भाई और आशिक ने की 3सम चुदाई-1

नमस्कार दोस्तो, मैं आप लोगों की प्यारी मधु अपनी आत्मकथा में एक बार फिर तहेदिल से आप सभी का स्वागत करती हूँ और उम्मीद करती हूं कि आप लोग अच्छे और स्वस्थ होंगे.

आप लोगों ने मेरी पिछली सेक्स कहानी
प्रोड्यूसर का बेटा मॉडल पर फ़िदा
में पढ़ा था कि किस तरह हमारे डायरेक्टर के युवा बेटे राजीव ने मुझे गर्म करके चोदना शुरू करके खुद ठंडा हो गया था.

मुझे उस समय तो बहुत गुस्सा आया था लेकिन मैं शांत हो गयी. क्योंकि राजीव का वो फ़र्स्ट टाइम सेक्स था. उसके बाद से राजीव मुझे बराबर ही चोदने लगा था. उसे जब भी मौका मिलता, वो मेरी ढंग से चुदाई करता था.

अब वो फ़ोटो शूट के दौरान मेरे से खेलने भी लगा था. उसका जब भी दिल करता, वो मुझे छेड़ देता और मैं भी उसका साथ बराबर दे रही थी. वो अब मुझ पर पहले से ज्यादा पैसा लुटाने लगा था. हालांकि मुझे ये बात पसन्द नहीं थी, फिर भी मैंने सोचा कि लुटाने दो, मेरे बाप का क्या जा रहा है.

वो मेरे पर बिल्कुल लट्टू हो चुका था. वो मुझे कहीं भी अकेला नहीं छोड़ना चाहता था, हमेशा मेरे पास रहने की कोशिश करता था. मैं कहीं भी जाती, तो वो साथ रहता. मैं जब भी शॉपिंग जाती, वो मेरे साथ ही रहता था और मुझे अपनी पसंद की ड्रेसेस दिलाता, अपनी पसंद के अंडरगारमेंट्स दिलवाता और कभी कभी तो वो मेरे साथ ट्रायल रूम में घुस जाता था.

धर जब तक वो मुझे अच्छे से मसल कर मेरे चूचे नहीं चूस लेता, बाहर ही नहीं निकलता था. इस तरह से वो हमेशा ही शॉपिंग के दौरान मेरे से खूब खेलता. मैं भी उसका साथ देती थी क्योंकि मुझे भी ऐसी हरकतें बहुत पसंद थीं.

फिर आप लोगों को तो पता ही है कि ये सब हरकतें मैं कॉलेज टाइम में खूब किया करती थी. इसीलिए मैं राजीव के साथ जब भी रहती, मुझे ऐसा लगता कि मैं अभी कॉलेज लाइफ जी रही हूँ.

अब मैं और राजीव बहुत अच्छे दोस्त बन चुके थे.

धीरे-धीरे उसे मेरे भाई के बारे में पता चला कि मैं अपने भाई से चुदती हूँ. अब वो मेरे घर पर भी आ जाता. उसने वो मेरे भाई से दोस्ती कर ली. कुछ दिनों में मेरे भाई को भी ये बात मालूम हो गयी कि मैं राजीव से भी चुदती हूँ.

ये सब खुलासा होने के बाद मेरा भाई और राजीव आपस में बिल्कुल फ्रेंक हो चुके थे. मेरी चुदाई के बात करते हुए वे दोनों आपस में बिल्कुल बेशर्मी से बात करते थे. मैं भी उनकी बातों का मजा लेती रहती. कुछ ही समय में हम तीनों आपस में बिल्कुल फ्रेंक हो चुके थे. अब जहां भी मैं जाती, वो दोनों मेरे साथ ही जाते और हम तीनों हर जगह बहुत एन्जॉय करते.

पहले एक मर्द मेरे साथ खेलता था और अब दोनों मेरे साथ हर जगह खेलने लगे थे. मुझे भी अब दो के साथ खेलने में मजा आने लगा था. उनके साथ चाहे मैं पार्क में होऊं या मॉल में … या किसी पब्लिक प्लेस में … वो लोग मेरे साथ हरकत करने का एक भी मौका नहीं छोड़ते.

