ब्वॉयफ्रेंड से झांट साफ़ करा के चुत चुदाई

इंडियन हनीमून सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मैं अपने चोदू यार के साथ मसूरी में हनीमून मना रही थी. मेरे यार ने मेरी गांड मारी थी तो दर्द कर रही थी. तो मैंने क्या किया?

दोस्तो, कैसे हो आप सब … आज काफी समय बाद मुझे अपनी सेक्स कहानी लिखने का फिर से मन हुआ.

पिछली सेक्स कहानी
अपने यार से मैंने गांड मरवा ली
में आपने जाना था कि मैंने अपने यार से गांड मराई थी. वो सेक्स कहनी आप सबको बहुत अच्छी लगी थी, जिसको लेकर मुझे काफी कमेंट भी आए थे.

अब कुछ ऐसा हो गया है कि मुझे अपनी सेक्स लिखने का टाइम ही नहीं मिलता है. मगर इसका मतलब ये कतई नहीं है कि मुझे सेक्स की भूख कम हो गयी है. बल्कि अब तो इसका उल्टा हो गया है. मुझे अपने यार से चुदवाने का मन बहुत ज्यादा करने लगा है.

मैं सोचती हूँ कि जितना टाइम कहानी लिखने में लगाऊंगी, उतने में तो मैं दो राउंड चुत में लंड के ही करवा लूं.

उस रात मेरे ब्वॉयफ्रेंड अनु ने पहली बार मेरी गांड मारी थी, मुझे काफी दर्द हुआ था. गांड मराने के बाद जब मैं सो कर उठी, तो मैंने देखा कि मेरी प्यारी सी गांड फूल कर लाल हो गयी थी.

हम दोनों रात में नंगे ही सो गए थे. तो सुबह मैंने देख लिया वरना पता ही नहीं लगता कि क्या बैंड बजा था रात को मेरी गांड का.

मैं जैसे तैसे उठ कर वॉशरूम गयी और गरम पानी से नहा ली. तब जाकर मुझे थोड़ा सा आराम मिला.

उसके बाद मैंने अनु को जाकर उठाया. अपने कपड़े पहने और ब्रेकफास्ट का ऑर्डर दे दिया. कुछ देर में अनु भी बाथरूम से आ गया और हम दोनों ने साथ में ब्रेकफास्ट किया.

फिर हम दोनों रेडी होकर घूमने निकलने वाले थे.
तभी होटल के मैनेजर ने हमारे कमरे की घंटी बजाई. मैंने उसे अन्दर आने का कहा.

वो अन्दर आया और बोला- आपके हनीमून की पहली रात अच्छी रही होगी.

अनु ने उससे इतनी अच्छी व्यवस्था देने के लिए थैंक्स बोला और वो जाने के लिए घूम गया.

फिर हम दोनों आगे बढ़े, वो मैनेजर मेरी चाल देख रहा था. क्योंकि मेरी गांड का दर्द मुझे ठीक से चलने भी नहीं दे रहा था.
वो मैनेजर कुछ दबी हुई मुस्कान के साथ मेरी गांड की तरफ देखता हुआ जाने लगा.

मैंने अनु को बोला- देखो, वो कैसे मुझे देख रहा है.
इस पर अनु हंस कर बोला- उसने भी अपनी वाइफ की ऐसे ही ली होगी … वो उसी को याद करके हंस रहा होगा.
ये कह कर अनु हंसने लगा.

मुझसे चलते नहीं बन रहा था, तो मैंने अनु के साथ जाने से मना कर दिया और मैं होटल में ही रुक गयी.

अनु बोले- ओके, तुम इधर ही आराम करो, मैं मार्केट तक जा रहा हूँ. मुझे कुछ सामान लाना है.

मैं रूम में वापस आ गयी और अनु मार्केट चले गए.

मैं फिर वॉशरूम में जाकर बाथटब में गरम पानी भर कर बैठ गई और अपनी गांड की सिकाई करने लगी.

लगभग एक घंटे बाद अनु कमरे में वापस आ गए. उनके हाथ में बैग था.

अनु कमरे में अन्दर आते ही बोले- जो कल करना चाह रही थी, अब करो. मैं रेडी हूँ.

मुझे अनु की बात समझ में नहीं आई कि कल क्या करना था. तभी अनु ने बैग ओपन किया. उसमें रेज़र, ट्रिमर, कैंची और लाल रंग की ब्रा और पैंटी थी.

मैंने पूछा- कल तो आपने मना कर दिया था कि रेज़र नहीं है?
तब अनु बोले कि हां इसी लिए तो अभी मार्केट से लाया हूँ. ब्रा ओर पैंटी पहले ले ली थी, ये कार में रह गई थी.

