मेरी दूसरी बीवी संग सुहागरात- 2

वाइफ पोर्न सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मेरी दूसरी शादी के बाद मैं सुहागरात मनाना चाह रहा था. मैं इत्मिनान से अपनी कमसिन बीवी को उसके पहले सेक्स का मजा देना चाहता था.

हैलो मैं दलबीर सिंह, अपनी प्रिय लिखिका कोमल मिश्रा जी के माध्यम से आपको सेक्स कहानी का मजा दे रहा था.
वाइफ पोर्न सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
मेरी दूसरी बीवी संग सुहागरात- 1
में अब तक आपने पढ़ा था कि आज मैं अपनी दूसरी बीवी सुधा के साथ चुदाई की शुरुआत करने वाला था.

अब आगे वाइफ पोर्न सेक्स स्टोरी:

मैं अपने कमरे में टीवी देख रहा था.

सुधा कमरे में आई और मेरे पास ही बैठ गई कर टीवी देखने लगी.
उसने एक पीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी. वो इस तरह से बैठी हुई थी कि उसकी पीठ मेरी तरफ थी.

मैंने टीवी बंद की और उसे अपने पास बुलाया. वो आकर मेरे पास बैठ गई, मैं भी उठ कर बैठ गया.

मैंने तुरंत उसका हाथ अपने हाथ में लिया और उससे कहा- तुम पति पत्नी के रिश्ते के बारे में तो जानती होगी.
उसने बस अपना सर हिला कर हां कहा.
मैं- तो क्या आज से मैं उस रिश्ते की शुरूआत कर सकता हूँ.

वो कुछ नहीं बोली, बस नीचे सर किए बैठी रही.

मैं उसके हाथ को होंठों तक ले गया और चूमते हुए बोला- तुम बहुत खूबसूरत हो सुधा.
उसने अपनी आंख बंद कर लीं.

मैंने उसके चेहरे को अपने हाथों से थामा और उसके गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
उसने जरा भी विरोध नहीं किया.

मैं उसके पतले पतले गुलाबी होंठों को मजे से चूसता रहा. अपना एक हाथ उसकी चिकनी कमर पर रख कर उसको अपनी ओर खींच कर अपनी बांहों से लगा लिया.

उसकी सांसें काफी तेजी से चल रही थीं.
उसके दोनों दूध ऊपर नीचे होते हुए मेरे सीने से टकराने लगे.

ऐसे ही उसके होंठों का रसपान करते हुए मैंने उसे लेटा दिया. बारी बारी से उसके होंठों को, उसके गुलाबी गालों को … और उसकी आंखों को चूमता रहा.

जैसे ही मैंने उसकी साड़ी निकालने कोशिश की, उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और दबी जुबान से बोली- प्लीज पहले लाइट बंद कर दीजिए न.

मैं उसकी शर्म को समझ रहा था और मैंने लाइट बंद कर दी.

फिर मैंने तुरंत उसकी साड़ी निकाल दी और उससे चिपक कर उस पर चुम्बनों की बौछार कर दी.

वह उस वक्त काफी डरी सहमी हुई थी और मुझ पर हवस का शैतान सवार हो चुका था. बहुत दिनों के बाद मुझे चुदाई का मौका मिला था.

मैंने उसके गुलाबी नर्म होंठों को अपने होंठों से दबा लिया. मेरे दोनों हाथ उसकी कलाइयों को थाम लिए थे. मेरे वजनदार शरीर के नीचे उसका बदन दबा हुआ था.

काफी देर तक उसके होंठों का रस पीने के बाद मैं उठा … और उसके पेटीकोट का नाड़ा खींच कर पेटीकोट को निकाल दिया.

फिर धीरे से मैंने उसके ब्लाउज के हुक खोलते हुए उसे भी निकाल दिया. उसके बड़े बड़े दूध उसके ब्रा से बाहर झांकने लगे. नाईट बल्ब की दूधिया रोशनी में उसका गोरा बदन दमक रहा था.

मैंने देर न करते हुए उसकी ब्रा को भी निकाल दिया. अब उसके दोनों दूध आजाद थे.

जल्दी से मैंने भी अपने कपड़े निकाल दिए और केवल चड्डी में हो गया.

उसके बाद मैंने उसकी चड्डी को भी नीचे सरकाते हुए निकाल दिया. अब वो पूरी तरह नंगी हो चुकी थी.

मैं तुरंत बिस्तर से नीचे उतरा और जाकर लाइट चालू कर दी.

मेरे अचानक ऐसा करने से वो सकपका गई और तुरंत ही कंबल अपने ऊपर डाल लिया.

मैंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मैं उसे नंगी देखना चाहता था.

मैं उसके पास गया, तो वो दूसरी तरफ पलट कर कंबल अपने सर तक खींच लिया.

मैंने कंबल खीचने की कोशिश की मगर उसने पूरी ताकत से उसे पकड़ रखा था.

वो बार बार कहती जा रही थी कि लाइट बंद कर दीजिए … मगर अब मैं कहां मानने वाला था.

मैंने उसके पीछे से कंबल हटाना शुरू किया और सबसे पहले उसकी गोरी गोरी गांड मुझे दिखी.

मैंने अपना हाथ उसके चूतड़ों पर फिराया.

धीरे धीरे पीछे से पूरा कंबल मैंने हटा दिया और उसकी गांड को चूमते हुए उसकी पीठ तक गया और उससे चिपक गया.

अब मैंने उसे अपनी तरफ पलटाया, तो वो मेरे सीने से चिपक गई.
धीरे से पलट कर मैं उसके ऊपर आ गया.

उसके घुटनों के पास बैठकर मैं उसे निहारने लगा, उसने अपने दोनों हाथों से अपने चेहरे को ढक लिया था.

उसके गोरे गोरे दूध और उस पर छोटे से गुलाबी निप्पल कयामत लग रहे थे.
नीचे पतली सी गोरी कमर उसकी मोटी चिकनी जांघें और बीच में हल्के भूरे गुलाबी रंग की छोटी सी चूत मुझे मदमस्त किये दे रही थी.

उसकी ये बनावट देख किसी योगी का भी लंड खड़ा हो जाता … और मैं तो था पहले से ही हवस का पुजारी.

अब सबसे पहले मैं उसके ऊपर झुका और उसके हाथों को थामकर चेहरे से अलग करते हुए बगल में किए. उसकी उंगलियों पर अपनी उंगलियां फंसाते हुए उसे कस लिया.

मैंने अपना मुँह सीधा उसके एक निप्पल पर ले जाकर उसे अपने मुँह में भर लिया.
मेरे ऐसा करते ही उसके मुँह से पहला शब्द निकला- आआआह मम्मी … ओह उहहह!

उसके इस लहजे से ही समझ गया कि वो एक गर्म लड़की है.
मुझे मालूम था कि गर्म लड़की ही चुदाई में पूरा मजा देती है.

मैं उसका हाथ छोड़कर दोनों हाथों से उसके दूध को थाम लिया और बारी बारी से दोनों निप्पलों को चूसने लगा.

उसके निप्पलों को चूसने के साथ साथ दोनों हाथ से दोनों दूध को दबाता रहा.
इससे वो मचल उठी- आआह आईईईई ओऊऊ … मम्मी आआह ऊऊईईई आआह!

उसके हाथ अपने आप ही मेरे सर पर आ गए और मेरे सर को अपने सीने पर दबाने लगे.

काफी देर तक मैं उसके दोनों दूध के साथ खेलता रहा. उसके गोरे दूध लाल हो चुके थे.

अब मैं दूध से होता हुआ उसके पेट पर चूमता हुआ, उसकी कुंवारी चूत तक आ गया.

उसने अपने दोनों पैरों को सटा रखा था, जिससे चूत दबी हुई थी.
मैंने उसके पैरों को थोड़ा फैलाया, जिससे चूत मेरे सामने आ गई.

अपनी दो उंगलियों से उसकी गुलाबी पंखुड़ियों को फैलाया, तो उसका छोटा सा अनछुआ छेद मेरे सामने आ गया.

उसकी चूत को देख कर ही मुझे पता चल गया कि ये चुदना तो दूर … इसने कभी चुत में उंगली तक नहीं की होगी.
इसकी बिलकुल सील पैक चूत मेरी किस्मत में ही लिखी थी.

धीरे से मैंने अपनी जीभ चूत पर चलाना शुरू किया.
इस पर वो बहुत ही रसीले अंदाज में बोली- सीईईईई … क्या कर रहे हैं नहींईई … आआआआह!

मगर मैंने चूत चाटना जारी रखा.

कुछ ही पलों में वो बहुत ही ज्यादा गर्म हो गई और अपने पैर और चूतड़ों को पटकने लगी.

मैं ये नहीं चाहता था कि वो झड़ जाए. मैं उसे गर्म ही रखना चाहता था क्योंकि पहली चुदाई में लड़की के गर्म रहने से आसानी रहती है.

