चूतिया बॉयफ्रेंड की शानदार गर्लफ्रेंड चोदी- 2

हॉट लड़की की वासना की कहानी में पढ़ें कि एक फुद्दू लड़का अपनी गर्म लवर की वासना जगा कर मेरे पास छोड़ गया. मैंने मौके का फ़ायदा उठाया और लड़की से बात की.

हॉट लड़की की वासना की कहानी के पहले भाग
हॉट गर्लफ्रेंड फुद्दू बॉयफ्रेंड
में आपने पढ़ा कि मैं एक प्रेमी जोड़े को भीड़ से बचा कर अपने कमरे में ले आया और उनको प्यार करने का मौक़ा दिया.

मैंने रोहन से कहा- रोहन पहले तुम जाओ, बिन्नी बाद में आ जायेगी.

रोहन बिन्नी से बोला- बिन्नी, तुम ऑटो से चली जाना.
बिन्नी ने उसकी तरफ बुरा सा मुँह बनाया और अपनी गर्दन दूसरी तरफ कर ली.

प्यासी रहने के कारण बिन्नी उससे नाराज़ थी और मैं भी इसी बात का इंतजार कर रहा था.

रोहन ने अपना बुक्स का बैग उठाया और चला गया.

अब आगे हॉट लड़की की वासना की कहानी:

मैंने उठकर खिड़की से रोहन को जाते हुए देखा. जब वह चला गया तो मैं बिन्नी को प्यासी नजरों से देखने लगा.

बिन्नी मेरी ओर देखकर बोली- अब मैं जाऊँ?
मैं- थोड़ी देर बैठो, कुछ बातें करते हैं?
बिन्नी गर्दन नीची करके बैठ गई.

मैंने बिन्नी से कहा- बिन्नी, मैं तुम्हें कुछ बताना चाहता हूँ. बात यह है कि 19 साल की लड़की तो पूरी जवान हो जाती है, उसके सारे अंगों का पूरा विकास हो जाता है; वह पूरा पका हुआ रसदार आम बन जाती है; जिसको उस समय न खाया जाए या न चूसा जाए तो वह आम बाद में बासी होता चला जाता है. लेकिन 19 साल का लड़का इस उम्र में पूरा जवान नहीं होता, न ही वह जवानी का आम चूसने के लायक होता है.

बिन्नी मेरी ओर प्रश्नवाचक नजरों से देखती रही.

यह कह कर मैं बिन्नी के मम्मों और पटों (जाँघों) को देखने लगा.

मैंने पूछा- कुछ समझी?
बिन्नी चुप रही, वह कुछ कुछ समझ रही थी.

मैंने फिर पूछा- क्या तुम रोहन की दोस्ती से खुश हो? क्या रोहन तुम्हें वह सब कुछ दे पाता है जो तुम्हें चाहिए … मुझे नहीं लगता कि वह तुम जैसी हसीन और जवान लड़की को संभाल पाता होगा?

बिन्नी बार बार मेरी तरफ नजरें उठा उठा कर देखती रही और मेरी बातें सुनती रही.

मैंने फिर पूछा- अच्छा यह बताओ, जब तुम बाहर आई तो रोहन से चिढ़ी हुई क्यों थी?
बिन्नी ने कोई जवाब नहीं दिया.

चूँकि मैं शीशे में से सब कुछ देख चुका था अतः मैंने कहा- बिन्नी, इस उम्र के लड़के केवल अपना पानी निकालते हैं और भाग जाते हैं; और लड़की को बीच में ही छोड़ देते हैं.
बिन्नी की सांसें तेज होने लगी और वह मेरी ओर देखने लगी.

उसको चुप देख … और बात आगे बढ़ती न देखकर … मैंने बिन्नी से कहा- तुम्हें किसी स्ट्रॉन्ग लड़के से फ़्रेण्डशिप करनी चाहिए थी जो तुम्हारी जवानी की जरूरतों को पूरा करता?
बिन्नी चुपचाप मेरी ओर देखती रही.