वो बोले- लो तुम चेंज कर लो, फिर काम स्टार्ट करते हैं.

मैं वहीं नंगी हुई और ब्रा पैंटी पहन ली.
क्या बताऊं दोस्तो … क्या मस्त ब्रा थी. ये लाल रंग की ट्रांसपेरेंट जाली वाली ब्रा थी. जैसे सुहागरात के लिए लड़कियां खरीदती हैं. ये ठीक वैसी ही थी.

मैंने उसको पहन कर देखा तो सामने अनु ने अपने लंड पर रूमाल बांधे हुए खुद को नंगा कर लिया था.

मैं बोला- ये क्या?
वो बोले- आज इसकी सुहागरात है … इसलिए शरमा रहा है.

ये कह कर अनु हंसने लगे. मुझे भी हंसी आ गई.

एक तो कमरे का सीन बहुत मस्त था ऊपर से अनु की ये बातें मुझे मस्त किये दे रही थीं.

फिर अनु बोले- हिमानी, बाल कटवाने के लिए रेडी हो?

मैं सोचने लगी कि यहां सेक्स के लिए आई हूँ … या बाल कटवाने के लिए. फिर मैंने अनु से ये पूछ ही लिया.
अनु बोले- दोनों का मज़ा दूंगा.

अब मैं नई पैंटी ब्रा में अनु के सामने खड़ी हो गई थी. मेरे बाल कंधे तक थे.

अनु ने मुझे चेयर पर बिठाया और बोले- मैडम कैसा हेयर कट करवाना है?
मैंने कहा- जो आपको पसन्द हो.
अनु बोले- ठीक है … अब देखो अपनी हीनू को कैसा मस्त हेयर कट देता हूँ.
मैंने ओके कहा.

तो बोले- शॉर्ट चलेगा?
मैं बोली- पहले एक बार बॉयकट किया था, तब से मम्मी बॉयकट के लिए ही बोल रही हैं. लेकिन मैं ही नहीं करवा रही थी. आपसे बोलने में मुझे शर्म आ रही थी कि वो ही वाला हेयर कट कर दो जो पहले किया था.
वो बोले- आज उससे भी ज्यादा सेक्सी हेयर कट करूंगा.

बस वो मेरे बालों में कंघी करने लगे. उनके लंड पर रूमाल अभी भी वैसे ही बंधा था और लंड सीधा ऊपर को मुँह उठाए हुए खड़ा था.

उसके बाद अनु ने कैंची से बाल सैट किए … और पीछे से, साइड से, वो बाल काटने लगे. मेरे बाल मेरी ब्रा पर गिर रहे थे.

मैंने पूछा- आप कौन सा कट कर रहे हैं … ये तो बता दो?
फिर अनु बोले- शॉर्ट बॉब विद शेप एंड अंडर कट.

मुझे अनु की बात समझ ही नहीं आई.

मगर मुझे उन पर विश्वास था कि जो भी अनु करेंगे, अच्छा ही करेंगे.

कुछ देर कैंची चलाने के बाद अनु ने मेरी गर्दन को नीचे कर दी और ट्रिमर से कान तक के बाल हटा दिए. अब मैं भी सोच में पढ़ गयी कि कहीं मुझे गंजी तो नहीं कर रहे हैं.

मैंने अनु को टोका. तो वो बोले- आराम से बैठो हिमानी … जब पूरा हो जाएगा, तो देख लेना.

मैंने आंख बंद करके अपने प्यार से अपने बाल कटवाती रही.

दस मिनट बाद मेरी गर्दन पर उस्तरा लगा कर अनु ने बालों को साफ़ कर दिया और बोले- अब शीशे में देख कर बताओ कि हेयर कट कैसा हुआ.

मैंने आंखें खोलीं और सामने लगे शीशे में खुद को निहारा. मैं हैरान थी … झूठ नहीं बोलूंगी … लेकिन इस हेयर कट में मैं और ज्यादा सेक्सी लग रही थी.

मैंने पलट कर अनु को किस किया और उसे थैंक्स बोला.

वो बोले- अभी काम पूरा नहीं हुआ … आराम से बैठी मेरी जान.

मैं बैठ गई. अनु ने मेरी बाहें उठा कर मेरी बगलों के बाल भी साफ़ किए. फिर पैंटी उतार कर मेरी मुन्नी को चिकना कर दिया. वो भी दो बार क्रीम लगा कर चुत पर रेजर फेरा. मेरी तो चुत बह उठी.

फिर अनु बोले- अब तुम मेरे रॉकेट को भी साफ़ कर दो.
मैंने कहा- जी बिल्कुल!