मैं काफी देर तक सुधा की चूत को चाटता रहा था, जिससे कि वो बहुत ज्यादा गर्म हो गई थी.

फिर मैंने उसकी चूत चाटना बंद करके तुरंत ही अपनी चड्डी निकाल दी.

मेरा फनफनाता हुआ लंबा लंड आजाद होकर सुधा के सामने लहराने लगा था.

सुधा ने तो पहले ही अपनी आंखें बंद कर रखी थीं इसलिए उसने लंड को देखा ही नहीं.

मैंने उसका एक हाथ पकड़ा और अपने लंड को उसे थमा दिया. मेरा गर्म लंड छू कर उसने तुरंत ही हाथ हटा लिया.

मगर मैंने कई बार ऐसा किया, तब जाकर उसने मेरे लंड को हाथों में पकड़ लिया.
वो अपने हाथों से मेरे लंड की लंबाई मोटाई जैसे देख रही थी.

फिर मैंने लंड को उसकी चूत पर रख दिया.
गर्म लंड की गर्माहट पाकर उसकी गांड हिल गई.

किसी गोलगप्पे जैसी फूली हुई उसकी छोटी सी चूत मेरे लंड के सामने कुछ नहीं थी.

अब तो मुझसे भी सहन नहीं हो रहा था. मैं उसके दोनों पैरों को फैलाते हुए उसके ऊपर चढ़ गया.

उसकी सांसें काफी तेज गति से चल रही थीं. उसकी गीली चूत के पानी को मैंने अपने लंड के सुपाड़े पर रगड़ा और चूत के छेद पर अपना सुपारा लगा दिया.

मैंने उसके गालों को चूमते हुए उससे कहा- थोड़ी बहुत तकलीफ होगी, तुम सह लेना … फिर कुछ ही देर में सब ठीक हो जाएगा.
उसने कुछ नहीं कहा.

मैंने लंड पर जोर देना शुरू किया मगर लंड अन्दर ही नहीं जा रहा था. बार बार फिसल कर उसके पेट की तरफ चला जाता. कसम से चूत इतनी टाइट थी कि मैं भी परेशान हो गया था.

फिर मैंने थोड़ी बेरहमी दिखाना ही ठीक समझा.
मैंने अपने दोनों हाथों को लाकर नीचे से उसकी गांड को कस कर थाम लिया और अपने पूरे शरीर का वजन मैंने उस पर ही डाल दिया ताकि वो इधर उधर न हो.

मैंने अपनी सही पोजीशन बना कर एक धक्का लगा दिया. मेरा लंड चूत की पंखुड़ियों के बीच से होता हुआ छेद को फैलाता हुआ आधा अन्दर चला गया.

वो बहुत जोर से चिल्ला उठी- उई मामम्मीइई ईईई … नहींईई … आआआह नहींई ईईई नँन्नं … मर गई … आआह छोड़ो ऊऊऊ ऊँह आआआह नहींईईई!

एकदम से वो तिलमिला उठी. मगर मैंने उसे इस तरह दबा कर रखा था कि वो हिल भी नहीं पा रही थी.

मैंने दूसरा धक्का दिया और लंड पूरी तरह चूत में सैट हो गया.

वो जोर जोर से रोने लगी. उसकी आंखों से आंसुओं की धार निकल पड़ी.

मैं चुपचाप उसी तरह उसके ऊपर लेटा रहा. मेरा भी लंड काफी दर्द कर रहा था. उसकी चूत इतनी कसी हुई थी कि लंड चिपक सा गया था.

कुछ देर बाद मैंने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करना शुरू किया. उतने में ही उसका बुरा हाल हो गया.
वो बार बार बोलती जा रही थी कि थोड़ी देर के लिए निकाल लो.

मगर मैं कहां मानने वाला था. मैं बहुत ही प्यार से लंड को आगे पीछे किए जा रहा था. उसकी कसी हुई चूत में लंड इतना टाइट जा रहा था कि मुझे लगा कही लंड छिल न जाए.

उधर रोते रोते वो बदहवास हो चुकी थी. इतनी ठंड में भी उसका बदन पसीने से भीग चुका था.

मैं जानता था कि उसे बहुत ज्यादा तकलीफ हो रही थी … मगर वो तकलीफ कुछ समय के लिए ही थी.

मेरे जैसे चुदक्कड़ आदमी के लिए ऐसी चूत का मिलना बहुत किस्मत की बात थी.

करीब 10 मिनट तक मैं ऐसे ही आराम से लंड अन्दर बाहर करता रहा. तब कहीं जाकर उसकी जान में जान आई. उसकी आंखें खुल गईं और उसके हाथों की पकड़ थोड़ी ढीली हो गई.
मैं जान गया कि अब ये सामान्य हो गई है.

