दोस्तो, मैं हिमाचल का रहने वाला हूँ. मेरा नाम सनी है. कद 5 फुट 7 इंच है, लंड 6 इंच का बहुत मोटा है. मेरा लंड किसी लड़क़ी या भाभी को चुदाई का पूरा मजा देने में काबिल है. मैं अपनी एक कहानी लेकर हाज़िर हूँ. मैं सेक्स कहानी पहली बार लिख रहा हूँ. मुझसे कोई गलती हो जाए तो प्लीज़ माफ कर देना.
यह कहानी 3 साल पहले की है. मैं घर से जॉब के लिए निकला और मैंने देहरादून जाने के लिए बस ली. मैं देहरादून में ही जॉब करता हूँ.
जब बस स्टैंड से चली, तब बस में ज्यादा लोग नहीं थे. पर जब बस एक स्टॉप पर चाय के लिए रुकी, तो वहां भीड़ ज्यादा थी. बस रुकी और सबने चाय आदि पी. जब उस स्टॉप से बस चलने को हुई, तो मैंने देखा कि एक लेडी मेरी सीट पर बैठ गयी है. उसके साथ एक आदमी बैठा हुआ था. मैं अपनी सीट पर गया और उस आदमी को बोला कि ये सीट मेरी है. उसे उठाते हुए मैं अपनी सीट पर बैठ गया. मैंने उस आदमी को तो उठा दिया लेकिन उस लेडी को खिड़की वाली सीट दे दी.
जब कंडक्टर आया और उसने टिकट के लिए कहा, तो उसने मुँह फेर लिया और बाहर देखने लगी. कंडक्टर ने मेरा टिकट बनाया और उससे फिर से टिकट के लिए कहा. पर उसके पास पैसे नहीं थे.
देखने में वो लेडी भले घर की लग रही थी, लेकिन पैसे न होने की बात से मैं भी चकरा गया. मैंने उससे पूछा तो उसने बताया कि जल्दी में उसके पैसों वाला पर्स घर ही रह गया. ये कहते हुए वो रोने लगी.
मैंने उसको चुप करवाया और उसका टिकट भी मैंने लेकर दे दिया.
उसने मुझे थैंक्यू बोला.
अब मैं आपको उसके बारे में बता देता हूँ. उसकी नई नई शादी हुई थी. उसने साड़ी डाली हुई थी. उसका बदन बड़ा ही मस्त था. उसका फिगर 32-28-30 का था उसका नाम गोपनीय रखना चाहता हूँ.. मगर मजा लेने के लिए हम उसका नाम रोशीना रख लेते हैं. उसको चंडीगढ़ जाना था.
जब उससे बात हुई तो पता लगा कि उसका पति आर्मी में है और शादी को 2 ही महीने हुए हैं. अब आप सोच लो कि वो कितना मस्त माल होगी.
सफ़र जारी हो गया. जैसे जैसे रात हुई. बस में ठंड भी लगने लगी. उससे काफी देर तक बात हुई थी, जिससे वो मुझसे काफी खुल गई थी. वो ठंड लगने के कारण मुझसे चिपक कर बैठ गयी. शायद उसको प्यार की जरूरत थी.
मैंने भी उसको कुछ नहीं कहा. थोड़ी देर बाद उसको गहरी नींद आने लगी तो उसने सोने के लिये मेरी गोदी में सर रख दिया और सो गई. इस स्थिति में सोने से उसके होंठ ठीक मेरे लंड के ऊपर थे. मेरा लंड भी खड़ा हो गया था. जब मेरे लंड ने फूलना शुरू किया तो यह बात उसको पता लग गयी थी.
पर वो खुद को बेखबर जतलाते हुए सोई रही; उसने उठने की भी कोई जहमत नहीं की. इससे मेरी हिम्मत बढ़ गयी. मैंने उसकी पतली कमर पर हाथ रखा और उसकी प्रतिक्रिया देखने लगा. उसने मेरी हरकत का कोई प्रतिरोध नहीं किया. मैंने उसकी कमर को सहलाना शुरू कर दिया. उसने अब भी कोई विरोध नहीं किया. फिर मैंने हाथ आगे लाकर उसकी चूची को दबाना शुरू कर दिया.