मैंने अनु को लेटा दिया और उनके रॉकेट से खड़े लंड से रूमाल हटा दिया.

रूमाल हटाते ही मैं भौचक्की रह गई. अनु के लंड पर लिखा था- थैंक्स हीनू लव यू.

मैंने झुक कर अनु के लंड पर एक किस किया … फिर क्रीम लगाई.

मैं पहली बार लंड से झांटें साफ कर रही थी तो क्रीम यहां वहां सारे में फ़ैल गयी थी.

फिर अनु ने मुझे रेज़र दिया और बोले- आराम से करो.
मैंने बोला- जिस रेजर से मेरी शेव की है, मुझे वो वाला ही रेज़र दो, उसी से करूंगी.
वो बोले- वो उस्तरा होता है, रिस्की रहेगा … तुम मेरा रॉकेट कट कर दोगी.
लेकिन मैंने कहा- नहीं मुझे उसी से ही करना है.

तब मनु ने अपने हाथ में मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड की शेव करवाई.

मैंने बोला- एक बार मैं खुद करूगी.
वो नहीं माने और बोले- पहले मैं सिखा दूंगा, तब करना. अभी नहीं.

कुछ देर में लंड की सफाई हो गई और मैं और अनु दोनों वॉशरूम में चले गए. उधर अच्छी तरह से हम दोनों साफ़ हुए और कमरे में नंगे ही आ गए. मेरी मुन्नी और उनका रॉकेट दोनों चमक रहे थे.

फिर मैं अनु की गोद में बैठ गयी और किस होना शुरू हो गया. फिर काफी देर तक अनु मेरे मम्मों को ऐसे पीते रहे, जैसे कोई छोटा बच्चा अपनी मां का दूध पिता है.

मुझे अनु को अपनी चूचियां पिलाने में बहुत मज़ा आ रहा था.

मैं गरमा गई थी तो बोली- अनु यार अब डाल भी दो … बहुत देर हो गयी.
वो बोले- आज मुझे कुछ अलग स्टाइल से चुदाई करना है.
मैंने ओके कहते हुए उनसे कहा कि जैसे भी चोदना हो जल्दी से चोदो. मेरी चुत में चींटियां रेंग रही हैं

अनु हंस पड़े.

उसके बाद अनु ने कहा- तुम टॉप पहन लो और कमरे की खिड़की खोल दो.

मैंने टॉप उठाया और खिड़की खोल कर बेड के पास आ गई.

अनु बोले- वहीं खिड़की के पास खड़ी हो जाओ … और बाहर का नजारा एंजाय करो.
मैं बोली- पागल हो गए हो क्या?
वो बोले- करो ना … मज़ा आएगा.

मैंने टॉप डाला और खिड़की के पास खड़ी हो गयी. वो नीचे बैठ गए और मेरी चुत में मुँह लगा आकर उसको चूसने लगे थे.

मेरी आह निकल गई. मैं पैरों को चौड़ा किए खिड़की से बाहर देख रही थी और अपने होंठ को दांतों से दबा कर चुत चुसाई का मजा ले रही थी. सच में अनु ने मुझे पागल ही बना दिया था.

अनु थोड़ी देर बाद चेयर पर बैठ गए और बोले- हीनू, मेरे रॉकेट पर बैठ कर इसे अन्दर ले लो.

मैं धीरे से अनु के खड़े लंड पर चुत रखते हुए बैठने लगी … लेकिन मुझे बहुत दर्द हो रहा था.

वो बोले- रुकना नहीं है … एक बार में ही अन्दर लेना है मेरी रानी.

मैंने बड़ी मुश्किल से आधा लंड लिया.

तभी अनु ने मेरे कंधे पकड़ कर दबा दिए और पूरा लंड मेरी मुन्नी में जा घुसा.

वहीं खड़की पर मैं अपने यार का लंड चुत में लेकर बैठ गई. कोई दो मिनट बाद अनु ने मुझे वैसे ही उठाया और सोफे पर कुतिया बनाते हुए झुका दिया.

अब अनु ने अपने मोटे लंड से मेरी चुत का बैंड बजाना स्टार्ट कर दिया. इस कहकर में मैं ये भूल ही गयी थी कि अनु ने लंड पर कंडोम नहीं लगाया है.

मैंने बोला- अनु ये क्या किया? बिना कंडोम के शुरू हो गए?
वो बोले- सॉरी यार मुझे भी याद नहीं रहा.
फिर वो बोले- कोई बात नहीं जान, आईपिल ले लेना … अब जो हो गया है, ठीक हुआ है … तुम अभी बस लंड के मज़े लो.

