ऑफिस के दोस्त ने मेरी मां को चोदा

फ्रेंड’ज़ मॉम सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि एक बार मेरा ऑफिस का कुलीग मेरे घर रुका. मेरी मम्मी और उसकी खूब जमी. उसने मेरी मॉम की चूत कैसे मारी?

दोस्तो, काफी दिन हो गए थे, लॉकडाउन के बाद पहली बार दोस्त के साथ मैं अपने घर आया था.

मेरे इस दोस्त का नाम सैम था. सैम स्वभाव से बड़ा ही चंचल और शरारती था. वो दिखने में भी किसी मॉडल से कम नहीं था.
जिम से कसी हुई बॉडी, गोरा रंग और लंबा चौड़ा कद किसी भी औरत को पल भर में अपने वश में कर ले … वो ऐसा था.

वैसे सैम और मैं ज्यादा पुराने दोस्त नहीं थे, पर हम दोनों एक ही जगह जॉब करते थे … इसलिए वो मेरा दोस्त बन गया था.

वैसे वो मेरा सीनियर था. उसकी उम्र 32 साल की रही होगी और मैं अभी सिर्फ 23 साल का.

बहुत दिन के बाद आज अपने घर आकर मुझे काफी अच्छा फील हो रहा था.

सैम को भी मेरा घर पसंद आया और उसने मेरे घर की काफी तारीफ़ की. साथ ही उसने मेरी मां के काम … और उनकी खूबसूरती की काफी तारीफ की.
मेरी मां को भी शायद उसका बात करने का तरीका पसंद आ गया था. वो पूरे दिन उससे ही बात करती रही थीं.

उन दिनों मेरे पापा किसी काम से गांव गए हुए थे, इसलिए हमें घर पर 3 दिन रुकना था.

इस बीच एक दिन गुजरने पर मां और सैम की अच्छी दोस्ती हो गयी थी.

पर मैं ये नहीं समझ पाया था कि सैम को मेरी मां पसंद आ गयी थी या मेरी मां को सैम पसंद आ गया था.
मगर एक बात तो साफ़ समझ आ रही थी कि सैम मेरी मां से कुछ ज्यादा समीपता चाहता था.

शाम को मां ने मुझसे कहा- बाजार से कुछ सब्जी ले आओ.

मैं घर के बाहर निकल गया और मेरा दोस्त सैम घर में ही रह गया.
घर बाहर जाने पर मुझे याद आया कि सब्जी के लिए थैला तो लाया ही नहीं, तो मैं घर वापस आ गया.

मैंने घर के अन्दर कदम रखा ही था कि मुझे मां के खिलखिलाने की आवाज आई.
साथ में सैम की आवाज आ रही थी.

मुझे अचानक से न जाने क्या आया कि मैं ठिठक कर बाहर बरामदे में ही रुक कर मां और सैम की बातों को सुनने लगा.

तभी मां की आवाज आई- क्या कर रहे हो … मुझे छोड़ो न सैम. रात को मिलकर बात करूंगी. उस समय तुम्हारा जो मन करे … सो कर लेना.

इतना सुनकर मैं अचरज में पड़ गया कि रात को क्या कर लेने के लिए मां सैम से कह रही हैं.

मैंने दरवाजे की झिरी में से झांक कर देखा तो मेरा दोस्त मेरी मां को अपनी बांहों में कसे हुए उन्हें चूम रहा था और मां उसकी पकड़ से छूटने का प्रयास कर रही थीं.

तभी सैम ने मां के गालों को अपने दांतों से काटते हुए कहा- आप बेहद खूबसूरत हैं … मुझसे रहा ही नहीं जा रहा है.
मां ने उसे जवाब देते हुए कहा- सैम मैं भी बहुत प्यासी हूँ … मेरे पति का मेरे साथ कुछ करने का मन ही नहीं होता है. आज मैं खुद तुम्हारे नीचे आकर पिस जाना चाहती हूँ. मगर अभी मेरा बेटा बाजार से आने वाला हो सकता है. तुम रात में मेरे साथ जो भी करना चाहोगे … मैं खुल कर तुम्हारा साथ दूंगी.