अब वो मादक सिसकारियां लेने लगी. उसने मेरा लंड मसलना चालू कर दिया और मेरी पेंट की जिप खोल कर अन्दर हाथ डाल दिया. उसके हाथ से लंड टटोलना … आह कसम से मुझे मजा आने लगा.
मैं उसकी चूत को उसकी साड़ी के ऊपर ही दबाने लगा. वो मस्त हो गयी. थोड़ी ही देर में हम दोनों का पानी छूट गया. उसने रूमाल से मेरा लंड साफ किया और रूमाल आने पास रख लिया. वो काफी खुश हो गयी थी और मुझे किस करने लगी थी.
दोस्तो, बस के सफर का पता नहीं लगा कि कब उसका स्टॉप आ गया. उसने मुझे साथ चलने को कहा और मैं मना नहीं कर सका.
हम दोनों बस से उतर गए, ऑटो लिया और उसने घर की ओर चले.
उसने घर पहुंचते ही मुझे सामान पकड़ा दिया और चाभी से लॉक खोलने लगी. मुझे समझ आ गया कि उसके घर में कोई नहीं था.
अन्दर आते ही उसने मुझे कसके पकड़ लिया और किस करने लगी. मैंने भी उसका साथ दिया और हम दोनों गुत्थम गुत्था हो गए.
कब हम दोनों के जिस्म से कपड़े अलग होने शुरू हो गए, पता ही नहीं चला. मैंने उसकी साड़ी को निकाला, तो वो ब्लाउज और पेटीकोट में रह गई थी. मैं उसको गोदी में उठाकर उसके बेडरूम में ले गया. अन्दर उसको बेड पर लिटाते हुए मैं उसके ऊपर चढ़ गया. फिर उसको किस करते हुए उसके ब्लाउज को उतार दिया. उसने चूची को ब्रा के ऊपर से मेरी ओर कर दी, तो मैं उसकी कड़क चूचियों को मसलने लगा.
फिर उसकी ब्रा उतार कर उसके चुचों को चूसने लगा. मैंने उसके मम्मों को चूस चूस कर लाल कर दिया. वो खुद भी अपनी चूची पकड़ कर मुझे पिला रही थी. चूची पिलाने से ही उसकी चुदास बढ़ती जा रही थी. मैंने उसकी चूची के बाद उसकी कमर, फिर नाभि को भी खूब चूसा.
इसके बाद उसने मेरे आधे खुले कपड़े उतार दिए. मैं पैन्ट के अन्दर कच्छा कम ही पहनता हूँ. जैसे ही पैन्ट हटी, उसने मेरा खड़ा लंड देखा और खुश हो गयी.
वो बोली- मेरे पति का लंड न तो लम्बा है और न ही मोटा है. तुम्हारा लंड तो काफी मोटा है.
मैं उसके मुँह से अपने लंड की तारीफ़ सुनी, तो उसकी तरफ लंड हिलाया. उसने मेरे लंड को बस किस ही किया.
मैंने भी समझ लिया कि ये लंड चूसने वाली आइटम नहीं है. मैंने ज्यादा जोर न देते हुए आगे की राह देखी. उसका पेटीकोट उतारा तो देखा उसने लाल रंग की पेंटी डाल रखी थी. मैं उसकी टांगों को चूमता हुआ उसकी चूत के पास आ गया. फिर उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को किस किया. वो चूत पर मेरे लब पाते ही एकदम से गनगना उठी. मैंने भी तत्काल उसकी पैंटी निकाल दी.
उसकी प्यारी सी चूत एकदम बंद से लग रही थी, ऐसा लगता था कि इसकी चूत को अच्छी तरह से चोदा ही नहीं गया था. मैंने उसकी चूत को प्यार से चूमना और चूसना शुरू कर दिया. वो मदहोश हो गयी … मेरे सर को अपनी चूत में दबाने लगी.
थोड़ी देर में ही उसका पानी निकल गया. मैं सारा चूतरस पी गया.
अब वो मुझे अपने ऊपर खींचने लगी. मैंने उसकी चूत के रस से सने अपने होंठ उसके लाल होंठों में लगा दिए और उसे जम कर किस करते हुए उसको उसकी चूत के रस का स्वाद चखा दिया.
