बचपन से दोस्त बुआ की बेटी से प्यार

दोस्तो, मैं आज आपको अपनी एक और रीयल स्टोरी सुना रहा हूँ. ये बात आज से दो साल पहले की है. मैं अपने बिजनेस के सिलसिले में अपने होम टाउन जाता रहता हूँ. वहां पर मेरे सारे ही रिश्तेदार रहते हैं. मैं वहां अपने मकान में जाकर ठहरता था लेकिन दो-तीन घंटे के बाद मैं अपनी बुआ जी के घर चला जाता था.

असली कहानी यहीं से शुरू होती है क्योंकि मेरी बुआ जी की लड़की बचपन से ही मेरी दोस्त रही है. हम दोनों एक दूसरे को बहुत पसंद करते थे लेकिन कभी कह नहीं पाये थे. मगर हमारे बीच में ओरल सेक्स बहुत बार हो चुका था और होता ही रहता था. इसमें किसिंग और सकिंग भी शामिल थी.

मगर अब मेरी बुआ जी उसकी शादी की बात करने लगी थी. उसकी शादी को लेकर घर में बातें होने लगी थीं. मगर मेरी कज़िन इस शादी के लिए तैयार नहीं थी. वह एक खुले विचारों वाली लड़की थी. हालांकि वो लोग गांव में ही रहते थे लेकिन उनके पास पैसे की कोई कमी नहीं थी. मेरे फूफा जी भी उसकी शादी करने के लिए पूरी तैयारी कर रहे थे.

यहां पर मैं उस लड़की का नाम नहीं बता रहा हूँ क्योंकि मैं नहीं चाहता कि उसकी बदनामी हो जाये. उसने कई बार अपने घर वालों को मना किया कि वह इस शादी को नहीं करना चाहती. वो मेरे साथ रहना चाहती थी. लेकिन उसके घरवाले उसकी बात नहीं मान रहे थे.

वह एक दिन मेरे पास आई और मुझसे मदद मांगने लगी.
बोली- साजिद, तुम मेरी मदद करो.
मैंने कहा- किस तरह की मदद चाहिए तुम्हें?
वो बोली- मैं तुम्हारे साथ भाग चलने के लिए तैयार हूं लेकिन इस शादी के लिए तैयार नहीं हूं.

जब उसने एकदम से भाग चलने की बात कही तो मैं सहम सा गया. मैं ऐसा नहीं करना चाहता था क्योंकि इससे दोनों ही फैमिली में झगड़ा शुरू हो जाता और दोनों ही परिवारों की बदनामी होने का भी डर था इसलिए मैंने उसकी बात नहीं मानी और उसको समझाने की कोशिश की.
पहली बार में तो उसने मेरी बात नहीं मानी लेकिन मेरे बहुत समझाने के बाद फिर वह इस शादी के लिए तैयार हो गई.

फिर उसकी शादी का दिन भी आ गया. जिस दिन उसकी शादी हो रही थी वह बहुत उदास सी दिखाई दे रही थी. मैं उसकी उदासी का कारण जानता था लेकिन इसके अलावा हमारे पास कोई और रास्ता नहीं था. जब उसकी विदाई होने लगी तो सब लोग उसको विदा करने लगे.

उसने मुझसे भी साथ में चलने के लिए कहा क्योंकि मैं रिश्ते में उसका भाई लगता था. मगर मैं उसके साथ नहीं जाना चाहता था लेकिन जब वह नहीं मानी तो सब लोग भी मुझे उसके साथ जाने के लिए कहने लगे.

चार घंटे की यात्रा के बाद हम उसके ससुराल पहुंच गये. ससुराल में पहुंचने के बाद भी वो बार-बार मुझे ही देख रही थी. पहली रात को तो वो अपने पति के साथ सो गयी लेकिन अगले दिन सुबह होते ही मेरे बारे में पूछने लगी. उसके रियल भैया ने मेरे पास आकर बताया कि मेरी बहन आपको पूछ रही है. जब मैं नहीं गया तो वह वहीं पर ड्राइंग रूम में मेरे पास आ पहुंची. मैं एकदम से डर गया क्योंकि वो एकदम से मेरे पास आकर मेरे साथ सोफे पर बैठ गई.

मैं सोच रहा था कि अगर नई दुल्हन को किसी ने इस तरह से मेरे साथ बैठे हुए देख लिया तो लोग शक करने लगेंगे. मैंने उसको वहां से जाने के लिए कहा लेकिन वो नहीं मानी. उसके बाद हम उसकी विदाई करके जब दोबारा आये तो वह बार-बार मेरे पास आने की कोशिश करने लगी. मैं उससे बचना चाह रहा था. वो जब भी मेरे पास आती थी मैं उसको टालने के लिए बहाने करने की कोशिश करता था लेकिन वो मान नहीं रही थी.

जब शादी में आये हुए सारे मेहमान चले गये तो उसने मुझे आकर बताया कि उसकी सुहागरात नहीं हुई है. मैं वहीं पर रुका हुआ था एक महीने के लिए.