इतना बोल कर मेरी मां ने खुद को सैम की बाजुओं से छुड़ा लिया और उससे अलग होकर मुस्कुराने लगीं.

तभी सैम ने कहा- अच्छा रात को मैं जिस हथियार से आपको खुश करूंगा … उसको आप अभी देखना चाहोगी?

मेरी मां जब तक कुछ कहतीं … सैम ने अपने पैंट की जिप खोल दी और वो अपना मोटा लंड बाहर निकाल कर मेरी मां के सामने लहराने लगा.

मेरी मां ने सैम का भीमकाय लंड देखा तो वो एकदम से घबरा गईं और बोलीं- ओ माय गॉड … तुम्हारा इतना बड़ा है … मैं तो मर ही जाऊंगी. मुझसे लिया ही नहीं जाएगा!
सैम ने कहा- अभी इसे चूम कर इससे दोस्ती कर लो … ये आपको रात में जरा भी नहीं सताएगा. प्लीज़ एक बार मुँह में लेकर देखो न जान!

सैम ने मेरी मां को जान कह कर सम्बोधित किया तो मेरी मां मुस्कुराने लगीं.

तभी सैम ने उन्हें हाथ से पड़ कर अपनी तरफ खींच लिया.
वो सैम के लंड के पास आ गईं और अगले ही पल सैम ने अपना लंड मेरी मां के मुँह में घुसेड़ दिया.
उन दोनों के बीच मस्ती होने लगी.

फिर मेरी मां ने दो मिनट में ही सैम के लंड को झड़ा दिया और अन्दर बाथरूम में चली गईं.

मैंने भी आज रात को मां की चुत चुदाई को देखने का निश्चय कर लिया.

फिर मैं वापस बाजार चला गया और बाजार से सब्जी एक बड़ी पोलीथिन में ले आया.

उस रात मैं जागता रहा और इस बात का इंतजार करता रहा कि मेरी मां और सैम के बीच कब चुदाई होती है.
मगर उस पूरी रात कुछ नहीं हुआ.

सुबह के 4 बजे होंगे, मैं सोया हुआ था.
मैं गहरी नींद में था … अचानक मुझे किसी की लात लगी.

मैं रात में सैम के साथ जमीन पर बिस्तर पर सोया था और मां पिछले कमरे में अपने बेड पर सोई हुई थीं.

जब मुझे उसकी लात लगी … तो मेरी नींद खुल गयी थी. पर मुझे लगा कि उसे शायद टॉयलेट जाना होगा इसलिए उठते समय उसकी लात लग गई होगी.

तो मैं यूं ही लेटा ही रहा.
तभी अचानक से याद आया कि कहीं मेरी मां की चुदाई का समय तो नहीं हो गया है.
मैं दम साधे चुपचाप लेटा रहा.

मेरी कोई भी हरकत ना होते हुए देख, उसे लगा मैं सोया ही हूँ. वो उठ कर पिछले कमरे में चला गया.

मां तब बाथरूम से नहाकर या सूसू करके निकली थीं और अपना बदन पौंछ रही थीं.
सैम ने उनको पीछे से देख लिया.

उसी समय सैम ने मुफीद मौका समझते हुए एक पल की देर न की … और तुरंत अपना बॉक्सर निकालकर सीधे आगे बढ़ गया.
उसने मेरी मां को पीछे से जकड़ लिया.

मां भी समझ गई थीं कि सैम आ गया है. वो उससे कुछ फुसफुसाकर बोल रही थीं कि तभी मैं भी पीछे से उठ कर उनके कमरे में जाने लगा था.

वो दोनों मां के कमरे थे.
मुझे बाहर से उनकी कुछ आवाजें आईं.

मैंने आजू बाजू देखा तो कोई नहीं था.