ये समझते ही मैंने अपने हाथ उसके चूतड़ों पर से निकाल कर उसके चेहरे पर रखे और बोला- बस अब कुछ नहीं होगा. जो होना था हो गया, अब तुम्हें दर्द नहीं होगा.

मैंने उसके होंठों को चूमते हुए उसके दोनों हाथों को थाम लिया. अब मैंने धीरे धीरे अपने धक्के तेज करने शुरू कर दिए.

बीच बीच में वो चिल्लाती … मगर अब उसकी मीठी सिसकारियां निकलने लगीं- आआ आह उन्ह आह आआह … ऊऊईई ऊफ़्फ़ मम्मीई ईईई!

अब मैं जान गया कि इसे भी मजा आना शुरू हो गया है. मैंने भी अपनी रफ्तार तेज कर दी.
उसके पैर अपने आप ही फैल गए थे. मैंने उसके दोनों पैरों को हाथ में फंसा कर उठा लिया.

अब मैं तेज़ी से दनादन उसे चोदे जा रहा था. जल्द ही वो झड़ गई मगर मैं लंबी दूरी का घोड़ा था … मैं बस उसे चोदे जा रहा था.

हम दोनों के जिस्म पसीने से भर गए. उसकी चूत लंड के पानी से भर गई थी इसलिए अब फच फच की आवाज कमरे में गूंज रही थी.

मैं इतनी तेज रफ्तार से चोद रहा था कि पूरा पलंग बुरी तरह से हिल रहा था.

जब मैं थक जाता, तो उसके ऊपर ही लेट जाता और फिर से पूरी ताकत से चोदने लगता.

इस तरह से वो दूसरी बार भी झड़ चुकी थी. मेरा लंड उसकी चूत के पानी से भीग कर और भी मोटा हो गया था. मुझे तो लग रहा था कि आज ही उसकी चूत का भोसड़ा बन जाने वाला था. बड़ी देर के बाद मैं भी उसके चूत में ही झड़ गया.

करीब आधे घंटे के बाद मैं फिर से तैयार था.

उसकी जैसी जवान लड़की का मैं पूरा मजा लेना चाहता था. मैंने दुबारा भी उसकी चुदाई पूरी रफ्तार से की.

इसके बाद तीसरी बार भी हम दोनों ने चुदाई का मजा लिया.

वो बहुत ही ज्यादा थक गई थी. हम दोनों नंगे ही चिपक कर लेट गए और कब आंख लग गई कुछ मालूम ही न चला.

दो घंटे सोने के बाद मेरी आंख खुली, तो देखा सुधा जाग रही थी.

मैंने पूछा, तो बोली- नीचे बहुत जलन हो रही है.

मैंने देखा, तो उसकी चूत बुरी तरह सूज गई थी. सुबह के 4 बज रहे थे. मैंने गर्म पानी करके उसकी चुत की सिकाई की. उसे कुछ आराम मिला और वो भी सो गई.

सुबह 7 बजे हम दोनों ने चौथी बार फिर से चुदाई की.

उस दिन मैंने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली और अगले 3 दिन तक घर पर ही रहा.

दिन और रात रुक रुक कर मैंने उसकी भरपूर चुदाई की.

बाथरूम में एक साथ नहाते हुए, तो कभी सोफे पर, फर्श पर लिटा कर और दीवार से खड़े करके … हर तरह से मैंने उसकी चुदाई की. जल्द ही मैंने उसकी गांड की चुदाई भी शुरू कर दी.

अब तो वो इसकी आदी हो गई थी और मेरा पूरा साथ देते हुए चुदाई का पूरा मजा लेने लगी थी.

मैं भी उसे हर तरह से खुश रखता हूं. उसको कभी नहीं लगता कि मैं उससे उम्र में इतना बड़ा हूँ और कभी मुझे इसका अहसास नहीं होने देती. उसे पाकर मैं हर तरफ से खुश हूं और वो भी मुझसे खुश है.

अभी भी शायद ही कोई दिन होता होगा कि हम लोग चुदाई न करते हों. वो मेरी सेक्स लाइफ की बिलकुल सही पार्टनर है. चुदाई में सभी को ऐसी ही लड़की की जरूरत होती है.

दोस्तो, मेरी ये सच्ची वाइफ पोर्न सेक्स स्टोरी आपको अच्छी लगी होगी, मैं ऐसी उम्मीद करता हूँ.
धन्यवाद.