मैंने फिर पूछा- क्या तुम मुझसे फ़्रेण्डशिप करोगी?
बिन्नी ने एकदम मेरी ओर देखा और बोली- क्या आप करोगे?

मैंने कहा- तुम जैसी सुन्दर और प्यारी लड़की को पा कर मैं अपने आपको खुशकिस्मत समझूँगा.
बिन्नी के चेहरे पर खुशी छा गई.

तभी बिन्नी का मोबाइल बजा.
रोहन का फोन था. उसने पूछा- क्या तुम निकल गई हो?

बिन्नी- हाँ, मैं निकल गई हूँ और मुझे डिस्टर्ब मत करो.
और यह कह कर उसने फोन काट दिया.

मेरा प्लान काम कर चुका था.

मैंने बिन्नी से कहा- बाथरूम जा कर अपने हाथ धो कर आओ, रोहन ने इन्हें गंदा किया हुआ है.
बिन्नी ने अपने हाथ देखे और मुस्कराकर बाथरूम चली गई.

बिन्नी ने अंदर से दरवाजा बंद किया और कई देर बाद बाहर निकली, तब तक मैंने भी कमरे की अंदर से कुंडी लगा ली थी.

जैसे ही बिन्नी बाहर आई, मैंने बिन्नी से कहा- तो अपनी फ़्रेण्डशिप की शुरुआत करें.
बिन्नी ने हाँ में गर्दन हिला दी.

मैंने अपनी बाहें फैला दी और बिन्नी मेरी बांहों में समा गई.
हम एक दूसरे से लिपट गए और बहुत देर तक जोर से एक दूसरे को जकड़े हुए खड़े रहे.

मैंने बिन्नी के सुलगते होठों पर अपने होंठ रख दिये. बिन्नी आंखें बंद करके मुझे अपने होठों का रसपान करवाती रही.

मैं बिन्नी के पीछे गया, उसके दोनों मम्मों को पकड़ा और जोर से भींच दिया.
बिन्नी के मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं.

मेरा 8 इंच लम्बा और मोटा लौड़ा मेरे लोअर में बहुत देर से फुँफकार मार रहा था.
मैंने बिन्नी की स्कर्ट को पीछे से उठाकर अपने लण्ड को उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी भरी हुई गाँड में फिट कर दिया.

बिन्नी ने अपनी कमर मेरी छाती में गड़ा दी. बिन्नी बहुत प्यासी थी और पिछले काफी समय से चुदास से भरी हुई थी.

खड़े खड़े मैंने बिन्नी को उसकी गर्दन और पीछे से गालों पर किस किये तो बिन्नी एकदम मेरी बांहों में कटे पेड़ की तरह समा गई.

बिन्नी के मम्मों को मैंने फिर से पकड़ा तो बिन्नी कहने लगी- मेरी शर्ट खराब हो जाएगी.

मैंने पीछे चिपके हुए ही उसकी शर्ट के सारे बटन खोल दिये और उसकी बाजुओं से शर्ट को निकाल कर सोफ़े पर रख दिया.

बिन्नी ने शर्ट के नीचे बहुत ही सुन्दर प्रिंटेड बहुत टाइट ब्रा पहन रखी थी. ब्रा इतनी टाइट थी कि उसके मम्मे ब्रा में से हर तरफ से बाहर निकल रहे थे.

मैंने बिन्नी की ब्रा का पीछे से हुक खोल दिया.
हुक खोलते ही दोनों मम्मे एक झटके में फड़फड़ा कर बाहर निकल कर सीधे खड़े हो गए.

मम्मे इतने बड़े और कठोर थे कि उनका साइज कपड़ों में 34 लग रहा था जबकि छातियाँ नंगी होने के बाद साइज 36 बनता था.

