मेरी हॉट इंडियन चुत को नए नए लंड की जरूरत थी. मुझे बस चुदने का बहाना चाहिए. सामने कोई भी क्यों न हो, बस मर्द होना चाहिए जो मुझे रगड़ कर रख दे.
लेखक की पिछली कहानी थी
मैं बनी स्कूल की नंबर वन रंडी
अब इस नयी कहानी का मजा लें.
हाय, मैं सुनीता हूँ मेरी 28 साल की उम्र है लेकिन मेरा फिगर बड़ा ही खतरनाक है. फिगर का नाप 40-28-42 का है. मैं बाराबंकी उत्तरप्रदेश की रहने वाली हूँ. बहुत अधिक गोरी हूँ और मेरे बूब्स बड़े तो हैं … लेकिन बहुत टाइट हैं.
मेरी गांड भी भरी, मोटी और बाहर को उठी हुई है.
जब मैं बाहर निकलती हूँ, तो सबकी नज़रें मेरी चूचियों और गांड पर ही होती है क्योंकि मैं बहुत खुले और फैशनेबल कपड़े पहनती हूँ … जिससे मेरा पूरा शरीर परफेक्ट दिखे और लगे कि हां मैं बहुत चुदक्कड़ माल हूँ.
ये सच भी है कि मैं एक बड़ी चुदक्कड़ हूँ और अब तक न जाने मैं कितनों के लंड की किस्मत का ताला खोल चुकी हूं. मुझे बस चुदने का बहाना चाहिए होता है. फिर सामने कोई भी क्यों न हो, बस मर्द होना चाहिए जो मुझे रगड़ कर रख दे.
ये बात पिछली गर्मी की है, जब हमारे शहर में बहुत गर्मी पड़ रही थी.
मैं यहां वही घिसी पिटी ज़िन्दगी से परेशान हो गयी थी. वो रोज़ मिलने वाले लोगों के लंड से चुद चुद कर मैं बहुत बोर हो चुकी थी.
अब मुझे अपनी ज़िंदगी में कुछ नया और अलग सा करना था. जिसके लिए मैंने शिमला जाने की सोची.
इस मौसम में ट्रेन का टिकट तो मिलने से तो रहा, तो मैंने लखनऊ से सीधे शिमला वाली बस का टिकट बुक कर लिया. अगले दो दिन बाद का टिकट मुझे मिला था.
ये दो दिन तैयारी में चले गए और किसी का लंड न ले सकी.
फिर वो दिन अब आया, तो मैं अपना सारा सामान लेकर बस अड्डा आ गयी और वहां से बस में अपनी सीट पर व्यवस्थित हो गई.
बस चली तो मैं कुछ देर बाद सो गई.
वो बस रात भर चली. जब मैं सुबह उठी तो बस कालका पहुंच चुकी थी.
बस छोड़ने के बाद पहले तो मैं फ्रेश हुई और कुछ खाया.
उसके बाद शिमला जाने के लिए साधन देखने लगी.
क्योंकि पहाड़ पर बस से जाने में मुझे चक्कर आता है इसलिए मैंने भाड़े की कार से जाने का फ़ैसला किया.
कुछ देर बाद मुझे एक मार्शल ठीक लगी, उसमें मैं बीच वाली सीट पर ड्राइवर के विपरीत दिशा में खिड़की की तरफ बैठ गयी. ड्राइवर शिमला जाने वाली और सवारी देखने लगा.
कुछ देर बाद एक फैमिली आयी, जिसमें एक आदमी और उसकी बीवी और एक 19-20 साल का लड़का भी था. वो लड़का मेरे बगल में आकर बैठ गया.
उसके बाद उसकी मम्मी और फिर उसके पापा बैठ गए.
बीच वाली सीट पर मेरे बैठने के लिए अब थोड़ी जगह कम बची थी. मैं पहले से पीछे होकर बैठी थी. इसलिए वो जवान लड़का थोड़ा सा आगे होकर बैठ गया.
इसके बाद तकरीबन 15 मिनट और रुकी फिर गाड़ी भर जाने के बाद ड्राइवर ने गाड़ी आगे निकाली.
अब मैंने ईयर फ़ोन लगा लिए और खिड़की तरफ अपना सर टिका कर मौसम का मज़ा लेने लगी.
अभी गाड़ी चले हुए कुछ देर ही हुई थी. उस बगल में बैठे हुए लड़के ने हरकत करनी शुरू कर दी.