मुझे तो सेक्स एडवेंचर पहले से बहुत पसंद था. ऐसी ही मस्ती भरी जिन्दगी को मैं जी रही थी. हालांकि अभी तक मैं उन दोनों के साथ एक ही बिस्तर पर एक साथ नहीं चुदी थी. इसकी चर्चा वे दोनों अक्सर करते रहते थे कि एक साथ कबड्डी खेलने का प्लान बनाओ. मगर मैं मना कर देती थी.

मेरी एक फैंटेसी थी कि मैं अपने जीवन में एक साथ कभी ग्रुप सेक्स करूं तो खुले आसमान के नीचे करूं.

फिर एक दिन उन दोनों ने बिना मेरे से पूछे ही थ्री-सम का प्लान बना लिया. प्लान बनाने के बाद उन दोनों ने मुझे बताया. मैं तो सुनकर बहुत खुश हो गयी थी कि बहुत दिनों बाद थ्री-सम करने का मौका मिलेगा. लेकिन मुझे थोड़ा ड्रामा करना था.

मैं उन दोनों से थोड़ी गुस्से में बोली- तुम लोग पागल हो गए हो क्या? मुझे तुम लोग समझ क्या रखे हो?

तो मेरा भाई मेरे पास आया और मेरे गालों को चूमते हुए बोला- यार दी, हम दोनों का एकाउंट तो तुम्हारे बैंक में है ही … बस हम दोनों एक साथ जॉइंट एकाउंट खोलना चाहते हैं.
मुझे उसकी बात पर अन्दर से बड़ी हंसी आ रही थी, मगर मैं शांत रही.

मैं कुछ बोलती कि इतने में राजीव मेरे दूसरी साइड में बैठ गया और मेरे दूसरे गाल पर किस करते हुए बोला- मधु जी मान जाइए ना … कसम से आपको भी बहुत मजा आएगा.

मैं तो मन ही मन खुश ही हो रही थी … सो बस कुछ नहीं बोली.
इतने में मेरा भाई बोला- यार दी मान भी जाओ ना. मैं भी तुम्हें चुदते देखना चाहता हूँ.
ये कह कर वो मेरी चुचियों को दबाने लगा.

मैं बोली- साले तू तो बहनचोद था ही … और अब अपनी बहन को दूसरों से चुदते भी देखना चाहता है.
इतने में राजीव ने मेरी चुचियों को दबाते हुए कहा- मैं दूसरा थोड़ी ही हूँ. मैं तो इसका जीजा हूँ.

इतना कहते ही मेरी हंसी छूट गई … और हम सब हंसने लगे.

फिर मैं बोली- ठीक है, जो तुम लोगों को अच्छा लगे.
इतना सुनते ही वो दोनों खुश हो गए और मेरे गालों और चुचियों पर अपनी खुशी जाहिर करने लगे.

मैं दोनों को अलग करते हुए बोली- लेकिन मेरी एक शर्त है.
वे दोनों एक साथ बोले- क्या शर्त है?
मैं बोली- मैं घर में थ्री-सम नहीं करवाऊँगी.
राजीव बोला- कोई बात नहीं मधु जी, हम होटल चलेंगे.

इतने में मेरा भाई बोला- क्यों न हम तीनों आउट ऑफ सिटी चलते हैं.
मैं उसकी तरफ देख कर बोली- किस सिटी में?
भाई- जिस सिटी में चलने के लिए तुम बोलो.
मैं बोली- ओके तुम लोगों की जहां मर्ज़ी हो, चलो … लेकिन मैं ओपन एयर में सेक्स करवाऊंगी.

इतना सुनते ही दोनों के मुँह खुले के खुले रह गए.

मैं बोली- क्या हुआ … फट गई क्या?
इतने में राजीव बोला- नहीं अभी फटी नहीं … फाड़ना है. मधु जी आपका बहुत बढ़िया प्लान है … आपको इस तरह से खुले में चोदने में बड़ा मज़ा आएगा.
फिर मेरा भाई बोला- दीदी यार इसमें रिस्क बहुत है. अगर किसी ने देख लिया, तो लेने के देने पड़ जाएंगे.
मैं बोली- कुछ नहीं होगा … अगर किसी ने देख लिया, तो तेरा एक जीजू और बढ़ जाएगा.

इतना सुनते ही राजीव और मैं हंसने लगे.

मेरा भाई बोला- तो ठीक है … फिर फ़ोर-सम का मजा भी आ जाएगा, चलो मुझे कोई दिक्कत नहीं है.