मैंने बिन्नी की छातियों को मसलना शुरू किया. मम्मों के निप्पल बहुत ही छोटे और चारों ओर गुलाबी रंग लिए थे.

बिन्नी के पीछे खड़े खड़े मैंने उसके नर्म गुदाज़ पेट को सहलाना शुरू किया और धीरे धीरे अपने हाथ को उसकी स्कर्ट के इलास्टिक तक पहुंचा दिया.
वो आंखें बंद किये मज़ा लेती रही.

मैंने बिन्नी से पूछा- कैसा लग रहा है?
बिन्नी धीरे से फुसफुसाई- अच्छा लग रहा है.
मैं- क्या पहले कभी इतना मज़ा आया है?
बिन्नी- पहले कभी ऐसा किया ही नहीं, बस रोहन के साथ ही थोड़ा बहुत किया है.

मैंने बिन्नी की स्कर्ट के अंदर अपना दाहिना हाथ अंदर डाल दिया और बिन्नी के पेट के निचले हिस्से को सहलाते हुए उसकी चूत पर हाथ फिरा दिया.
बिन्नी एकदम सिहर उठी.
मैंने बिन्नी की चूत की दरार में अपनी बड़ी उंगली चलाई और उसके क्लिटोरियस पर रख दी.

चूत की दरार मदरस से गीली हो चुकी थी.
बिन्नी का बेहाल हो चुका था.

मैंने उसकी चूत तक अपनी बाकी उँगलियाँ पहुंचाने के लिए बिन्नी की चूत के नीचे के हिस्से से थोड़े उसके पटों को खोलने के लिए हाथ को अंदर धँसाना चाहा तो बिन्नी ने थोड़ी टांगें चौड़ी करके मेरे हाथ को जगह दे दी.

बिन्नी की पूरी चूत अब मेरी पूरी हथेली में आ गई थी और मैंने जोर से चूत को अपनी मुट्ठी में भर कर दबा दिया.

मैं अपनी बड़ी उंगली को मोड़कर उसकी चूत के छेद में डालने लगा.
बिन्नी जोर से सिसकारी ले कर मेरी छाती से गड़ गई.

मैं बहुत देर तक खड़ा खड़ा बिन्नी को सेक्स का मज़ा देता रहा. मैंने बिन्नी की स्कर्ट के इलास्टिक में उँगलियाँ डाली और उसे नीचे करने लगा.

बिन्नी ने मेरा हाथ पकड़ लिया.

मैंने ज़ोर लगाया तो बिन्नी बोली- ये जरूरी है क्या?

तो मैंने कहा- तुम्हारी मर्जी है? यदि इतना ही मज़ा लेना है तो जाओ और पूरा मज़ा चाहिए तो … पूरा मज़ा दूँगा क्योंकि मैं रोहन नहीं हूँ।
बिन्नी- रोहन तो बेवकूफ़ है.

मैं- और अगर मैं तुम्हें ऐसे ही छोड़ दूँगा तो बाद में तुम मुझे भी बेवकूफ कहोगी.
बिन्नी कुछ नहीं बोली लेकिन मुस्करा दी.

मैंने स्कर्ट को नीचे खिसका दिया. अब बिन्नी मेरे सामने केवल एक छोटी सी पैंटी में खड़ी थी.
कच्छी इतनी छोटी थी कि मुश्किल से उसकी चूत को ढके हुए थी.

बिन्नी दरवाजे की कुंडी की ओर देखकर बोली- कोई आएगा तो नहीं?
मैंने कहा- तुम निश्चिंत रहो, यहाँ कोई नहीं आएगा.

यह कह कर मैंने उसे गोद में उठाया और पर्दे के पीछे, बेड वाले पोर्शन में ले गया. मेरी तरफ बिन्नी की पीठ थी.

मैंने उसकी पैंटी को भी निकाल दिया और अपने भी सारे कपड़े निकाल दिए.