पहले तो एक दो बार उसकी कोहनी मेरी चूची से लड़ी, तो मैंने जाने दिया … क्योंकि जगह कम होने की वजह से मैंने कुछ नहीं बोला.
लेकिन कुछ देर बाद उसने अपनी कोहनी को मेरी चूची पर रख दिया. मैंने उसकी इस बात का भी कोई विरोध नहीं किया.
कुछ देर बाद मेरी आंख लग गयी और जब कुछ समय बाद मैं अचानक से जाग गई, जिसकी वजह ये थी कि उस लड़के ने मेरी चूची को कसके दबा दिया था.
एकदम से मैं जाग गयी … लेकिन मैंने आंख नहीं खोली.
मैं समझ गई थी कि लौंडा हरामीपन कर रहा है मगर मैं वैसे ही आंखें मूंदे बैठी रही कि देखूं आगे ये क्या करने वाला है.
कुछ समय बाद जब उसको ये विश्वास हो गया कि मैं सो रही हूँ, तब वो फिर से अपनी कोहनी से मेरी चूची रगड़ने लगा.
अब हम सब शिमला पहुंच रहे थे तो मौसम भी बदल गया था. हल्की ठंडक भी होने लगी थी.
उस लड़के की मम्मी ने उसको एक हल्की चादर ओढ़ने को दे दी, जिसको उसने मुझे भी बहुत चुपके से उढ़ा दिया ये जान कर कि मैं तो गहरी नींद में सो रही हूँ.
लेकिन असल ने मैं बस आंख बंद करके सोने का नाटक कर रही थी.
उसके चादर डालते ही उसको जैसे छूट मिल गई थी. उसने अपना दूसरा हाथ मेरी चूची पर पूरी तरह से रख दिया और हल्के हल्के से दबाने और सहलाने लगा.
उसकी इस हरकत से अब मुझे भी मज़ा आने लगा, जिसके चलते मैं उसका कोई विरोध नहीं कर पाई.
उसने मेरी रजामंदी समझ ली और मुझे चादर उढ़ा कर वो मेरी चुचियों से मस्ती से खेलने लगा.
मैं भी मजा ले रही थी. मैंने कोई प्रतिकार नहीं किया.
इसका मतलब वो समझ गया था और अब वो बहुत ज़्यादा उत्तेजना से कस कस के मेरे मम्मों को मसलने लगा था.
इससे मुझे हल्का दर्द भी हुआ, लेकिन मज़े के आगे दर्द कुछ पता ही नहीं चला.
कुछ देर बाद उसने अपना हाथ मेरी चुचियों से हटा दिए और मेरे पेट पर ले आया. मेरी टी-शर्ट उठा कर मेरे पेट को और नाभि में उंगली डाल कर सहलाने लगा.
उसकी इस हरकत से मेरी उत्तेजना एकाएक बढ़ गयी और मैंने अपनी गर्दन उसके कंधे पर रख दी जिससे उसको और आसानी हो जाए.
शायद वो इसी बात का इंतज़ार कर रहा था.
अबकी बार उसने मेरी टी-शर्ट ऊपर तक उठा दी और मेरी चूचियों को पहले ब्रा के ऊपर से रगड़ा … फिर ब्रा में से मेरी चूचियों को बाहर निकाल कर मेरे निप्पलों रगड़ने लगा.
कुछ देर तक मेरे चालीस के चूचों से खेलने के बाद उसने फिर से मेरे सारे कपड़े सही किए और अपना हाथ मेरी लोअर में घुसा दिया.
मैंने लोअर के नीचे पैंटी नहीं पहनी थी जिसकी वजह से उसकी उंगलियां सीधे मेरी गर्म भट्टी जैसी हॉट इंडियन चुत में घुस गईं.
इस बार उसकी इस हरकत से मैंने अपना धैर्य खो दिया और सीधे अपने हाथों से उसका लंड बाहर निकाल कर चादर के नीचे सहलाने लगी.
अब वो मेरी चूत में उंगली कर रहा था और मैं उसका लंड मसल रही थी.
कुछ देर बाद ड्राइवर बोला- आप लोग उठ जाइए … चाय वगैरह ले लीजिए या जिसको कुछ खाना हो खा ले.
ये कह कर उसने ढाबे पर गाड़ी रोक दी.
गाड़ी के रुकते ही हम दोनों ने अपने आपको ठीक किया और उसने वो चादर हटा दिया.
नीचे उतरे तो बाहर ठंड बहुत थी. मैंने अपने बैग से एक मोटी जैकेट निकाल कर पहन ली और फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चली गयी.