मैंने उसके मुँह से फ़ोर-सम की बात सुकर उसे तरेरा, तो वो भी हंसने लगा.

अब हम लोगों ने मिलकर गोवा का प्लान बनाया. फिर तय की हुई तारीख़ को हम तीनों लोग गोवा पहुंच गए.

मैंने उन दोनों के साथ रास्ते में बहुत मस्ती की थी, जिसे मैं अपनी किसी दूसरी सेक्स कहानी में बताऊंगी कि मैंने उन दोनों के साथ क्या-क्या और किस तरह से मस्ती की.

हम लोग 11 बजे रात में गोवा पहुंच गए. वहां राजीव ने एक ही रूम बुक किया था. हम तीनों होटल के कमरे में आ गए. वो दोनों उसी समय मुझे चोदना चाह रहे थे, लेकिन मैं बुरी तरह थक चुकी थी … इसलिए मैं मना करके सो गयी. मेरे एक तरफ राजीव और दूसरी तरफ मेरा भाई लेट गया. वे दोनों मेरे अंगों के साथ खेलने लगे. मैं इतनी थकी थी कि मैं लेटते ही नींद के आगोश में चली गयी.

जब सुबह उठी, तो देखा कि उन दोनों ने मेरे पूरे शरीर पर अपने वीर्य की बौछार की हुई थी. मैं उनके वीर्य को देखते हुए मदमस्त हो गई थी. फिर मैंने उन दोनों को उठाया और नाश्ते का ऑर्डर कर दिया.

जब तक हम सब फ्रेश हुए. तब तक नाश्ता कमरे में ही आ गया था.

हम तीनों ने नाश्ता किया और बीच के लिए निकल पड़े. उस दिन मैंने होटल से ही एक ढीला सा वन पीस पहना था. बीच पर पहुंचते ही मैं उस वन पीस को उतार दिया और अब मैं एक छोटी सी बिकनी में रह गई थी. उन दोनों की मस्त और कामुक निगाहें मुझे गर्म करने लगी थीं.

फिर बीच पर हम लोगों ने ढेर सारी मस्ती की. जितने भी लोग हमारे आस-पास थे, वे सब हम तीनों को ही देख रहे थे. कुछ लोग तो हम लोगों की मस्ती की वीडियो भी बना रहे थे. कितने ही लड़कों ने तो मेरे साथ सेल्फी भी ली. मैं बहुत खुश थी.

हम तीनों ही वहां दिल खोलकर मस्ती कर रहे थे. राजीव और मेरा भाई मेरे साथ खुलकर रोमांस कर रहा था. कभी वो दोनों मुझे किस करते, तो कभी मेरे मम्मों से खेलते, तो कभी गांड पर चपत लगा देते. इस सबसे मैं भी काफी उत्तेजित हो रही थी.

फिर हम लोगों ने बोटिंग के दौरान भी खूब मस्ती की. मैं ऐसा अनुभव पहली बार ले रही थी. मेरा दिल तो कर रहा था कि ये दोनों मुझे यहीं ढंग से चोद दें … लेकिन वहां चुदना ठीक नहीं था.

हम लोग कामुकता की सारी हदें पार कर चुके थे. हम तीनों एक दूसरे में मग्न हो गए थे … लेकिन हम लोगों की ऐसी हरकतें कुछ लोगों को पसंद नहीं आईं. इसलिए कुछ लोग हम लोगों के पास आए और बोले- अगर आप लोगों को चुदना है … तो होटल जाकर चुदो ना. यहां और भी लोग हैं.

मेरा भाई उनसे झगड़ने लगा.
फिर मैंने उसे शांत करवाया और कुछ देर बाद हम तीनों होटल के कमरे में चले गए.

हम अभी तक थ्री-सम नहीं कर पाए थे. फिर हम लोगों ने प्लान बनाया कि रात में बीच के किनारे खुली हवा में चुदेंगे. ऐसा सोचते ही आगे का प्लान बन गया. चूंकि बीच की मस्ती से हम तीनों ही काफी थक गए थे, इसलिए हम लोगों ने कुछ देर रेस्ट किया. फिर दो घंटे बाद उठ कर आस-पास की जगहों पर घूमने चले गए.

हमारा बीच पर रात के 9 बजे जाने का प्लान बना था. अभी करीब 8:30 बज रहे थे.
राजीव बोला- मधु जी तैयार हो जाइए.
मैं बोली- तैयार क्या होना है. वहां जाकर तो चुदना ही है ना.