अब मैंने बिन्नी को अपनी तरफ घुमाया. जैसे ही बिन्नी ने मेरे 8 इंची खड़े लण्ड को देखा. वह घबरा गई और बोली- यह तो बहुत बड़ा है, मैंने नहीं करना.
मैंने बिन्नी से कहा- इसके साइज से मत घबराओ, अभी तुमने रोहन की पतली डंडी देखी है, लेकिन तुम्हारी चूत बहुत जवान और पकी हुई है, आराम से ले लेगी.

बिन्नी- इससे तो दर्द होगा?
मैं- नहीं होगा, बल्कि तुम्हें मज़ा आएगा, यदि दर्द होगा तो नहीं करूंगा.

मैंने बिन्नी की चूत को देखा तो देखता ही रह गया.
बहुत ही सुन्दर उभरी हुई चूत पर ऊपर के हिस्से में हल्की झाँटें थीं. शायद हफ्ता पहले ही शेव की गई थीं.

मैंने बिन्नी को आश्वस्त किया. मेरे साथ पहले दिन हर कंवारी लड़की ऐसे ही कहती है और मैं भी उसे ऐसे ही आश्वस्त करता हूँ.

खड़े खड़े मैंने बिन्नी की टांगों को थोड़ा चौड़ा किया और अपने लण्ड का सुपारा उसकी गीली हुई चूत पर अड़ा दिया.

बिन्नी मुझसे लिपट गई.
उसे मैंने बांहों में भर लिया और अपनी छाती से उसकी चूचियों को दबा दिया.

मैं बिन्नी के पीछे हाथ ले जाकर उसके चूतड़ों को सहलाता और भींचता रहा.
बिन्नी मेरे अंदर घुसी जा रही थी.

मेरे लण्ड का टोपा बिन्नी की चूत को रगड़ रहा था. चूत और लण्ड दोनों ही अपने अपने प्रिकम से लेसदार हो कर आराम से एकदूसरे से मिल रहे थे.

मेरा सुपारा चूत के आगे पीछे होता हुआ कई बार चूत के छेद पर अड़ चुका था.
जब भी सुपारा थोड़ा छेद को पकड़ता तो बिन्नी अंदर लेने के लिए मेरी तरफ जोर लगा देती थी.
उसका शरीर रह रह कर झटके खा रहा था.

मैंने बिन्नी को बेड पर बिठाया और लण्ड को उसके होठों से लगा दिया.
बिन्नी ने मेरी नजरों में देखा तो मैंने गर्दन के इशारे से उसे चूसने को कहा.

वो बोली- मुझे अच्छा नहीं लगता, मैंने कभी रोहन का भी नहीं चूसा.
मैं- बिन्नी, क्या रोहन और मैं बराबर हैं, क्या रोहन का लौड़ा ऐसा है?

बिन्नी ने एक बार मेरी तरफ देखा और …

तुरन्त लौड़े को मुँह में भर लिया और चूसने लगी.
मैंने भी प्यार से बिन्नी के गालों और बालों को सहलाना शुरू किया और धीरे धीरे उसके मुँह में लौड़े को आगे पीछे करता रहा.

बिन्नी को लौड़ा चूसने में मज़ा आने लगा.
मैं खड़ा खड़ा बिन्नी की चूचियों को सहलाता और मसलता रहा.
लौड़ा चुसते चुसते बिन्नी के मुँह से लार टपकने लगी थी.

मैंने बिन्नी को हाथ से थोड़ा धकेलते हुए बेड पर लिटा लिया और उसके ऊपर चढ़ गया.
अब बिन्नी मेरे शरीर के नीचे थी, मेरा लौड़ा उसकी चूत पर जांघों के बीच लगा था.

मैंने बिन्नी की एक चूची को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा.

जैसे जैसे मैं उसके मम्मों को पीता बिन्नी का शरीर झटके खाता रहा और बिन्नी आनन्द से अपना सिर इधर उधर मारती रही.

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