मैंने शाम को ही मां के कमरे की खिड़की से अन्दर देखने की जगह बना ली थी. मैंने उस खिड़की से अन्दर झांका तो सामने का दृश्य देख कर मेरे होश उड़ गए थे.

सैम ने मां की निक्कर … जो वो पहनने वाली थीं, उसे एक हाथ से नीचे खींच रखी थी और दूसरे हाथ की 3 उंगलियां मां की चूत में घुसाई हुई थीं.
मेरी मां भी चिल्ला नहीं रही थीं.

ये सब देख कर मैं पीछे हट गया और अब आगे जो होने वाला था, उसे देखने के लिए बेताब हो रहा था.

सैम ने मेरी मां की चूत से अपनी उंगलियां निकालीं और उनको घुटने के बल बिठाकर अपना मोटा सा लंड मां के मुँह में पेल दिया.
मां उसके मूसल से लंड को बड़े मजे से चूसने लगीं.

उनके लंड चूसने के अंदाज से ऐसा साफ़ लग रहा था मानो उन्होंने इतना मोटा लंड कभी नहीं चूसा हो.

सैम अपनी कमर पर एक हाथ रखे हुए था और वो अपने दूसरे हाथ से मेरी मां का सर अपने लंड की तरफ दबा रहा था.

मेरी मां किसी रांड की तरह सैम का लंड अपने गले गले तक लेकर चूसने लगी थीं.

थोड़ी देर बाद सैम ने मां की चूचियों को भींचना शुरू कर दिया और मेरी मां की घुटी हुई आवाजें निकलने लगीं.

एक दो मिनट तक लंड चूसने के बाद मां ने लंड मुँह से निकाला और सैम की तरफ देख कर कहा- सैम, तुम्हें जो भी करना है … जल्दी कर लो. मेरा बेटा जाग जाएगा तो बड़ी दिक्कत हो जाएगी.

सैम ने मेरी मां को अपनी गोद में उठा लिया और कमरे में उनके बेड पर लिटा दिया.

मां बिस्तर पर चित लेटी ही थीं कि सैम ने उनके दोनों पैर पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और मेरी मां के दोनों पैरों को अपने कंधे पर ले लिए.

इस पोजीशन में सैम के लंड का सुपारा मेरी मां की चुत से रगड़ खाने लगा.
मेरी मां की चुत से रस टपकने लगा था और उनकी गांड लंड चुत में लेने के लिए उठने लगी थी.

सैम ने भी देर न करते हुए लंड को चुत के छेद पर रख दिया.

गर्म लंड का अहसास अपनी चुत पर पाते ही मेरी मां बेताब हो रही थीं. उन्हें लग रहा था कि किसी तरह से मेरे दोस्त सैम का लंड चुत में घुस जाए.
वो चुदने के लिए बेकरार लग रही थीं.

उनके मुँह से मादक आवाजों से साफ़ लग रहा था कि शायद पापा ने मां को कई दिनों से नहीं चोदा था और उनकी चुत लंड के लिए उतावली थी.

मैंने भी आज पहली बार अपनी मां को नंगी देखा था और उनकी चुत भी मेरे अन्दर वासना भर रही थी.

तभी सैम ने एक जोर का झटका दिया और मेरी मां की चुत में अपना मोटा लंड पेल दिया.

लंड चुत में लेते ही मेरी मां की जोर की चीख निकल गई.
उसने मां का मुँह दबाते हुए कहा- धीरे … नहीं तो आपका लड़का जाग जाएगा.

ये कह कर उसने फिर से एक और झटका दे मारा और इसी के साथ मां की चूत में उसका लंड पूरा घुस गया.

मां अपना मुँह अपने हाथ से दबाती हुई छटपटाने लगी थीं.
मगर मेरी मां की चुदी हुई चुत ने मेरे दोस्त सैम का लंड अपनी चुत में जल्दी ही एडजस्ट कर लिया.