फिर एक रात की बात है वो अचानक से मेरे पास आई. जब मैं अपने रूम में सो रहा था. मेरे अलावा कमरे में कोई भी नहीं था. उसने मेरे सीने पर हाथ फिराना शुरू कर दिया तो मेरी नींद खुल गई. मैं उसको देख कर चौंक गया और उठ कर बैठ गया.
मैंने कहा- तुम यहां क्या कर रही हो? किसी ने देख लिया तो कोई क्या सोचेगा?
वो बोली- देखने दो, मुझे किसी की परवाह नहीं है. मेरी मर्जी, मैं कुछ भी करूं.

फिर उसने मुझे अपनी तरफ खींचते हुए मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया. मैंने घबरा कर उसको अलग करने की कोशिश की. लेकिन वो बार-बार मुझे किस करने लगती थी. फिर कुछ ही देर में मैंने भी उसका साथ देना शुरू कर दिया.

उसके बाद बहुत देर तक हम दोनों किस करते रहे.
वो बोली- मैंने तुम्हारी अमानत को अभी तक संभाल कर रखा हुआ है.
मैंने पूछा- कौन सी अमानत?
वो बोली- मैं अभी तक कुंवारी हूं. मैंने अपने पति के साथ सेक्स नहीं किया है. मेरी वर्जीनिटी पर पहला हक तु्म्हारा ही है साजिद. उसके बाद भले ही मेरा पति मेरे साथ सेक्स कर ले लेकिन पहला सेक्स मैं तुम्हारे साथ ही करना चाहती हूं. मैं तुम्हारे अलावा किसी और के साथ अपनी वर्जीनिटी लूज़ नहीं करना चाहती. पहले तुम मेरे साथ सेक्स इंजॉय करोगे, उसके बाद मेरा पति मेरे साथ सेक्स इंजॉय करेगा.
मैंने कहा- लेकिन यह सब ठीक नहीं है.

वो बोली- तुम ऐसा मत बोलो, देखो घर में कोई नहीं है इस वक्त. सब लोग गये हुए हैं. वहां पर सब लोगों ने एक साथ मेरी शादी की वीडियो देखने के लिए प्लान किया हुआ है. हम दोनों को इस मौके का फायदा उठा लेना चाहिए.
मैंने कहा- हमें भी उन लोगों के साथ बैठ कर तुम्हारी शादी की विडियो देखनी चाहिए, नहीं तो किसी को शक हो जायेगा.
वो बोली- मैं तुम्हें उसी के लिए यहां पर बुलाने आई थी लेकिन तुमको जब सोते हुए देखा तो मेरे अंदर सेक्स करने की इच्छा जागने लगी. इसलिए अब देर मत करो और मेरी वर्जीनिटी को तोड़ दो.

इतना कहकर उसने फिर से मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया. मैं भी उसका साथ देने लगा. वो मेरे साथ सेक्स करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती थी. इसलिए मैं भी उसके साथ मजा लेने लगा. फिर मैंने जल्दी से अपनी कज़िन की शर्ट उतार दी और वह मेरे सामने ब्रा में ही रह गयी थी. मैंने उसके मम्मों को दबाते हुए ब्रा के ऊपर से ही चूसना शुरू कर दिया. फिर मैंने उसकी ब्रा के हुक भी खोल दिये. मगर उसकी ब्रा अभी भी उसके मम्मों में फंसी हुई थी. उसके चूचे बहुत ही कसे हुए थे. इसलिए मैंने अपने हाथों से ही उसकी ब्रा को हटाया और उसके चूचों को नंगे कर दिया.
मेरी कज़िन के चूचे एकदम सफेद थे बिल्कुल दूध के जैसे. मैंने उसके चूचों को चूसना शुरू कर दिया. वो भी अपने चूचों को चुसवाते हुए गर्म होने लगी थी. उसके मुंह से आह-स्स् … आह … साजिद निकल रहा था और वो अपने चूचों में मेरे होंठों को दबा रही थी.

कुछ ही देर में वो पूरी तरह से गर्म हो गई थी. फिर मैंने उसकी सलवार भी उतार दी. उसकी पैंटी पर हाथ फिरा कर देखा तो वो गीली हो चुकी थी. मैंने उसकी पैंटी को अपने हाथ से मसल दिया और उससे पच-पच की आवाज निकली. उसकी चूत ने चिपचिपा पदार्थ निकाल कर उसकी चूत को गीली कर दिया था. मैंने उसकी पैंटी को निकाल दिया और उसकी चूत को नंगी कर दिया. उसकी कुंवारी चूत से रस निकलने के कारण वो चिकनी हो गई थी.

मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी और वो चिहुंक गई. फिर मैंने धीरे से अपनी उंगली को उसकी चूत में चलाना शुरू किया. वो अब पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी. उसको भी मजा आने लगा था. फिर मैंने दो उंगली एक साथ डाल दी तो उसको तकलीफ होने लगी. इसलिए मैंने अपनी उंगली बाहर निकाल ली.
वो बोली- साजिद, मुझे तुम्हारी उंगली के साथ सेक्स नहीं करना है. मैं तुम्हारे लंड को अपनी चूत में लेकर उसका मजा लेना चाहती हूँ. जल्दी से अब मेरी चूत में अपना लंड डालो, मेरी चूत और ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर पा रही है.