इतने में मेरे भाई ने मेरी बगल में बैठते हुए मेरे हाथ में एक पैकेट थमा दिया.

मैं बोली- इसमें क्या है?
मेरा भाई बोला- खुद खोलकर देख लो.

जैसे ही मैंने पैकेट खोला, तो उसमें से एक छोटी सी मिडी ड्रेस निकली.

मैं मज़ाक करते हुए बोली- इतनी बड़ी क्यों ले आए?
मेरा भाई भी मज़ाक करते हुए बोला- सही बोल रही हो दी, कुछ ज्यादा ही बड़ा साइज़ आ गया है.
राजीव हंस कर बोला- मधुजी आप चेंज कर लीजिए, फिर हम लोग चलते हैं.
मैं बोली- इसकी ब्रा पेंटी कहां है?
मेरा भाई कुटिल मुस्कान देते हुए बोला- मैं तो तुझे नंगी ही ले जाने को सोच रहा था. वो तो राजीव ने जबरदस्ती की, तो ले लिया.

मैं हंस दी और ड्रेस लेकर बाथरूम के तरफ बढ़ी.

तभी मेरे भाई ने मेरी कलाई पकड़ते हुए कहा- यहीं बदल लो रानी … हमसे क्या छुपाना.
मैं मुस्कुराते हुए बोली- थोड़ी सब्र करो … इंतजार का फल मीठा होता है साले बहनचोद.
उसको प्यार से गाली देते हुए और हंसते हुए मैं बाथरूम में घुस गई.

मैंने बाथरूम में जाकर ड्रेस चेंज की और खुद को आईने में देखकर मेरे मुँह से आह निकल गयी कि कोई इतनी हॉट कैसे हो सकती है. अगर मैं ड्रेस की बात करूं तो ऐसी मिडी आप लोगों ने हॉलीवुड की फिल्मों में देखी होगी. इस बदन से चिपकी हुई मिडी में मेरे आधे से ज्यादा चूचियां बाहर थीं. और नीचे पूरी गांड भी नहीं ढक पा रही थी.

अगर मैं दिन में ये ड्रेस पहन कर निकलती, तो लोग मुझे देख कर छोड़ते ही नहीं.

तभी मैं बाथरूम से बाहर निकली. मुझे देखते ही दोनों की आंखें फ़टी की फटी रह गईं और दोनों झट से मेरे पास आ गए.
लेकिन मैंने दोनों को दूर कर दिया और कहा- अभी कुछ नहीं … जो करना है बीच पर करना.

तभी मेरा भाई बोला- यार दीदी गजब की माल लग रही हो. अगर मेरी बहन ना होती, तो पक्का मैं तुमसे शादी कर लेता.
राजीव बोला- हां यार, तुम्हारी तो बहन है. मगर मैंने तो कितनी बार इससे शादी के लिए बोला है, लेकिन ये मानती ही नहीं है.
उन दोनों की बात सुनकर मैं बोली- ये भी सोचो कि तुम लोग खुशनसीब हो, जो बिना शादी किए शादी के सारे फायदे ले रहे हो.

मेरी बात सुनकर वे हंसने लगे.

फिर हम लोग जाने के लिए तैयार हो गए थे. तभी अचानक तेज बारिश होने लगी. पहले तो हम लोगों ने सोचा कि थोड़ी देर में बारिश खत्म हो जाएगी. लेकिन बारिश तो धीरे धीरे और तेज होती जा रही थी. मैं अब मायूस होने लगी थी.

राजीव बोला- मधुजी बारिश बहुत तेज है … रूम में ही थ्री-सम कर लेते हैं.
मगर मैं बोली- नहीं … बिल्कुल नहीं. अगर थ्री-सम करना है, तो ओपन में ही करूंगी.

इतने में मेरा भाई मेरे पास आया और मेरी गांड पर चपत मारते हुए बोला- मेरी बहना तुझे ओपन सेक्स ही करना है ना!
तो मैं उसके गालों को प्यार से उमेठते हुए बोली- हां मेरे चोदू भैया राजा.
वो हंस कर बोला- कोई दिक्कत नहीं है. … आज तो खुले में ही तेरी चूत और गांड फाड़ेंगे. आज तुझे ओपन सेक्स बारिश में करेंगे.
मैं बोली- वो कैसे?
मेरा भाई बोला- होटल के टैरेस पर चलते हैं.