अब सैम ने शुरूआत में धीरे धीरे लंड को आगे पीछे करना शुरू किया और मां की चुत को सहज पाते ही उसने धमाचौकड़ी शुरू कर दी. अब वो ताबड़तोड़ मेरी मां चोद रहा रहा था.

पूरे 20 मिनट तक वो मेरी मां की चुदाई करता रहा और आखिर में मां की चूत में ही झड़ गया.

मेरी मां और वो दोनों लम्बी लम्बी सांसें लेते हुए हांफ रहे थे.
फिर वो दोनों अलग हुए और अपने कपड़े पहन कर खड़े हो गए.

मेरी मां ने मुस्कुरा कर सैम को देखा, तो सैम ने आंख मारते हुए कहा- मजा आया?
मेरी मां ने सर झुका कर कहा- हां बहुत.

सैम ने आगे पूछा- अब कब दोगी?
मेरी मां ने कुछ नहीं कहा, बस हल्के से मुस्कुरा दीं.

फिर सैम मेरे बगल में आने को हुआ, तो मैं झट से अपने बिस्तर पर आकर सो गया और वो भी मेरे बाजू में आकर सो गया.

सुबह उठ कर हम दोनों घूमने चले गए. सारे दिन मस्ती की.

शाम को उसने मुझे दारू पीने का ऑफर दिया. मैंने मंजूर कर लिया.
उसने मुझे एक बार में बिठाया और हम दोनों ने दो दो पैग स्कॉच के खींचे फिर घर आ गए.

घर पर मां ने मस्त खाना बनाया था और वो खाना परोसते वक्त सैम को मुस्कुराती हुई देख रही थीं.

मैं समझ गया कि आज फिर से कबड्डी का मैच होना तय है.

उस दिन रात को दो बजे सैम उठा, तो मैं जाग गया और उसे मां के कमरे में जाता हुआ देखता रहा.

कुछ मिनट बाद मैंने उठ कर मां के कमरे की खिड़की की झिरी में आंख लगा दी और अन्दर का मस्त नजारा देखने लगा.

मेरी मां पूरी नंगी थीं और सैम का लंड चुस रही थीं.
कुछ देर बाद सैम ने उनकी चुत चाटी. फिर वो दोनों 69 में हो गए और एक दूसरे के लंड चुत चाटने लगे.

थोड़ी देर की चुसाई के बाद वो दोनों झड़ गए और नंगे ही लिपट कर बातें करने लगे.

करीब दस मिनट बाद सैम का लंड फिर से खड़ा हो गया और उसने मेरी मां को घोड़ी बना दिया.
पीछे से लंड चुत में फिट किया और धकापेल चालू हो गई.

सैम मेरी मां की चूचियां पकड़ कर धकापेल मचाए हुए था.

तभी उसने मेरी मां की गांड पर धौल जमाते हुए कहा- बड़ी मक्खन गांड है … एक बार बजा लेने दो.
मेरी मां ने एकदम से घबरा कर पीछे मुड़ते हुए कहा- नहीं … उधर नहीं.

फिर वो दोनों अपनी चुदाई में मस्त हो गए.

उस दिन काफी समय मिलने के कारण सैम ने मेरी मां की चार बार चुदाई की.
सुबह सुबह वो मेरे बाजू में आकर सो गया.

तीसरे दिन हम दोनों वापस आ गए.
उन्हें पता ही नहीं था कि मैंने भी उनकी चुदाई देख कर पूरा आनन्द लिया था.

मुझे अपने दोस्त से मां चुदवा कर कोई मलाल नहीं था. बल्कि एक ख़ुशी सी थी कि मेरी मां की जिस्म की प्यास मिट गई थी.
हर किसी को अपनी शारीरिक भूख मिटाने का हक होता है. मेरी मां को भी है.

दोस्तो, ये मेरी फ्रेंड’ज़ मॉम सेक्स स्टोरी है, आपको कैसी लगी. प्लीज़ मुझे मेल करें.
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