बाथरूम ढाबे के पीछे था. ये एकदम कोने में हल्की खाई में बना था.
मैं अन्दर गयी और फ्रेश होकर जैसे ही दरवाज़ा खोला, तो देखा वो लड़का सामने खड़ा था, जो गाड़ी में मेरी चूची दबा रहा था.
मैंने उसको थोड़ा सा स्माइल देकर पूछा- आपको भी जाना है?
तो उसने हां में सर हिलाया और मैं बाहर आ गयी.
वो मुझे देखता हुआ अन्दर को जाने लगा. जैसे ही मैं आगे बढ़ती, उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे अन्दर खींच कर दरवाज़ा बंद कर दिया.
अब तक मैं समझ गयी थी कि इसकी वीर्य की टंकी भर गई है, इसने उसी को खाली करने के लिए मुझे रोका है.
अगले ही पल उसने मुझे कसके गले से लगाया और फिर मेरे मखमली होंठों पर अपने होंठ को रख कर चूसने लगा.
इस काम में मैं भी उसका बराबर से साथ दे रही थी.
फिर उसका एक हाथ मेरी जैकेट के अन्दर घुस गया और वो मेरे मोटे मम्मों को मसलने लगा.
इससे अब मेरी भी कामुकता चरम पर पहुंच रही थी.
उसने इसके बाद ज़रा सा समय न लगाते हुए मेरी टी-शर्ट और ब्रा ऊपर कर दी और दोनों मम्मों को बारी बारी चूसने लगा.
अब तक मैंने भी उसका लंड पैंट से बाहर निकाल कर हिलाना शुरू कर दिया था.
उसका लौड़ा साढ़े 6 इंच का था, जिसको अगले ही पल मैंने नीचे बैठ कर अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगी.
कुछ ही देर की मुँह से लंड चुसाई के बाद उसने मुझे खड़ा किया और मेरी लोअर नीचे कर दिया.
मेरी चूत में थोड़ा सा थूक अपने हाथ से लेकर लगाया, उसके बाद एक ही झटके में लंड हॉट इंडियन चुत के अन्दर घुसा दिया.
लंड अन्दर लेते ही मेरी सिसकारियां निकलने लगीं और मेरे मुँह से जोशीली आवाज में ‘उफ्फ आह आह आई उह ईईई आह ..’ तेज़ होने लगी.
उसने मेरे होंठों को अपने होंठों से पकड़ लिया और चूसने लगा.
कुछ देर मेरी चूत चोदने के बाद उसने मुझे घुमा दिया और हल्का सा झुका कर अपनी उंगली गीली करके मेरी गांड में डाल दी.
फिर एक ही बार में अपना लौड़ा मेरी गांड में डाल कर फुल स्पीड में मेरी गांड मारने लगा.
उसकी चुदाई से मुझे लग रहा था कि देर हो रही है, कहीं इसकी मम्मी इसको ढूँढने न आ जाए.
मैं उससे बोली- जल्दी करो … वरना कोई आ जाएगा.
उसने बोला- हां … बस होने वाला है.
अब ये बात सुन कर मैंने उसका लौड़ा अपनी गांड से निकाला और फिर से मुँह से लंड चूसने लगी. इससे कुछ ही मिनटों के बाद उसका सारा लावा मेरे मुँह में बह गया. मैं माल को पूरा निगल गयी.
चुदाई समाप्त हुई तो हम दोनों अपने कपड़े ठीक करने लगे.
वो बोला- अपनी ब्रा और टी-शर्ट उतार कर बैठ जाना, तुम ऊपर से जैकेट तो पहने हो.
मैंने उसकी बात मान ली और वैसा ही किया. पहले वो बाहर निकल गया, फिर मैं.
मैंने बाथरूम में ही अपनी टी-शर्ट और ब्रा उतार कर हाथ में ले ली थी. बाहर आकर मैंने सभी की नजरें बचा कर चुपके से अपने बैग में रख दीं.
कुछ देर बाद गाड़ी फिर से चली और उसने मुझे फिर से अपनी चादर उढ़ा कर मेरी जैकेट की चैन खोल दी.
अब मैं गाड़ी में ऊपर से नंगी बैठी थी, अगर कोई चादर हटा देता तो मेरी सारी फिल्म दिखने लगती.
लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और सारे रास्ते वो मेरे मम्मों से खेलता हुआ आया. फिर हम दोनों अलग अलग हो गए.