उस टाइम मुझे पहली बार फील हुआ कि बिना कंडोम के कैसा गरम सा महसूस होता है. चुत में नंगे लंड का वो मज़ा अलग ही था.

फिर अनु ने तेज़ तेज़ चोदते हुए मुझे बेहद मजा देना शुरू कर दिया. वो और तेजी से लंड पेलते रहे और 5 मिनट में ही अपना रस मेरी चुत में निकाल दिया.

सच बोलूं, तो उस दिन फर्स्ट टाइम लगा था यही रियल सेक्स होता है. चुत को वीर्य से नहाना एक ऐसा मजा था जिसे भुला पाना मेरे वश में नहीं था. शायद उस दिन मैंने सोच लिया था कि अब बिना कंडोम के ही चुदूंगी.

अनु झड़ने के बाद ऐसे ही मेरे ऊपर ढेर होते हुए झुक गए और अपने लंड का सारा माल मेरी चुत में चला जाने दिया.

मुझे डर भी था और मज़ा भी आ रहा था.

अनु बोले- दवा ले लेना यार, कुछ नहीं होगा.

फिर हम थोड़ी देर नंगे ही लेट गए. बीस मिनट बाद फिर से उनका मूड बन गया. वो बोले- हिमानी एक राउंड पीछे वाले में भी लेने दो.
गांड मराने का मन तो मेरा भी था. लेकिन मैंने कहा- नहीं यार … दर्द हो रहा है.

वो थोड़ा सा नाराज़ हो गए और जिद करने लगे.
तब मैंने हां बोल दिया और कहा- यार आराम से करना … कल से अभी तक मेरी गांड सूजी हुई है.

फिर मैंने अनु का लंड साफ़ किया और उसको चूसने लगी. मुझे लंड चूसने में मज़ा आ रहा था. क्योंकि अभी उस पर कोई बाल नहीं थे.

मैंने दो मिनट में ही उनका लंड चूस कर टाइट कर दिया और डॉगी सी झुक गयी.

मैंने गांड हिलाते हुए कहा- लो मेरी पीछे की दुकान खुली है … मार लो.
अनु बोले- ऐसे नहीं … आज मैं कुछ अलग तरह से गांड मारूंगा.

मनु ने मुझे दीवार की ओर मुँह करके खड़ा कर दिया और मेरी एक टांग चेयर पर रखकर मेरी गांड को थोड़ा सा ऊपर किया और उंगली से मेरी गांड में क्रीम लगाना स्टार्ट कर दिया.

मेरी गांड में मुझे मज़ा भी आ रहा था और डर भी लग रहा था. लेकिन शादी के बाद भी ये सब होना है और अब भी सब हो रहा है, सो मैंने सोचा कि जो होगा देखा जाएगा.

अनु ने अपने लंड को मेरी गांड के छेद पर लगाया और दबाव देते हुए अन्दर डालने लगे. उन्होंने मुझे पूरी ताक़त से पकड़ा हुआ था. मुझे गांड में परपराहट होने लगी थी. धीरे धीरे लंड का टोपा मेरी गांड में फंस गया और लंड अन्दर घुसता ही जा रहा था.

मैं अपने दांतों को भींचे हुए लंड अन्दर लेते हुए खुद को दिलासा दे रही थी. आज दर्द कम हो रहा था … मगर दर्द फिर भी था.

यूं ही पेलते पेलते अनु का पूरा लंड मेरी गांड में सैट हो गया. मुझे दर्द तो हुआ लेकिन कल वाला नहीं था. अब अनु ने मेरी गांड मारना स्टार्ट कर दिया. उन्होंने लंड को गांड में आगे पीछे करना शुरू किया, लेकिन लंड टाइट जा रहा था.

दस बारह मिनट तक शॉट लगाने के बाद अनु ने मेरी गांड में पूरा माल निकाल दिया. आज मुझे बहुत मज़ा आया था. मैं खुश थी कि मेरी पीछे वाली दुकान भी चल निकली थी.

फिर अनु ने मेरी गांड के बाल भी साफ़ किए और हम दोनों लेट कर सो गए. शाम को हम दोनों वापस देहरादून आ गए.

ये गांड मरवाने वाली ट्रिप मैं कभी भी नहीं भूल पाऊंगी.

कुछ टाइम बाद अनु की मम्मी ने मेरे मम्मी पापा से बात की और हमारी शादी पक्की कर दी.

इसके बाद दोस्तो, आगे क्या हुआ, मैं आपको लिख कर बताऊंगी. आप सब अपना ख्याल रखना.
आपकी सेक्स कहानी वाली हिमानी