मैं बोली- नहीं … वहां कोई आ गया तो!
मेरा भाई हंसते हुए बोला- तो क्या हुआ … मेरा एक जीजा और बढ़ जाएगा.
इतने में राजीव भी हंसते हुए बोला- बिल्कुल सही बोल रहे हो भाई, तेरी बहन को बारिश में चोदने में मजा आ जाएगा.

मैं भी उन लोगों की बातों को सुनकर रोमांचित हो गई. इतने में दोनों मुझे मनाने लगे. मेरी भी चूत में आग लगी थी, इसलिए मैं तुरंत मान गयी और हां कर दी.

तभी मेरे भाई और राजीव दोनों ने ही मुझे जकड़ लिया और चुम्बनों की बरसात कर दी. वे दोनों मेरे मम्मों, गांड, चूत के साथ खेलने लगे.

मैं बोली- रुको भी … पहले छत पर तो चलो.
इतने में मेरा भाई बोला- धीरज रखो मेरी बहना रानी … आज की चुदाई तुम हमेशा याद रखोगी.

वे दोनों मुझे फिर से चूमने लगे. मेरा भाई मेरे होंठों और गालों को चूम रहा था और बीच बीच में मेरी गांड को दबा रहा था. दूसरी तरफ राजीव मेरी अधनंगी चूचियों को मेरी मिडी के ऊपर से ही चाट रहा था … काट रहा था.

पता नहीं मुझे तो बस ऐसा लग रहा था कि आज मैं अपने जीवन की इस बहुप्रतीक्षित कल्पना के न जाने कितने करीब आ गई हूँ … मैं तो बस इस सबका लुफ्त उठाए जा रही थी. वो अपने हाथ से मेरी मिडी उठा कर मेरी चूत में उंगली कर रहा था, जिससे मैं गर्म होने लगी थी और दोनों का साथ दे रही थी. मैं कामवासना में बिल्कुल खो चुकी थी.

वो दोनों मेरे साथ क्या कर रहे थे … ये मुझे समझ में नहीं आ रहा था. बस मैं वासना के सागर की गहराई में गोते लगा रही थी. दो जवान लड़कों से ऐसे मैं पहली बार चुद रही थी. मैं इसके एक एक क्षण को महसूस करना चाहती थी. इसलिए मैं भी उन लोगों का जोश बढ़ाने के लिए दोनों के कभी होंठों को चूमती, तो कभी गाल. साथ ही मैं अपने दोनों हाथ उन दोनों की पैंट में डालकर उनके खड़े होते लंड मसलने लगी.

उनके लंड तो पहले ही विशाल रूप लिए हुए थे. मेरे हाथ लगते ही उनके लंड और भी ज्यादा अकड़ गए. हम तीनों एक दूसरे में बिल्कुल ही खो चुके थे. हम लोग भूल चुके थे कि हमें छत पर जाना था. मैं तो जैसे सातवें आसमान की सैर कर रही थी.

तभी मुझे अचानक याद आया की हमें तो ओपन सेक्स करना है. तभी मैंने ना चाहते हुए भी उन दोनों को अपने से अलग किया और बोली- सब कुछ यहीं करोगे क्या?
दोनों अलग होते ही मुझे खा जाने वाले नज़रों से देख रहे थे.
मेरा भाई गुर्राते हुए बोला- तो चल फिर आज तेरी यह तमन्ना भी पूरी कर देता हूं.

फिर हम रूम लॉक करके ऊपर छत पर आ गए. ऊपर जाने तक लिफ्ट में उन दोनों ने मिलकर मुझे बुरी तरह से मसल कर रख दिया था. मैं अब तक काफी गर्म हो गयी थी … बस यूं समझिए कि चुदने के लिए एकदम तैयार थी.

मेरी थ्री-सम चुदाई की कहानी का अगला पार्ट चुदाई से भरपूर होगा. आप पढ़ने से ना चूकिए. बस अभी एक प्यारी से मेल लिख कर मुझे और गर्म कर दीजिएगा, जिससे मैं थ्री-सम सेक्स करते अपनी चुत में आपका लंड महसूस कर सकूं.

आपकी चुदक्कड़ लेखिका सिर्फ आपकी प्यारी मधु.

कहानी का अगला भाग :  भाई और आशिक ने की 3 सम चुदाई-2