अब मैं शिमला में थी और अब मेरी पहला काम था … कोई सस्ता और अच्छा सा होटल देखना, जिसको देखने के चक्कर में मुझे दो घंटे हो गए.
लेकिन कोई मेरी जेब के हिसाब से नहीं था … सब बहुत महंगे थे.
फिर मैं एक और होटल में गयी, जिसमें वही सब दिक्कतें थीं. तो मैं उसी होटल के बाहर आकर बैठ गयी क्योंकि सामान लादे लादे होटल देखने के चक्कर में मैं थक गई थी.
तभी सामने बैठा एक आदमी मेरे पास आया और बोला- क्या आप होटल ढूंढ रही हो?
मैं- हां.
आदमी- क्या अब तक मिला नहीं!
मैं- मिले तो बहुत, लेकिन सब बहुत महंगे हैं.
आदमी- अगर मैं आपको सस्ते में दिला दूं तो!
मैं- ये तो बहुत अच्छी बात होगी.
आदमी- मैं पांच सौ लूंगा.
मैं कुछ देर सोचने के बाद बोली- ठीक है, लेकिन कितने तक का मिलेगा!
अब उसने जो रेट बताया, वो मुझे बिल्कुल ठीक लगा. मैंने उससे पहले कमरा देखने को बोला.
वो उसी होटल के सामने, जिसके बाहर मैं बैठी थी … उसी के वो दूसरे निचले तल पर ले गया. जो कि चुदाई करने वाले और दारू पीने वालों के लिए था, जो मुझे बाद में पता चला.
मैंने कमरा देखा, तो मुझे ठीक लगा. लेकिन उसका मैनेजर नशेड़ी था, पूरा नशे में धुत था.
फिर भी मैंने वो कमरा फाइनल कर लिया. वो एकदम किनारे वाला कमरा था.
उसके सामने भी एक कमरा था और उसी की दीवार की तरफ भी एक छोटा सा कमरा था. वो कमरा एक स्टोर रूम की तरह था, जो वेटरों के आराम करने के लिए था.
कमरा पसंद करने के बाद मैंने उस दलाल को पांच सौ अलग से दे दिए.
फिर उस नशेड़ी मैनेजर ने एक 22 या 23 साल का लड़का बुलाया, जो एकदम गोरा और स्मार्ट सा था.
उसको मेरा सामान मेरे कमरे में पहुंचाने को बोला.
मैं भी उसके पीछे कमरे तक आयी.
जैसे ही वो मेरा सामान रख कर जाने लगा, तो मैंने उसको अपनी बोतल देते हुए बोला कि इसमें गरम पानी ला दो.
क्योंकि वहां का सादा पानी भी एकदम ठंडा था.
वो सर हिलाता हुआ चला गया और मैंने दरवाज़ा भेड़ दिया.
रूम हीटर चला कर पहले कमरे का तापमान सामान्य किया.
उसके बाद लड़के को आने में देर लगी, तो मैं अपने सारे कपड़े उतार कर बिल्कुल नंगी हो गई और अभी पहनने के लिए अपने बैग से कपड़े निकालने लगी.
मैं बिल्कुल नंगी झुक कर कपड़े निकाल रही थी, तभी मुझे दरवाज़े पर कुछ आहट सुनाई दी, जिसको देखने के लिए मैं जैसे ही आगे बढ़ी, तो वो ही वेटर वाला लड़का था. उसने दरवाज़ा नॉक करके तुरंत खोल दिया और मुझे आंख फाड़ कर देखने लगा.
तभी मुझे ध्यान आया कि मैं तो पूरी नंगी हूँ.
मैंने तुरन्त अपने बैग से एक तौलिया निकाल कर बांध लिया, जो कि बहुत ही छोटी नाप की थी. उसको बांधने से मेरे मम्मे आधे दिख रहे थे.
वो मेरे मम्मों का दर्शन करने लगा.
उस लड़के ने मेरे भरे हुए दूध देखे, तो उसका मुँह खुला का खुला रह गया. उसकी बेचैनी देख कर मुझे मजा आने लगा.
अब आगे क्या हुआ … क्या उस लड़के ने मेरी जवानी की बहती नदी में डुबकी मारी और मुझे चुदाई का मजा दिया. ये सब आपको हॉट इंडियन चुत कहानी के अगले भाग में लिखूँगी.
मैं आपकी सुनीता अवस्थी, आप कमेंट करना न भूलें.
हॉट इंडियन चुत कहानी जारी है.