलों को एक एक करके चूसा.

उसकी गर्दन को चूम कर बूब्स पर लव बाइट्स देते हुए मैं उसको चूम रहा था.
मेरे एक हाथ में उसकी चूत थी जिसे मैं उसकी सलवार के ऊपर से दबा रहा था.

मेरे एक हाथ में उसका बड़ा दूध आ गया और मेरे मुँह में लेकर उसका निप्पल दबा है.

मैंने उसकी दाईं बाजू उठा कर उसकी बगल को सूंघा और लिक किया, फिर से उसका निप्पल चूसा.

ये मैंने उसकी बाईं बगल और निप्पल के साथ भी किया.

फिर उसके ऊपर आकर मैं धीरे धीरे नीचे गया. उसका पेट चूमा, उसकी नाभि को किस किया.
इससे उसकी आह बाहर तक सुनाई दे रही थी.

कुछ देर उसकी नाभि को किस करने के बाद मैंने उसकी सलवार और कच्छी उतार दी. उसको पेट के बल लिटा दिया.
उसकी गांड पर जोर से चमाट मारी.

उसने हंस कर कहा- आराम से!

मैंने अपना मुँह उसकी गांड से सटा दिया और टांगें फैला कर उसकी गांड की खुशबू ली.

आज तक उसकी गांड की खुशबू मेरा लंड खड़ा कर देती है.

मैं उसके चूतड़ों को चाट रहा था, चूम रहा था, उसकी गांड के छेद को जीभ से चोदने की कोशिश कर रहा था.

मैंने उसके पेट के नीचे तकिया लगाया, फिर से चूतड़ पर चमाट मारी और चूत फैला कर चाटने लगा.
उसकी कामुक सिसकारियों से कमरा गूंजने लगा.

अब वो मुझे उसको चोदने को कहने लगी.

मैंने उसकी जाघें, पैर सब चूमे. फिर जाकर कहीं लंड को चूत की दरार से टच किया.

उसने बोला- फाड़ दो जानू.
पर मैंने उसको तरसाने का सोचा.

मैंने लंड को अन्दर ना डाल कर चूत पर घिसा, तो वो तड़पने लगी.

फिर मौका देख कर मैंने एक तेज़ झटके में मेरा टोपा उसकी चूत में घुसा दिया.

वो उछल कर मेरे नीचे से निकलना चाहती थी, पर मैंने उसे दबोचे रखा.

उसकी गर्दन पर काटते हुए मैंने उसकी चूत में हल्के धक्के मार कर लंड अन्दर घुसा दिया.

फिर मैंने उसे तेज़ तेज़ झटके मार कर चोदा.
उसकी चीखें सुन कर मेरा सारा गाढ़ा माल उसकी चूत में गिर गया.

मैं उसके ऊपर पड़ा हुआ था, उसने मुझे हटाया और मेरा लंड चूसने लगी.

मैंने उससे कहा- ओ मेरी कुतिया रंडी … साली चाट अपने बाप का लंड. भैन की लौड़ी अंडे चूस मेरे.

मेरा पूरा लंड वो इस तरह से चूस रही थी, जैसे लंड उसकी पसंदीदा मिठाई हो.

मैंने उसको फिर से पलटने को कहा और वो दुबारा से कुतिया बन गई.

मैंने बोला- गांड मरवाएगी?
तो उसने बस हां में सिर हिला दिया.

मैंने उसकी गांड के छेद को चाटा और उसकी गांड पर झापड़ मारा, उसकी गांड में उंगली डाल दी.
वह रोने लगी और मुझे जोश आने लगा.

मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद को भेदने के लिए थूक से गीला करके उसकी चूत से रगड़ा.

उसने ज़ोर से उहन्न किया और उसी पल मैंने ज़ोर से लंड को गांड में भेद दिया.

उसकी गांड फट गई और वो रोने लगी.

पर मैं कहां रुकने वाला था; मैं उसकी गांड मारता रहा. उसे तब तक चोदता रहा, जब तक उसकी गांड से गंदी बदबू के साथ उसका मल बाहर नहीं आ गया.

ये देख कर मेरा सारा वीर्य उसकी गांड में निकल गया.
उसका मल मेरे लंड से लगा हुआ था और मैं होटल के बाथरूम में लंड को साफ़ करने आ गया.

वो लंगड़ाती हुई बाथरूम में आई और हगने बैठ गई.

उसने एक दो बार पादा … तो मेरा मन फिर से उसको चोदने का करने लगा.

फिर उसका मूत निकला तो मैंने उसकी चूत को मूत की कुछ बूंदों के लिए चाटा.

अब हम दोनों शॉवर में खड़े हो गए.
वो फिर से लंड हिलाने लगी तो मैंने उसे घोड़ी बना दिया और चुदाई करने लगा.

फिर बाहर आकर चुदाई का पूरा मजा लेकर बिस्तर पर सो गए.

अगले दिन जब मैं उठा तो मेरा लोअर गीला था.

उसका संदेश एक साल बाद फिर आया, वह मां बन गई थी.
मगर उस वक्त हमारी बात ना हो सकी.

मुझे आज भी उसकी चूत और गांड की खुशबू सताती है. मैंने उसे कई संदेश भेजे, पर बात ना हो सकी.

भगवान् उसका ख्याल रखें. मैं उसका अगले जन्म में मिलने का इंतज़ार करूंगा.

दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी ये लड़की की गांड मारने की फंतासी? कृपया मेल से संदेश भेज कर बताइए.
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