इसके बाद मैंने उसने लंड चूसने को कहा, पर उसने मना कर दिया. मैंने भी ज्यादा जोर नहीं डाला.
वो बोली- यार अब मत तड़फाओ.. जल्दी से मेरी प्यास बुझा दो.
मैंने उसे चित लिटाया और टांगें खोल कर चूत को लंड के सामने रख लिया. इसके बाद मैं अपना लंड उसकी चूत में रगड़ने लगा.
दो मिनट लंड रगड़ा तो बेकरारी से बोली- अब जल्दी से डाल दो ना.
मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया, जिससे उसकी चूत ऊपर उठ गई. फिर सुपारे को चूत की फांकों में दबा कर मैंने एक हल्का सा धक्का मारा. मेरा लंड थोड़ा सा अन्दर घुस गया.
वो मुझे रोकने लगी और कराहते हुए बोली- आह.. आराम से करो ना.. दर्द होता है.
मैंने उसके होंठों पर किस किया और एक झटका मारा. मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया. वो दर्द से रोने लगी पर मैंने उसको किस करना नहीं छोड़ा.
मैं थोड़ी देर ऐसे ही पड़ा रहा. थोड़ी देर में वो गांड हिलाने लगी. फिर मैंने एक और झटका मारा और अपना पूरा लंड उसकी चूत में अन्दर तक डाल दिया. उसकी आंखों से पानी निकल आया … वो रोने लगी पर मैंने उसको चोदना नहीं छोड़ा. मैं आराम आराम से उसको चोदता रहा.
कुछ देर बाद वो भी मजे लेकर चुदने लगी. वो मजा लेते हुए सिसकारने लगी- आह आह.. जोर से करो.. मजा आ रहा है.. जोर से चोदो मुझे.. और जोर से.
मैंने भी जोर जोर से धक्के मारे और उसको जम कर चोदा. फिर उसका बदन कांपने लगा … वो झड़ने लगी; उसने मुझे कस के जकड़ लिया. वो जोर से ‘आआह..’ करती हुई झड़ गयी.
लेकिन अभी मेरा काम नहीं हुआ था. तो कुछ पल यूं ही चोदने के बाद मैंने उसको घोड़ी बनने को बोला. वो झट से घोड़ी बन गयी. मैंने उसको पीछे से लंड लगा कर चोदा.. और उसके चुचों को पकड़ कर मसलने लगा.
वो भी आआह आआह करते हुए मजे ले रही थी. इसके बाद मैंने उसको अपने ऊपर ले लिया. उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत में डाल लिया और झटके मारने लगी. थोड़ी देर में वो फिर झड़ गयी.
अब मेरा भी काम होने वाला था. मैंने उसको नीचे कर लिया और लंड चूत में डालकर झटके मारने लगा. बस 10-12 झटके मारने के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.
हम थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे. उसके चेहरे में खुशी चमक रही थी. वो मुझे चूमे जा रही थी. वो बोली- ऐसे तो उसके पति ने भी नहीं किया, जो मजा तुमने मुझे दिया.
उस रात मैंने उसको 3 बार और चोदा.. और सो गया. सुबह कब हुई पता नहीं लगा. जब आंख खुली तो वो बेड पर नहीं थी. थोड़ी देर में वो नंगी ही चाय बनाकर ले आई. हम दोनों ने नंगे ही चाय पी और मैंने उसको एक बार फिर से चोदा.
दो दिन मैं उसके साथ उसी के घर रहा और उसको जम कर चोदा. वो बहुत खुश थी. पता ही नहीं लगा कि कब टाइम खत्म हो गया.
अगली सुबह आने से पहले हम साथ नहाये और उसको नहाते हुए मैंने रगड़ कर चोदा. फिर मैं चाय नाश्ता करने के बाद जाने लगा, तो वो रोने लगी और मुझे जोर से किस किया.
मन तो मेरा भी नहीं था. पर ड्यूटी भी थी, तो आना पड़ा. उसने मुझे अपना फोन नम्बर दिया और थोड़े रुपये भी दिये.
मैंने मना किया, पर वो मानी नहीं. मैंने भी उसको किस किया और आ गया.
जब उससे फोन से बात हुई, तो उसने मिलने को बोला.
उसकी गांड कैसे मारी, ये अगली बार बताऊंगा. आपको ये सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बताएं.