चूंकि हमारा पहला सेक्स था और उसकी चूत कुंवारी थी इसलिए मैं भी थोड़ा नर्वस हो रहा था. इसलिए मैंने अपने लंड पर तेल लगा लिया ताकि मेरा 9 इंच का लंड आराम से उसकी चूत में जा सके.
फिर मैंने अपने लंड का सिरा उसकी चूत पर रख दिया और उसको धीरे से अंदर धकेलने की कोशिश करने लगा. उसको दर्द होने लगा तो वो बोली- आराम से करो साजिद… दर्द हो रहा है … आह्ह … उई …
मैंने कहा- बस, कुछ नहीं होगा, मैं बिल्कुल आराम से तुम्हारी चूत में अपना लंड सेट कर दूंगा. तुम विश्वास करो. मैंने थोड़ा सा और जोर लगाया और उसकी चूत में मेरा आधा लंड चला गया. वो दर्द से कराहने लगी लेकिन मैंने धीरे-धीरे अपना लंड उसकी चूत में चलाना शुरू कर दिया ताकि उसकी चूत में उसको मजा आने लगा.

नीचे देखा तो उसकी चूत से खून निकल रहा था. मुझे पता चल गया कि उसकी कुंवारी चूत की झिल्ली फट गई है. यह उसी का खून निकल रहा है. लेकिन मैंने लंड को उसकी चूत में चलाना चालू रखा. मैं धीरे-धीरे उसकी चूत में लंड को चलाता रहा.

फिर जब वो थोड़ी सी नॉर्मल हो गई तो मैंने एक जोर का धक्का दिया और पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया.
वो चीख पड़ी. मैंने उसके होंठों पर हाथ रख दिया ताकि उसकी चीख बाहर न आ सके.
उसके होंठों को चूसने लगा मैं. वो काफी देर तक कराहती रही. लेकिन मैंने उसकी चूत से लंड को बाहर नहीं निकाला. उसके बाद फिर मैंने उसकी चूत में धक्के देने शुरू किये. उसको दर्द हो रहा था लेकिन थोड़ी ही देर में फिर उसको भी मजा आने लगा.

वो बोली- आह साजिद, मेरी चूत को जोर से चोदो अब, बहुत मजा आ रहा है.
मैंने उसकी चूत में जोर से लंड को अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. उसके बाद उसकी चूत पूरी खुल गई और वह कामुकता में मजा लेने लगी. आह-आह साजिद मेरी चूत को बहुत मजा आ रहा है. चोदो इसको. मैं तुम्हारे लंड से ऐसे ही चुदना चाहती हूं. उम्म्ह… अहह… हय… याह…

मैं भी जोश में आ गया था. मैंने उसकी चूत को तेजी के साथ चोदना शुरू कर दिया. पंद्रह मिनट तक उसकी चूत में मैंने तेजी के साथ जोरदार स्ट्रोक लगाये और फिर मेरे लंड से माल निकलने को हो गया.
मैंने कहा- मेरा माल निकलने वाला है.
वो बोली- मेरी चूत में ही निकाल दो.
मैंने दो-तीन धक्कों के साथ उसकी चूत में अपना सारा माल निकाल दिया. वह मेरे लंड से चुद कर शांत हो गई. उसके बाद मैं उठ गया. उसने अपने कपड़े पहन लिये और बाहर चली गई.

हम दोनों का संबंध अभी तक चल रहा है. हम जब भी मिलते हैं तो हम लोग सेक्स इंजॉय करते हैं. वो कहती है कि जो मजा तुम्हारे लंड से आता है वो मजा मुझे अपने पति के लंड से नहीं मिल पाता है.

मैं भी उसकी चूत को चोद कर उसको खुशी देता हूं. मुझे भी उसके साथ बहुत मजा आता है. मैं एक महीना वहां पर रहा तो मैंने ही उसकी चूत की चुदाई की. उसके पति के साथ तो उसकी चुदाई बहुत कम हुई है. फिर उसके बाद मैं अपने घर आ गया था. जब भी वो अपने घर आती थी तो मुझे बुला लेती थी.

उसकी चूत को मेरा ही लंड अच्छा लगता था. मैं भी उसकी टाइट चूत को चोदने के लिए हमेशा तैयार रहता था. हम लोगों ने उसकी शादी के बाद भी बहुत बार सेक्स किया है और अभी भी करते रहते हैं. वह कहती है कि उसके पति का लंड इतना मोटा नहीं है लेकिन मेरा लंड उसकी चूत में पूरी तरह से फंस जाता है. मैं भी उसकी चूत को चोदते हुए पूरा मजा लेता हूँ.

तो दोस्तो, आपको यह कहानी कैसी लगी, मुझे कमेंट करके जरूर बताना. आपके कमेंट से मुझे आगे भी स्टोरी लिखने की हिम्मत मिलेगी.